जानिए, बैडमिंटन का रैकेट छोड़ सिंधु ने सिर पर ये क्या उठाया

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Published on: 27 Aug 2016 7:56 PM GMT
जानिए, बैडमिंटन का रैकेट छोड़ सिंधु ने सिर पर ये क्या उठाया
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हैदराबादः शनिवार को एक हैरतअंगेज तस्वीर सामने आई। ये तस्वीर पीवी सिंधु की थी। रियो ओलंपिक की बैडमिंटन स्पर्धा में देश को सिल्वर मेडल दिलाने वाली सिंधु को साड़ी पहने देखकर लोग हैरत में थे। वह सिर पर एक परात जैसी चीज में कुछ लिए भी हुई थीं। सिंधु की ये तस्वीर देखकर लोग सोच में पड़ गए कि वह कहां जा रही थीं और सिर पर क्या ले जा रही थीं। तो चलिए, बता देते हैं आपको कि सिंधु आखिर कर क्या रही थीं।

मंदिर गई थीं सिंधु

दरअसल, सिंधु हर साल महाकाली की पूजा करती हैं। उन्होंने मन्नत मानी थी कि अगर ओलंपिक में पदक जीतेंगी तो महाकाली के दरबार में हाजिरी लगाएंगी। अपनी मन्नत पूरी होने के बाद उन्होंने भारतीय नारी का वेश धरा। सिर पर बोनम (पूजा का सामान) लिया और हैदराबाद के लाल दरवाजा स्थित काली मंदिर में पूजा-अर्चना की।

भारतीय संस्कृति से है प्यार

बता दें कि पीवी सिंधु को भारतीय संस्कृति से प्यार है। उन्होंने तेलंगाना के लोक महोत्सव बोनालू में भी हिस्सा लिया था। सिंधु के माता-पिता आंध्र प्रदेश के हैं। दोनों वॉलीबॉल खिलाड़ी थे। तेलंगाना के सीएम के. चंद्रशेखर राव ने पदक जीतने पर सिंधु को पांच करोड़ रुपए, जमीन दी है। आंध्र के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने उन्हें तीन करोड़ रुपए, अमरावती में घर देने का ऐलान किया है।

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