×

169 साल बाद दिखा यह पौधा, महज 799 माइक्रॉन साइज का है बीज

shalini
Published on: 25 May 2016 6:40 AM GMT
169 साल बाद दिखा यह पौधा, महज 799 माइक्रॉन साइज का है बीज
X

नोएडा: ग्लोबलाइजेशन के दौर में वातावरण में बदलाव आना सामान्य है। लेकिन अगर एक ऐसा पौधा, जिसे 169 साल बाद देखा जाए, तो वाकई आश्चर्यजनक होगा। आर्किडेसी फैमिली का जियोडोरम एपेंडीक्यूलेटम ग्रीफ एक ऐसा ही पौधा है, जिसे 1845 में आसाम में देखा गया था। जिसके बाद यह पौधा 2014 में नोएडा के बोटेनिक गार्डन ऑफ इंडिया रिपब्लिक (बीजीआईआर) में देखा गया।

इस पौधे के बीज एक मीमी का 799 भाग यानी करीब 799 से 836 माइक्रोन के बराबर है। जिसे दुनिया में दूसरे नंबर पर सबसे छोटा बीज माना जा सकता है। इस उपलब्धि से बीजीआईआर के अधिकारी काफी खुश है। दो साल तक रिसर्च के बाद वह जानने की कोशिश में है कि यह पौधा उनके पास आया तो कहां से।

jiyodorum plant noida जियोडोरम एपेंडीक्यूलेटम ग्रीफ

कोलकाता में दिया गया नाम

-1845 में मिलने के बाद इस पौधे का नामकरण कोलकाता में डॉक्टर ग्रिफिथ ने जियोडोरम एपेंडीक्यूलेटम दिया।

-यह आर्किडेसी फैमिली के 22 हजार पौधों में शामिल है।

-लेकिन इसका बीज अपनी फैमिली में सबसे छोटा माना जाता है।

-1845 के बाद यह पौधा देश में दोबारा कहीं भी नहीं दिखा।

jiyodorum जियोडोरम एपेंडीक्यूलेटम ग्रीफ का माइक्रोस्कोप से देखा गया चित्र

-लेकिन 2014 में नोएडा के बोटेनिक गार्डन में इस पौधे को देख पर्यावरणविद् व वैज्ञानिक भी अंचभित हो गए।

-खास बात यह है कि बीज का साइज इतना छोटा है कि इसे साधारण माइक्रोस्कोप से भी नहीं देखा जा सकता।

-इसकी एक रिसर्च फाइल दिल्ली के उद्यान विभाग व कोलकाता भेजी गई है।

दो साल से किया जा रहा अध्ययन

-बोटेनिक गार्डन के डाक्टर शियो कुमार ने बताया कि यहा देश के हर क्षेत्र से पौधे लाकर उनको प्लांट किया जाता है।

-माना जा रहा है कि इसका बीज भी इन्हीं किसी पौधे के साथ यहां आया होगा।

-डॉक्टर शियों ने बताया कि जून 2014 से जनवरी 2016 तक इस पौधे का सिलसिले वार अध्ययन किया गया।

jiyodorum plant noida

-जिसमें साइड से एक डक्ट निकलती है, जिसमें फूल बनता है।

-यह फूल विकसित होने तक झुका रहता है। इसी फूल में बीज का निर्माण होता है।

-सामान्य तौर पर एक बीज में एक एंब्राय होता है।

-अध्ययन में बीज में बने एंब्राय का साइज 117 माइक्रान है।

कहा से आया बीज संशय कायम

-डॉक्टर शियो द्वारा किए जा रहे सर्वे में उनके अनुसार यह बीज किसी अन्य प्लांट के साथ यहा आया।

-अनुकूल वातावरण मिलने पर यह अंकुरित हो गया।

-उन्होंने यह भी बताया कि इस पौधे के बीज में एंब्राय के दोनों ओर काफी स्पेस है।

jiyodorum plant noida जियोडोरम एपेंडीक्यूलेटम ग्रीफ का फूल

-जिसमें हवा भरी रहती है।

-हो सकता है यह पानी व हवा के माध्ययम से यहा आया।

-लेकिन इस पर विश्वास कर पाना काफी मुश्किल है।

shalini

shalini

Next Story