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वहशी दरिंदा ! जिसने 150 मासूम बच्चियों का रेप कर दी दर्दनाक मौत, रोने से मिलता था सुकून

Rishi
Published on: 29 April 2017 9:34 PM IST
वहशी दरिंदा ! जिसने 150 मासूम बच्चियों का रेप कर दी दर्दनाक मौत, रोने से मिलता था सुकून
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मुंबई : सीरियल किलर, वहशी दरिंदा या हवस का पुजारी। ये सारे नाम डेनियल कामार्गो बारबसा के लिए छोटे पड़ जाएंगे। जब उसकी कहानी आप पढने लगेंगे, तो शब्द दर शब्द आपको उससे नफरत बढती जाएगी।

डेनियल को जब ये पता चला कि उसकी प्रेमिका वर्जिन नहीं है, तो उसने इसका बदला लिया करीब 150 लड़कियों से। और उन्हें बनाया अपनी हवस का शिकार। फिर दे दी दर्दनाक मौत। डेनियल ने कोलंबिया और इक्वाडोर में 1970 से 1980 के दशक में अपनी सनक के चलते मासूमों को मौत के घाट उतारा था।

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डेनियल का बचपन त्रासदी से भरा था। कम उम्र में ही उसकी माँ का निधन हो गया। पिता ने दूसरी शादी की और सौतेली मां ने उसके बचपन को नरक बना दिया। डेनियल ने अल्कीरा से शादी की उसके दो बच्चे भी थे। लेकिन उसे अपनी पत्नी अच्छी नहीं लगती थी। कुछ समय बाद उसे एस्पेरांजा नाम की एक युवती से प्रेम हो गया। दोनों शादी करने वाले थे, तभी डेनियल को पता चला कि उसकी प्रेमिका वर्जिन नहीं है।

इसके बाद उसके शातिर दिमाग में ये बात आई, कि वो एस्पेरांजा की मदद से वर्जिन लड़कियों को अपने जाल में फ़ांस कर अपनी हवस की आग बुझा सकता है। उसने एस्पेरांजा से एक एग्रीमेंट किया कि वह वर्जिन लड़कियां ढूंढ़ उसके पास लाएगी तभी दोनों साथ रहेंगे।

एसपेरांजा कमसिन लड़कियों को अपने जाल में फंसाती और अपार्टमेंट में लाती। जहाँ डेनियल उनको ड्रग्स दे उनसे रेप करता। डेनियल ने लगातार 5 लड़कियों का इसी तरह बलात्कार किया। लेकिन उनकी हत्या नहीं की। एक लड़की ने पुलिस से शिकायत की, जिसके बाद दोनों को गिरफ्तार किया गया। 10 अप्रैल 1964 को डेनियल को दोषी मानते हुए 8 साल की सजा सुनाई गई। डेनियल ने अपनी सजा पूरी की लेकिन अब वो दरिंदा बन चुका था।

1973 में उसे ब्राजील में अवैध तरीके से दाखिल होने के जुर्म में गिरफ्तार किया गया, और उसे कोलंबिया भेज दिया गया। एक दिन उसने 9 साल की एक बच्ची को अगवा कर उसका रेप के बाद हत्या कर दी। ये डेनियल के हाथों पहली हत्या थी। इसके बाद डेनियल ने 80 लड़कियों को अपनी हवस का शिकार बना। उनकी हत्या की। एक बार फिर उसे गिरफ्तार किया गया और उसे 30 साल जेल की सजा सुनाई गयी।

नवंबर 1984 में डेनियल गोरगोना जेल से भागने में सफल रहा। यहाँ से समंदर के रस्ते वो इक्वाडोर के क्विटो शहर पहुंच गया, और वहां से 5-6 दिसंबर 1984 को ग्याक्विल होते हुए, 18 दिसंबर को उसने क्यूवेडो में एक बार फिर 9 साल की लड़की को अगवा किया। ठीक अगले दिन 10 साल की एक और बच्ची उसका शिकार बनी। इसके बाद 2 साल में लगभग 54 लड़कियों को उसने शिकार बनाया और उनकी हत्या की।

डेनियल इतना शातिर था, कि फुटपाथ पर सोता और छोटा मोटा काम करता उसने अपना कोई ठिकाना नहीं बनाया था। वो हमेशा बेसहारा लड़कियों को अपना शिकार बनाता था, ताकि उनकी हत्या करने के बाद उसे फंसने का डर न रहे। डेनियल लड़कियों को चर्च खोजने के बहाने अपने साथ ले जाता था, और जंगल में उनका रेप कर उनकी हत्या कर देता, ताकि जानवर लाश खा जाएं और किसी को कोई शक भी न ही।

सभी अपराधियों का बुरा समय आता है, और डेनियल का भी आया 26 फरवरी 1986 को क्विटो में दो पुलिस वालों ने उसे 9 साल की एक लड़की की हत्या के कुछ ही समय बाद गिरफ्तार कर लिया। पुलिस वाले पेट्रोलिंग कर रहे थे, और उन्हें डेनियल पर शक हुआ। उसके बैग में खून से सने कपड़े और बच्ची के प्राइवेट पार्ट का कुछ हिस्सा मिला।

डेनियन ने काबुल किया, कि जेल से भागने के बाद उसने 72 लड़कियों की हत्या की। उसके चेहरे पर कोई पछतावा नहीं था। उसने जाँच के दौरान बताया मैं वर्जिन लड़कियों को इसलिए चुनता था क्योंकि वह रोती थीं, उनके रोने से मुझे सुकून मिलता था।

साल 1989 में डेनियल को 25 साल की सजा हुई, नवंबर 1994 में एक कैदी ने उसकी हत्या कर दी। ये वो कैदी था, जिसकी बहन के साथ डेनियल ने दुष्कर्म किया था।



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Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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