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तो कुशीनगर में बनेगी बुद्ध की सबसे ऊंची मूर्ति,देखें बामियान की PHOTOS

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Published on: 24 April 2016 9:42 PM IST
तो कुशीनगर में बनेगी बुद्ध की सबसे ऊंची मूर्ति,देखें बामियान की PHOTOS
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वाराणसी: सारनाथ पहुंचे गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने यूपी में बीजेपी के सरकार बनाने पर कुशीनगर में बामियान की तर्ज पर बुद्ध की सबसे ऊंची मूर्ति लगवाने की बात कही। इससे बामियान की उन मूर्तियों की यादें ताजा हो गईं जिन्हें साल 2001 में तालिबान के कट्टरपंथी शासन के दौरान पूरी तरह तहस-नहस कर दिया गया था।

राजनाथ सिंह ने भारत और अफगानिस्तान के संयुक्त वैश्विक शांति और सदभाव के लिए बामियान में बुद्ध की मूर्तियों की तर्ज पर यूपी के कुशीनगर में स्थापित करवाना चाहते हैं।

क्या है बामियान की खासियत

-बामियान, अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के पास एक ऐतिहासिक स्थान है।

-संस्कृत के प्रकांड विद्वान पाणिनि की 'अष्टाध्यायी' में भी बामियान का नाम वर्मती बताया गया है।

-यहां गंधार शैली में निर्मित महात्मा बुद्ध की विशालकाय मूर्तियां विश्व भर में प्रसिद्द थीं।

-मध्य युग से पूर्व यह बौद्ध विद्वानों और उनके मठों लिए मशहूर था।

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-आज से 1500 साल पहले स्थापित की गई थी मूर्तियां।

-इसमें सबसे बड़ी मूर्ति की ऊंचाई 174 फीट थी।

-साल 2001 में तालिबान ने दुनिया को अपने खौफ का संदेश देने के लिए उड़ा दी थी।

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जर्मन प्रोफेसर भी कर रहे हैं कोशिश

-जर्मनी के म्यूनिख यूनिवर्सिटी के प्रो एरविन एमर्लिंग इस मूर्ति को फिर से बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

-एमर्लिंग ने दोनों मूर्तियों के लगभग 500 टुकड़ों की पहचान की है।

-वे चाहते हैं कि बिना नया पत्थर लगाए, नष्ट हुई मूर्तियों के टुकड़ों से ही उन्हें दोबारा बनाया जाए।

-उनकी इस कोशिश में यूनेस्को मदद कर रही है।

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कैसे नष्ट की तालिबानियों ने विश्व की सबसे ऊंची बुद्ध की मूर्ति

-बुद्ध की प्रतिमा बलुआ पत्थर थी और विश्व भर में सबसे ऊंची मूर्ति थी।

-इसे नेस्तनाबूद कर तालिबान ने दुनिया भर के आतंकी संगठनों को पुरातत्व स्थल नष्ट करने का रास्ता दिखाया था।

-तालिबानियों के नक्शे-कदम पर चलते हुए आईएस ने बीते साल इराक़ी पुरातत्व स्थलों को नष्ट कर दिया था।

-पहले तालिबानियों ने बुद्ध प्रतिमा पर टैंक और भारी गोलियों से भीषण हमला किया था।

-लेकिन मूर्ति तोड़ने में वे नाकाम रहे। तब उन्होंने उसे नष्ट करने के लिए मूर्ति के चारों ओर विस्फोटक भर दिए।

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-तीन दिन तक तालिबानियों ने अपने कैदियों से मूर्ति के चारों ओर विस्फोटक बिछवाए थे।

-इसके बाद विस्फोटक के तार नज़दीकी मस्जिद तक ले जाए गए।

-यहां उन्हें चार्ज कर धार्मिक नारों के बीच विस्फोट किया गया।

-इसके बाद भी सिर्फ मूर्ति की टांगें ही नष्ट हुईं।

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-इन सब के बाद उस मूर्ति में रोज दो से तीन विस्फोट किए गए।

-इस तरह मूर्ति नष्ट करने में तालिबानियों को 25 दिन लग गए।

-जब मूर्ति पूरी तरह नष्ट हो गई तो तालिबानियों ने जश्न मनाया और हवा में गोलियां दागीं।

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-इस जश्न को मानने के लिए कुर्बानी के लिए वे नौ गाएं लेकर आए।

-दुनिया भर में दोनों मूर्तियों में से एक को फिर से स्थापित करने या उस बड़ी खाली गुफा को एक स्मारक के रूप में खाली छोड़ने की बहस सालों से चल रही है।

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