TRENDING TAGS :
बर्थडे स्पेशल : आसान नहीं है पिकासो बनना, सहना पड़ता है दर्द
आदित्य मिश्र
लखनऊ: पाब्लो पिकासो फ्रांस के एक मशहूर चित्रकार थे। आज ही के दिन उनका जन्म हुआ था। उनकी पेंटिंग्स सबसे महंगे दामों पर बिकने के लिए दुनिया भर में जानी जाती है। पिकासो का जीवन काफी संघर्षों में बीता था।
उनके जीवन में एक दौर ऐसा भी आया था जब उनके पास ठण्ड से बचने के लिए कोई इंतजाम नहीं था। उन्होंने अपनी पेटिंग्स जलाकर ठंड से बचने का प्रबंध किया था।
तो आइये आज हम आपको पिकासो से जुड़ी ऐसी ही कुछ खास संस्मरणों के बारे में बता रहे है। जिनके बारे में शायद बहुत कम लोग ही जानते होंगे।
अपने ही घर में अपनी पेंटिंग नहीं लगाने पर दोस्त ने पूछा था सवाल
पाब्लो पिकासो के जीवन से जुड़े कई महत्वपूर्ण संस्मरण है। जो ये बताने के लिए काफी है कि पिकासो क्यों अन्य चित्रकारों से अलग थे। दूसरा कोई चित्रकार पिकासो के इतना फेमस क्यों नहीं हो पाया। आखिर ऐसी क्या खास बात थी उनकी पेंटिंग में जो इतने महंगे दामों पर बिकती थी।
फ्रांस के दक्षिणी इलाके में पाब्लो के घर पर दोस्तों का आना-जाना लगा रहता था। दोस्तों को आश्चर्य होता था कि पाब्लो के घर की दीवार पर उनकी एक भी पेंटिंग नहीं लगी है बल्कि कुछ सस्ती पेंटिंग्स टंगी हैं।
एक बार एक दोस्त ने हंसते हुए पूछा - तुम अपने घर में खुद की पेंटिंग क्यों नहीं लगाते? क्या तुम्हें अपनी पेंटिंग पसंद नहीं है।
पाब्लो ने जवाब दिया - नहीं दोस्त, मुझे अपनी पेंटिंग पसंद तो खूब है पर वह बहुत महंगी बिकती है और मैं उन्हें खरीद नहीं सकता।
महिला ने उड़ाया था पेंटिंग का मजाक
एक बार एक महिला पाब्लो पिकासो की कला प्रदर्शनी देखने पहुंची। कला को लेकर इस कलाकार के नजरिए से महिला सहमत नहीं हुई। दोनों के बीच कला को लेकर खूब बहस भी हुई। इस बातचीत में महिला ने पाब्लो पर तंज कसते हुए कहा कि तुम्हारे जैसे चित्र तो मेरी बेटी भी बना सकती है। पाब्लो ने तुरंत जवाब दिया - बधाई हो, तब तो आपकी बेटी जीनियस है।
ये भी पढ़ें...जन्मदिन स्पेशल: मॉडलिंग करती थीं मेनका, दस साल बड़े संजय गांधी के साथ रचाई थी शादी
फर्जी चित्रकार को ऐसे सिखाया था सबक
एक ज़रूरतमंद चित्रकार ने पिकासो द्वारा तथाकथित बनाया गया चित्र कहीं से जुटा लिया और उसे सत्यापन के लिए पिकासो को दिखाया ताकि वह उसे बाज़ार में बेचकर पैसे बना सके।
पिकासो ने उस चित्र को देखकर कहा – “फर्जी है।”
बेचारे चित्रकार ने कुछ समय बाद पिकासो द्वारा तथाकथित बनाये गए दो और चित्र कहीं से प्राप्त कर लिए। उन चित्रों को देखकर भी पिकासो ने उनके फर्जी होने की बात कही।
वह चित्रकार अब आशंकित हो उठा और बोला – “ऐसा कैसे हो सकता है? मैंने अपनी आंखों से आपको इस दूसरे चित्र को बनाते हुए देखा है!”
पिकासो ने कहा – “तो क्या! मैं भी दूसरों की ही तरह फर्जी पिकासो बना सकता हूं।”
कारपेंटर चित्रकारी देख रह गया था दंग
पिकासो ने एक बार अपने फ्रांस वाले भवन में महोगनी की एक आलमारी बनवाने के लिए एक कारपेंटर को बुलाया।
कारपेंटर को आलमारी का वांछित डिजाईन समझाने के लिए पिकासो ने कागज़ पर आलमारी के आकार और रूप का एक स्केच बनाकर कारपेंटर को दिया।
पिकासो ने कारपेंटर से पूछा – “इसपर कितना खर्च आएगा?”
कारपेंटर ने कहा – “कुछ नहीं। आप बस स्केच पर अपने सिग्नेचर कर दीजिये।” कारपेंटर उनकी चित्रकारी देख दंग रह गया था।
पिकासो के बारे में जानें ये जरुरी बातें
पाब्लो पिकासो (1881-1973) महान स्पेनिश चित्रकार और शिल्पकार थे। उन्होंने जॉर्ज ब्राक के साथ मिलकर आधुनिक चित्रकला में घनवाद (cubism) का प्रारंभ किया। उन्हें निर्विवाद रूप से बीसवीं शताब्दी का महानतम चित्रकार माना जाता है। गेर्निका (1937) उनकी सर्वाधिक प्रसिद्द पेंटिंग है जिसमें स्पेनिश गृहयुद्ध के दौरान जर्मन लड़ाकू विमानों द्वारा बास्क राजधानी पर बमबारी का चित्रण किया गया है।
ये भी पढ़ें...2 अक्टूबर विशेष: जन्मदिन पर गांधीजी चरखा चलाते थे और ज्यादातर मौन रहते थे
दस साल तक चला संघर्ष
पेरिस में अपने पहले कुछ वर्षों में पिकासो ने कुल 200 आयल पेंटिंग बना डालीं। 200 पेंटिंग्स तो बहुत से महान कलाकारों ने जीवनभर में बनाई हैं। लेकिन शुरुआती सालों में कोई उसकी पेंटिंग खरीदता नहीं था। खुद को साबित करते करते उन्हें 10 साल लगे। तब जाकर उसके काम को पहचाना जाने लगा।पाब्लो ने खुद की एक अनोखी शैली विकसित की।
जब अपने ही हाथों जलानी पड़ी खुद की पेंटिंग
गुमनामी के उन सालों में उनकी हालत इतनी खराब थी कि पिकासो और उनके दोस्त मैक्स जेकब के पास सोने के लिए एक ही बिस्तर था। एक दिन में सोता था तो दूसरा रात में। जाड़े के दिनों में दोनों को एक ही बिस्तर पर सोना पड़ता था।ठण्ड से बचने के लिए बहुत बार ऐसा हुआ कि पिकासो को खुद की पेंटिंग जलानी पड़ी।
50,000 से कलाकृतियां बनाई
पिकासो अपने लंबे जीवनकाल में 50,000 से ज़्यादा कलाकृतियां बनाई जिसमें 1,885 पेंटिंग शामिल हैं; 1,228 मूर्तियां; 2,880 सिरेमिक, लगभग 12,000 चित्र, कई हजार प्रिंट और कई टेपस्ट्रीज़ और कालीन। वह समय भी आया जब ठण्ड से बचने के लिए खुद की पेंटिंग जलाने वाले की पेंटिंग्स मिनटों में बिकने लगीं। 1932 में बनाई गई पिकासो की 'न्यूड, ग्रीन लीव्स एंड बस्ट' तो रिकॉर्ड 691 करोड़ में बिकी।
ये भी पढ़ें...जन्मदिन विशेष : 13 पॉइंट्स में जानिए अशफाक उल्ला खां के बारे में, जो बेहद खास है