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रिसर्च: गुस्सा आना स्वभाविक क्रिया नहीं, बल्कि हार्मोंस का है इफेक्ट, जानिए कैसे?
जयपुर: आजकल डिप्रेशन के चलते लोगों में इतना गुस्सा है कि वो आपा खो देते हैं। इसके अलावा ज्यादा गुस्सा और चिल्लाना भी लोगों के स्वभाव में शामिल हो गया है। लोग कहते हैं गुस्सा आना स्वभाव में होता है, लेकिन ऐसा नहीं है। गुस्सा आपके स्वभाव में नहीं, बल्कि हार्मोन्स में है। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के मुताबिक हार्मोंस के कारण व्यक्ति को पॉजिटिव और निगेटिव फीलिंग्स आती हैं। इतना ही नहीं उनके गुस्से, चिड़चिड़पन और डिप्रेशन का कारण भी हार्मोंस ही हैं। हार्मोंस न सिर्फ हमारे शारीरिक विकास में कारगर होता है बल्कि दिमाग, भावनाओं और बिहेवियर को भी इफेक्ट करता है। जानिए किन हार्मोंस से क्या होता है।
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*थायरॉयड बॉडी में एक ग्रंथि होती है, जिससे थायरॉयड हार्मोन निकलता है। इस हार्मोन से हमारे वर्किंग स्टाइल पर असर पड़ता है। इस हार्मोन की कमी से डिप्रेशन, मेनटली वीकनेस, थकान और नींद जैसी दिक्कतें होती हैं।
*कुछ लोगों को हर छोटी-छोटी बात पर गुस्सा आ जाता है। वह बहुत जल्दी हाईपर हो जाते हैं और तेज आवाज में बात करके अपना गुस्सा जताते हैं। ये उनके स्वभाव नहीं बल्कि हार्मोन के कारण होता है। ऐसे स्वभाव के लिए सेरोटोनिन हार्मोन जिम्मेदार होते हैं। यह हार्मोन हमारे दिमाग को कंट्रोल करता है, जिसके असंतुलन के कारण लोगों को गुस्सा आता है।
*अगर दो अपोजिट सेक्स एक-दूसरे की तरफ अट्रैक्ट होते हैं, तो इसका कारण भी हार्मोन ही है। ऑक्सीटोसिन हार्मोन के कारण अलग-अलग फीलिंग्स डेवलेप होते हैं। यही कारण है कि आप अपोजिट सेक्स की तरफ आकर्षित होते हैं।
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*यह बहुत हानिकारक हार्मोन है। इसकी कमी से हृदय रोग और स्तन कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों का खतरा बना रहता है। इतना ही नहीं इसके बढ़ने से मुहांसे, वजन का बढ़ना और गंजेपन जैसी समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है। इस हार्मोन के इंबैलेंस की वजह से मौत भी हो सकती है। कुछ स्टडीज में पाया गया कि यह हार्मोन मानसिक परेशानियों के लिए भी जिम्मेदार है।
*इन्सुलिन हार्मोन ब्लड में ग्लूकोज को बैलेंस करता है। इस हार्मोन की कमी से ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे डायबिटीज की बीमारी हो सकती है। इसके अलावा इस हार्मोन की कमी से थकान, नींद न आना, कमजोरी और तेजी से वजन बढ़ना जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।