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रार के बाद भी देखिए यादव परिवार के भारतीय समाजवादी संस्कार
लखनऊ: यादव परिवार के भारतीय समाजवादी संस्कार ही हैं जो उसे बिखरने से बार बार रोक रहे हैं। कभी अखिलेश भावुक होकर पिता मुलायम के सामने अपना दर्द बयां कर देते हैं। कभी प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव अपने बड़े भाई प्रोफेसर रामगोपाल को पार्टी से बाहर निकाल देते हैं।
वहीं पल भर में गिले सिकवे भुलाकर सार्वजिनक मंच पर उनके पैर छूकर आशीर्वाद भी लेते हैं। वहीं एक चेहरा है कन्नौज की सांसद, सीएम अखिलेश की पत्नी और समाजवादी परिवार की बड़ी बहू डिंपल यादव का। वह इस परिवार की डोर को और मजबूत करने में हमेशा लगी रहती हैं।
लखनऊ आगरा एक्सप्रेस वे के उद्घाटन के दौरान डिंपल यादव ने सार्वजनिक मंच पर यादव परिवार के भारतीय समाजवादी संस्कारों को जिंदा रखा। उन्होंने पिता मुलायम सिंह यादव के पैर छुए और उनका आशीर्वाद लिया।
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बेटे अर्जुन में भी हैं समाजवादी संस्कार
ऐसे ही संस्कार उनके बेटे अर्जुन में भी हैं। गुरुवार 3 नवंबर को एक कार्यक्रम के दौरान मंच पर अखिलेश के बेटे अर्जुन ने दोनों हाथों से अपने दादा जी मुलायम सिंह यादव के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। दादा जी भी अपने पोते के सर पर आशीर्वाद का हाथ रख दिया। शायद यही संस्कारों की डाेर ही है जो यूपी के सबसे बड़े राजनीतिक कुनबे को बार बार बिखरने से रोक लेती है ।
पिछले दो महीने से सपा परिवार में चल रही रार गुरुवार को अचानक थमती नजर आई। एक मंच पर एक साथ पूरा परिवार खड़ा दिखाई दिया। अखिलेश की रथ यात्रा में चाचा शिवपाल भी कंधा से कंधा मिलाकर खड़े दिखे तो वहीं नेताजी ने भी हरी झंडी दिखाकर रथ को रवाना किया।
जिस तरह कलयुग में अखिलेश खुद को हनुमान समझ अपने पिता की पूजा राम की तरह करते हैं। कभी बारिश के मौसम में वह उनके सर पर छाता लगा देते हैं तो कभी उन्हें गिरने से पहले ही संभाल लेते हैं। हर वक्त वह उनके साथ उनकी सेवा में रहते हैं। ठीक ऐसे ही संस्कार उनके बेटे अर्जुन में भी हैं।
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शिवपाल ने छुए बड़े भाई राम गोपाल के पैर
समाजवादी पार्टी में चल रही रार सोमवार 21 नवंबर को लखनऊ आगरा एक्सप्रेस वे के उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान खत्म होती नजर आई। सपा प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव जैसे ही मंच पर पहुंचे तो वहां पहले से मौजूद प्रोफेसर रामगोपाल ने खड़े होकर उनका स्वागत किया। वहीं शिवपाल ने भी भड़े भाई रामगोपाल के पैर छूकर आर्शीर्वाद लिया। इसके बाद पूरे कार्यक्रम हंसते एक दूसरे के आसपास नजर आए।
इतना ही नहीं पारिवारिक कलह के बीच पहली बार शिवपाल ने सीएम अखिलेश की भी तरीफ की। उन्होंने कहा कि तय सीमा में अखिलेश ने बहुत बड़ा काम किया है इसके लिए उन्हें बधाई। शिवपाल ने कहा कि जितना काम समाजवादियों ने कर दिखाया है उतना कोई नहीं कर सकता।
सपा में पिछले कई महीनों से चल रही टकरार के बीच गुरुवार 17 नवंबर को पार्टी से 6 महीने के लिए निकाले गए रामगोपाल यादव की फिर पार्टी में वापसी हो गई। बुधवार 16 नवंबर को संसद में जो हुआ, उससे इसके संकेत मिल रहे थे।
दरअसल, रामगोपाल को सपा से मुलायम ने बाहर का रास्ता दिखाया था। माना जा रहा था कि वह अपने चचेरे भाई को राज्यसभा में दल के नेता के तौर पर हटाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। नोटबंदी के मसले पर रामगोपाल ही सपा की ओर से राज्यसभा में बोलते नजर आए।
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झगड़े के बाद भी अखिलेश ने छुए चाचा शिवपाल के पैर
समाजवादी पार्टी के रजत जयंती समारोह में मंच पर वो नजारा दिखा, जिसका इंतजार कई महीनों से था। चाचा-भतीजा एक साथ मंच पर मुस्कुराते दिखे। दोनों के बीच कई दिनों बाद इतनी गर्मजोशी देखने को मिली। आंखों की चमक और बातों की मिठास बता रही थी कि कुछ-कुछ सही होने लगा है। इतना ही नहीं, सीएम अखिलेश ने सारे गिले-शिकवे भुलाकर इस खास मौके पर चाचा शिवपाल के पैर छूकर उनका आर्शीवाद भी लिया। उन्होंने मंच पर सीएम के साथ-साथ भतीजे का भी फर्ज अदा किया और रिश्तों की गीली जमीन पर फिर साथ खड़ा होने की कोशिश की।
उधर भतीजे का प्यार और सम्मान देखकर शिवपाल भी पिघल गए। उन्होंने अखिलेश के सिर पर अपना हाथ रखा और आने वाले चुनाव के अग्निपथ पर विजयी भव: होने का आर्शीवाद दिया। पैर छूने से पहले मुलायम के समधी लालू प्रसाद यादव ने आगे आकर अखिलेश और शिवपाल दोनों के एकसाथ हाथ उठाए और दिलों में पड़ी दरार को भरने की कोशिश की। चाचा-भतीजे ने भी एक साथ हाथ में तलवार लेकर हवा में लहराई और विरोधी पार्टियों को इशारों-इशारों में कह दिया कि चुनाव की रणभूमि में गृहयुद्ध अब कर्मयुद्ध में बदल गया है।
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