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राहुल गांधी के क्षेत्र में रिक्शा चालक मनीराम के घर में मायावती, दिल में बसे अखिलेश

मनीराम वो नाम जो रहता है कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र अमेठी में, उसके घर में है पत्नी मायावती और दिल में समाए हैं यूपी के युवा सीएम अखिलेश यादव। मनीराम के पास मनी तो नहीं है, लेकिन हां उसके दिल में अब अखिलेश यादव जरूर भगवान राम की तरह समां गए हैं।

tiwarishalini
Published on: 30 Oct 2016 1:56 AM IST
राहुल गांधी के क्षेत्र में रिक्शा चालक मनीराम के घर में मायावती, दिल में बसे अखिलेश
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राहुल गांधी के क्षेत्र में रिक्शा चालक मनीराम के घर में मायावती, दिल में बसे अखिलेश अपनी पत्नी मायावती और बच्चों संग मनीराम

अमेठी : मनीराम वो नाम जो रहता है कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र अमेठी में, उसके घर में है पत्नी मायावती और दिल में समाए हैं यूपी के युवा सीएम अखिलेश यादव। मनीराम के पास मनी तो नहीं है, लेकिन हां उसके दिल में अब अखिलेश यादव जरूर भगवान राम की तरह समां गए हैं।

मनीराम दिन रात रिक्शा चलाकर अपने छह बच्चों और पत्नी मायावती के लिए बमुश्किल दो वक्त की रोटी के लिए खून पसीना बहाता है, लेकिन वो कहते हैं न कि किस्मत का खेल भी निराला होता है उसके आगे किसी नहीं चलती। मेहनती, ईमानदार और स्वार्थ से परे मनीराम की भी किस्मत ने उसका साथ दिया और उसकी जिंदगी एक दिन में ही संवर गई।

मनीराम और उसके परिवार के लिए इस बार की दिवाली खुशियों की सौगात लेकर आई है। मनीराम ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वह यूपी के युवा सीएम अखिलेश यादव से मिलेगा।

अमेठी जिले के भीखीपुर के जंगल गांव के रहने वाले जगदेव की चौथी संतान मनीराम ने कभी स्कूल का मुंह तक नहीं देखा। तीन भाई और एक बहन में सबसे छोटे मनीराम जब 16 साल के थे तभी वह मायावती के साथ शादी के बंधन में बंध गए। शादी के बाद जिम्मेदारियों का बोझ पड़ा तो मनीराम ने किराए पर साइकिल रिक्शा चला कर परिवार की जिम्मेदारियों को निभाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी।

अगली स्लाइड में पढ़िए जब कुछ इस तरह से मनीराम की किस्मत ने ली करवट ...

सीएम अखिलेश ने बदली मनीराम की किस्मत और बन गए मनीराम के राम

दरअसल मनीराम की मुलाकात अचानक सीएम अखिलेश यादव से हुई। मनीराम ने बस अखिलेश यादव का नाम ही सुन रखा था। हुआ यूं कि पेटीएम के सीईओ विजय शेखर शर्मा सीएम अखिलेश यादव से मिलने बीते गुरुवार को उनके आवास 5 कालिदास पहुंचे। विजय शेखर ने शहर में लगे जाम की वजह से अपनी लक्ज़री कार छोड़ दी और साइकिल रिक्शे पर बैठे मनीराम को आवाज दी। विजय शेखर ने मनीराम से सीएम आवास चलने को कहा। मनीराम ने भी जाने की हामी भर दी। मनीराम अपनी किस्मत से अंजान था कि उसके साथ क्या होने वाला है।

उसके रिक्शे में कौन शख्स विराजमान है, उसकी मुलाकात किससे होगी। खैर थोड़ी ही देर में मनीराम पेटीएम के सीईओ विजय शेखर को लेकर सीएम आवास में पहुंच गया और जैसे ही सीएम अखिलेश यादव ने विजय शेखर को खुशी से गले लगाया मनीराम हैरान हो गया। उसे कुछ समझ नें नहीं आया। विजय शेखर ने जब मनीराम को बताया कि अरे भई ये हैं यूपी के युवा सीएम अखिलेश यादव तो झट से मनीराम ने सीएम अखिलेश का अभिवादन किया और पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया। गौरतलब है कि विजय शेखर लखनऊ में यश भारती पुरस्कार लेने पहुंचे थे।

सीएम अखिलेश ने भी मनीराम को खुशी से आशीर्वाद दिया। सीएम अखिलेश ने जब मनीराम से जब पूछा कि यह खुद का रिक्शा है तो वह बोला कि नहीं वह किराए पर चलाता है। इसपर सीएम अखिलेश ने मनीराम को एक नया रिक्शा दिलवा दिया। इसके साथ ही सीएम अखिलेश ने मनीराम को एक हजार रुपए नकद भी दिए।

जब अखिलेश यादव ने मनीराम से पूछा कि तुम कहां रहते हो तो उसने बताया कि वह आपका ही पड़ोसी है और आपके घर के पास ही सड़क पर अपने रिक्शे में सोता है। इसपर सीएम अखिलेश ने मनीराम को लोहिया आवास आवंटित करने के साथ ही उसके बच्चों का दाखिला स्कूल में करवाने का निर्देश दिया। दीवाली से पहले मनीराम ने सीएम अखिलेश से इतना बड़ा तोहफा पाकर कहा ‘लक्ष्मी जी सदा सहाय’ और मुख्यमंत्री के लिए ढेरों दुआएं।

हालांकि अभी तक मनीराम को घर तो नहीं मिला लेकिन उसके चेहरे की खुशी यही कह रही है कि मनीराम के दिल में अखिलेश यादव भगवान राम की तरह घर कर गए हैं और इस बार की दिवाली पर उसके परिवार के लिए ढेर सारी खुशियों का पिटारा खुल गया है।

आगे की स्‍लाइड में लगे वीडियो में देखें मनीराम ने क्‍या कहा





VIDEO: आगे की स्‍लाइड में देखिए सीएम अखिलेश के भावुक होने पर समर्थक भी फूट फूटकर रोए

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Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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