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गुस्साए मां-बाप ने बच्चे को भालुओं से भरे जंगल में छोड़ा, अब लापता
टोक्यो : जापानी बचाव दल के कार्यकर्ता पिछले तीन दिनों से लापता सात साल के एक बच्चे को तलाशने के लिए जंगलों की खाक छान रहे हैं। बच्चे के माता पिता उसे सजा देने के लिए भालुओं से भरे इस जंगल में छोड़ आए थे। घटना को लेकर स्थानीय लोगों में खासा गुस्सा है।
मां-बाप ने किया था गुमराह
माता पिता ने पुलिस को शुरुआत में बताया था कि जब वे लोग जंगल में जंगली कंद मूल तलाशने के लिए पहाड़ की चढ़ाई कर रहे थे तो बच्चा शनिवार को खो गया था, लेकिन बाद में तुरंत उन्होंने स्वीकार किया कि वे बच्चे को सजा देने के लिए उसे जंगल में छोड़ आए थे। सात साल का बच्चा यामातो तानुका होकाइदो द्वीप के पर्वतीय इलाके में लापता हो गया था, जहां बड़ी संख्या में भालू रहते हैं।
जंगल के नजदीक घूमने आया था परिवार
यामातो, उसकी बड़ी बहन, मां और पिता शनिवार को जंगल के नजदीक एक पार्क में आए थे। लेकिन जब इस बच्चे ने कारों और लोगों पर पत्थर फेंके तो उसके माता-पिता को गुस्सा आ गया। जापानी पुलिस और मीडिया ने यह जानकारी दी है। घर लौटते समय माता-पिता ने यामातो को कार से बाहर निकाल दिया और उसे जंगल में अकेला छोड़कर आगे बढ़ गए। वे बच्चे को छोड़कर करीब 500 मीटर आगे आ गए। टीवी आशी तथा अन्य मीडिया रिपोर्ट्स में यह जानकारी दी गई है।
पल भर में बच्चा हुआ गायब
स्थानीय पुलिस प्रवक्ता ने अभिवावकों के हवाले से बताया, 'वे तुरंत वापस उस जगह गए जहां बच्चे को उन्होंने छोड़ा था, लेकिन बच्चा वहां नहीं था।' करीब 180 बचावकर्मी और पुलिस अधिकारियों ने जंगलों में अपने खोजबीन के दायरे को बढ़ा दिया है। खोजी कुत्तों तथा घोड़ों को भी घने जंगलों में तलाश के काम में लगा दिया है। यामातो के पिता ने एनटीवी रिपोर्टर को बताया, 'मुझे अपने बच्चे के लिए बहुत अफसोस हो रहा है। इतने लोगों को परेशानी में डालने के लिए मैं माफी चाहता हूं।'
स्थानीय लोगों में भारी गुस्सा
जापानी जनता में बच्चे के मां-बाप की इस हकरत पर बहुत आक्रोश है। एक शख्स ने ट्विटर पर लिखा, 'यह सजा नहीं, बल्कि प्रताड़ना है।' एक अन्य यूजर ने लिखा, 'मां-बाप इतने मूर्ख हो सकते हैं, मेरे पास कहने के लिए शब्द नहीं हैं।' वहीं बहुत से लोगों ने जंगल में अकेले बच्चे के भविष्य पर चिंता जताई है। बच्चा तीन दिन से जंगल में अकेला है, जहां रात भर भारी बारिश हुई है और उसके पास खाना-पानी कुछ नहीं है।
इस इलाके में रहता है घुप्प अंधेरा
स्थानीय कस्बे नाने के प्रवक्ता मित्सुरू वाकायानामा ने बताया कि पहाड़ों का यह इलाका ऐसा क्षेत्र है, जिसका इस्तेमाल केवल स्थानीय निवासी कभी-कभार छोटे रास्ते के रूप में करते हैं। उन्होंने बताया, 'उस इलाके से बहुत अधिक लोग या कारें नहीं गुजरती हैं और लाइट नहीं होने के कारण वहां पूरी तरह अंधेरा रहता है।' उन्होंने कहा, 'उस इलाके में कहीं भी भालुओं से सामना होना कोई चौंकाने वाली बात नहीं है।'