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फिल्म 'कुली' में बैज ने बचाई थी अमिताभ की जान, यहां लॉकेट बना मददगार

Rishi
Published on: 7 July 2016 10:23 PM GMT
फिल्म कुली में बैज ने बचाई थी अमिताभ की जान, यहां लॉकेट बना मददगार
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मेरठः फिल्म 'कुली' में अमिताभ बच्चन के पास 786 नंबर का बैज होता है। विलेन उन पर गोली चलाता है, लेकिन गोली जेब में रखे बैज से टकराती है और अमिताभ बच जाते हैं। कुछ ऐसा ही मेरठ के इंचौली कस्बे में गुरुवार को हुआ। यहां एक महिला पर उसके भाई ने गोली चला दी। गोली बहन के गले में पड़े लॉकेट से टकराई और उसकी जान ठीक उसी तरह बच गई, जैसी अमिताभ की कुली में बची थी।

क्यों चलाई महिला पर भाई ने गोली?

-इंचौली के तेली मोहल्ला की शबनम ने तलाक के बाद अपनी मर्जी से प्रेम विवाह किया था।

-शबनम का भाई नदीम इस शादी पर ऐतराज कर रहा था।

-भाई ने शबनम को पति के साथ विदा नहीं किया था।

-एक हफ्ते पहले शबनम का पति अनीस उसे विदा कराकर घर ले गया।

-इससे नाराज नदीम, उसका भाई वसीम और साला सलमान शबनम के ससुराल पहुंचे और उस पर गोली चला दी।

-गोली शबनम के लॉकेट से टकराई और उसकी जान बच गई, गोली की रफ्तार से लॉकेट खाल में थोड़ा सा घुसा और हल्का खून निकल आया।

अल्लाह को दे रही है शुक्रिया

-शबनम ने खुद की जान बच जाने पर अल्लाह का शुक्रिया अदा किया है।

-वह अपने उस लॉकेट को भाग्यशाली मान रही है, जिससे टकराने की वजह से गोली उसकी जान नहीं ले सकी।

-शबनम ने अपने भाई वसीम, नदीम और उसके साले सलमान व मां शकूरी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।

Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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