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नहीं रहा गांधी की लाठी थामने वाला, 87 साल की उम्र में दुनिया को कहा अलविदा

aman
By aman
Published on: 8 Nov 2016 4:55 PM IST
नहीं रहा गांधी की लाठी थामने वाला, 87 साल की उम्र में दुनिया को कहा अलविदा
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नहीं रहा गांधी की लाठी थमने वाला, 87 साल की उम्र में दुनिया को कहा अलविदा

नई दिल्ली: आपने महात्मा गांधी की एक तस्वीर जरूर देखी होगी, जिसमें एक बच्चा उनकी लाठी खींच रहा है। इस फोटो को देखकर आपके जेहन में ये सवाल जरूर आया होगा कि ये बच्चा कौन है? इस बच्चे का नाम कनु रामदास गांधी है। सोमवार रात उनका निधन हो गया। वे 87 वर्ष के थे। कनु रामदास गांधी महात्मा गांधी के पोते, बेहतरीन फ़ोटोग्राफ़र और नासा के पूर्व वैज्ञानिक थे।

महात्मा गांधी की जितनी बेहतरीन तस्वीरें हैं अकसर उनके पीछे एक शख़्स रहता था, वही कनु रामदास गांधी थे। कनु रामदास गांधी लंबे समय से बीमार चल रहे थे।

1917 में हुआ था जन्म

कनु गांधी का जन्म साल 1917 में महात्मा गांधी के भतीजे नारायण गांधी-जमुना गांधी के घर हुआ था। कनु जब छोटे थे, तो उनकी वो तस्वीर बेहद मशहूर हुई, जिसमें वो दांडी मार्च के दौरान महात्मा गांधी की लाठी पकड़े हुए आगे-आगे चल रहे हैं।

आगे की स्लाइड में पढ़ें कनु गांधी के बारे में अन्य रोचक जानकारियां ...

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पिछले महीने पड़ा था दिल का दौरा

पिछले महीने कनु गांधी को दिल का दौरा पड़ा और ब्रेन हैमरेज हो गया था। इस वजह से वो कोमा में चले गए थे। महात्मा गांधी के सेक्रेटरी के तौर पर लंबे समय तक काम करने वाले कनु ने उनकी 2,000 से ज़्यादा तस्वीरें ली थीं। हालांकि, इनमें से कई तस्वीरें सालों तक गुमनाम ही रहीं।

एमआईटी से की पढ़ाई

बताया जाता है कि कई दशक पहले भारत में अमरीका के तत्कालीन राजदूत जॉन केनेथ गलब्रेथ, कनु गांधी को पढ़ाई के लिए अमरीका के एमआईटी ले गए। बाद में उन्होंने नासा के लिए भी काम किया।

20 साल की उम्र में हुए थे गांधी के साथ

कनु गांधी को उनके माता-पिता ने 20 साल की उम्र में गांधीजी की मदद के लिए सेवाग्राम भेज दिया था। वो मेडिकल की पढ़ाई करना चाहते थे। लेकिन इसके बाद उन्हें फोटोग्राफी में रुचि पैदा हुई और वो तस्वीरें खींचने लगे। कनु गांधी आमतौर पर महात्मा गांधी के आस पास ही रहते थे। ऐसे में उन्होंने कई ऐसे अंतरंग और एकांत के पल कैमरे में कैद किए जो लंबे समय बाद दुनिया के सामने आया।



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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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