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300 किलो चावल पकता है इस हांडी में, 14.5 फीट का है चमचा

shalini
Published on: 24 May 2016 7:35 AM GMT
300 किलो चावल पकता है इस हांडी में, 14.5 फीट का है चमचा
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मेरठ: बाले मियां की मजार पर लगाई गई हांडी (देग) आजकल लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी है। बताया जा रहा है कि यह हांडी अजमेर के बाद दूसरी सबसे बड़ी हांडी है। यह हांडी यहां बाले मियां मजार समिति की ओर से लगवायी गई है। इस समय मेला नौचंदी चल रहा है। ऐसे में बाले मियां की मजार पर आने वालों के लिए यह हांडी आकर्षण का केंद्र बनी है।

नहीं कम पड़ता कभी हांडी का खाना

-इस हांडी का वजन 338 किलोग्राम है।

-इस हांडी में एक बार में करीब 300 किलो चावल पकाया जाता है।

-मुत्तवल्ली मुफ्ती मुहम्मद अशरफ का कहना है कि इस हांडी में बने खाने से हर शुक्रवार को यहां लंगर लगता है।

-जिसमें सैंकड़ों लोग लंगर खाते हैं।

largest handi इस हांडी में पकते हैं 300 किलो चावल

-इस खास तरह की हांडी में खाने बनाने का काम अरशद, हाजी मतलूफ और दरगाह मतलूफ इलाही का है।

-इन तीनों की देख-रेख में ही यहां चावल पकाया जाता है।

-बताया जा रहा है कि जब से यह हांडी यहां लगी है, तब से लंगर में चाहे जितने लोग आएं!

उनके लिए खाना कम नहीं पड़ता।

शामली की इस हांडी में आया है अब तक 1 लाख 63 हजार का खर्च

-बाले मियां मजार समिति के अनुसार यह हांडी शामली जिले के एक कारीगर से बनवायी गई है।

-हांडी में लगे एल्युमिनियम का वजन 1 कुंतल 27 किलो 400 ग्राम है।

-इसके अलावा हांडी को मूव कराने के लिए उसके स्टैंड आदि पर करीब 210 किलोग्राम लोहा लगाया गया है।

-इस खास तरह की हांडी की फिटिंग पर करीब 1 लाख 63 हजार रुपये का खर्च अभी तक आया है।

-हांडी के ऊपर के हिस्सा का काम अभी चल रहा है।

bale miyan पके चावल चेक करने के लिए इन्ही सीढ़ियों से जाना पड़ता है ऊपर

हांडी तक जाने के लिए बने गई हैं सीढ़ियां

-हांडी का चमचा 14.5 फीट का बना हुआ है।

-हांडी में चावल पका या नहीं, इसके लिए बनायी गई सीढ़ियों से चढ़कर देखना पड़ता है।

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