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दुबई की इस इमारत में में रोजा इफ्तार की हैं तीन टाइमिंग, जानिए कारण
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दुबई: वैसे तो एक शहर में इफ्तारी का समय लगभग एक ही होता है लेकिन दुनिया में एक जगह ऐसी है जहां रोज़ेदार तीन अलग-अलग वक्त में रोज़ा खोलते हैं। दुनिया की सबसे ऊंची इमारत बुर्ज खलीफा में इफ्तार की तीन अलग-अलग टाइमिंग हैं यानी यहां के लोग ऊंचाई के हिसाब से अलग-अलग वक्त में रोज़ा खोलते हैं। दुबई का आलीशान बुर्ज खलीफ़ा टावर 828 मीटर ऊंचा है। इसमें कुल 168 मंजिलें हैं। इतनी ऊंचाई की वजह से अलग-अलग फ्लोर पर सूरज डूबने का वक्त भी अलग-अलग माना जाता है।
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यही वजह है कि दुबई के शीर्ष मुस्लिम धर्मगुरु मोहम्मद अल क़ुबैसी ने बुर्ज खलीफ़ा में रहने वाले लोगों के लिये अलग-अलग तीन वक्त पर इफ़्तार की सलाह दी। इस बुलंद इमारत के ग्राउंड फ्लोर से लेकर 80वीं मंज़िल तक रोज़ा इफ्तार की टाइमिंग आम दुबईवासियों की टाइमिंग के मुताबिक़ ही है, लेकिन 80 मंज़िल से ऊपर 150वें फ्लोर तक रोज़ा इफ्तार के लिये दो मिनट बाद का वक्त तय किया गया है। बुर्ज खलीफ़ा में उसके बाद 150वीं मंज़िल से ऊपर के रहने वाले लोगों के लिये और दो मिनट बाद का वक्त तय है।
आगे की स्लाइड में जानिए क्यों लागू है बुर्ज खलीफा पर ये नियम
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दुबई के मुस्लिम धर्मगुरुओं और जानकारों के मुताबिक इमारत की अधिक ऊंचाई की वजह से जैसे-जैसे ऊपर की मंज़िल की ओर बढ़ा जाता है वैसे-वैसे डूबते हुए सूरज दिखने की क्षमता भी बढ़ती जाती है। गौरतलब है कि इस्लाम में रमज़ान के दौरान रोज़ेदार सूरज डूबने के बाद ही रोज़ा अफ्तार करते हैं। पिछले दस वर्षों से दुबई में रहने वाले अप्रवासी भारतीय अजहर हुसैन बताते हैं कि एक ही इमारत में अलग अलग टाइमिंग होने से बुर्ज खलीफ़ा के लोगों को कोई फर्क नहीं पड़ता। ऊंचाई के हिसाब से वक्त में ये फर्क़ बिल्कुल सही है। हवाई यात्रा के दौरान भी रोज़ेदार आम वक्त की तुलना में थोड़ी देर से ही रोज़ा इफ्तार करते हैं क्योंकि आसमान की ऊंचाई से भी डूबा हुआ सूरज धरती की अपेक्षा देर तक देखा जा सकता है। यही नियम बुर्ज खलीफ़ा की ऊंचाई पर भी लागू होता है।
आगे की स्लाइड में जानिए बुर्ज खलीफा टॉवर के बारे में इंट्रेस्टिंग बातें
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बुर्ज खलीफ़ा दुनिया की सबसे ऊंची इमारत है, जिसमें सबसे तेज़ गति से चलने वाली लिफ्ट लगी है। इस इमारत में दुनिया की सबसे ऊंचाई की मस्जिद भी मौजूद है। यह मस्जिद बुर्ज खलीफा की 76वीं मंज़िल पर बनी हुई है। 168 फ्लोर वाली ये इमारत दुनिया के सबसे ज्यादा फ्लोर वाली इमारत भी है। अधिक ऊंचाई की वजह से दुबई के इस आश्चर्य के ग्राउंड फ्लोर की अपेक्षा टाप फ्लोर का तापमान भी 15 डिग्री कम रहता है। इस टावर को बनाने में छः साल का वक्त और आठ अरब डालर से भी अधिक की राशि खर्च हुयी। बुर्ज खलीफ़ा दुनिया भर के पर्यटकों के लिये आकर्षण का केन्द्र और दुबई की सबसे महंगी जगहों में से एक है।
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