बड़े शहरों की छोटी गलियों के 'शेफ' को ढूंढने को तैयार है DUDE WITH FOOD

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Published on: 20 Nov 2017 10:17 AM GMT
बड़े शहरों की छोटी गलियों के शेफ को ढूंढने को तैयार है DUDE WITH FOOD
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संध्या यादव

लखनऊ: गली क्रिकेट के बारे में तो आपने खूब सुना होगा, पर बड़े-बड़े शहरों की छोटी-छोटी गलियों में जो फाइव स्टार के होटलों के शेफ की तरह टैलेंट रखने वाले 'गली के शेफ' होते हैं, उन्हें बहुत ही कम लोग जानते हैं। उनकी बनाई टिक्की-बताशों, भेलपूरी और चटपटी चाट के चटकारे केवल उन्हीं के एरिया में ही सीमित रह जाते हैं जबकि दुनिया भर के चटपटे और खाने के शौक़ीन चटोरे लोग उनके बनाए इन लजीज खानों तक कभी पहुंच ही नहीं पाते हैं। इससे ना केवल उस गली शेफ का टैलेंट सीमित रह जाता है बल्कि फूडीज लोग भी उनके खानों का लुत्फ नहीं ले पाते हैं।

पर अब आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है अगर आप 'स्ट्रीट फूड लवर' हैं और तरह-तरह के खानों और चटपटी चीजों का लुत्फ लेने की चाहत रखते हैं, तो तैयार हो जाइए क्योंकि डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर जल्द ही आपके लिए एक प्रोग्राम आ रहा है जिसका नाम है "Dude with Food"।

ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर शुरू हो रही इस वेब सीरीज को लेकर आ रहे हैं नवाबों के शहर लखनऊ के प्रतीक भारद्वाज, जो पेशे से एक रेडियो जॉकी भी हैं।

क्या है Dude With Food?

#DudeWithFood एक ऐसा प्रोग्राम है, जो बड़े शहरों के छोटे गलियारों में छिपे हुए टैलेंट भरे 'गली के शेफ' लोगों को दुनिया के सामने लाएगा। उनके छिपे हुए हुनर को नया प्लेटफ़ॉर्म मिलेगा और खाने के शौकीनों को स्वाद का नया चस्का चखने का मौक़ा मिलेगा। स्ट्रीट फूडीज के लिए यह प्रोग्राम काफी इंट्रेस्टिंग होने वाला है। हमारा भारत देश विविधताओं से भरा हुआ है, यहां कदम-कदम पर ना केवल पानी बदला हुआ है, लोगों की भाषाएं, रहन-सहन और खाने के तौर-तरीकों में भी फर्क है। इन सबके बावजूद यहां के लोग ना केवल अपने खानों के शौक़ीन हैं बल्कि अलग-अलग तरह के खाने के लिए भी उनका मन मचलता रहता है।

Newstrack.com ने जब प्रतीक भारद्वाज से उनके इस नए प्रोग्राम के बारे में बातचीत की, तो उन्होंने बताया कि 'शौक' बहुत बड़ी चीज है कई बार बड़े-बड़े होटल्स में खाने के बाद भी मन को वह संतुष्टि नहीं मिलती है, जो किसी नुक्कड़ के चाट के ठेले पर खाने के बाद। ऐसे में जरूरत है गलियों के उन छिपे शेफ को ढूंढने की, जिन्हें खाने के शौक़ीन लोगों तक पहुंचाने की जरूरत है ताकि गली के शेफ को नई पहचान मिले और खाने के शौकीनों को नया स्वाद।

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डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर प्रोग्राम लाने के बारे में प्रतीक ने बताया कि आज कल ज्यादातर लोग टीवी के सामने बैठे नहीं रहना चाहते हैं। वह चाहते हैं कि वह काम भी करते जाएं और जानकारी भी हासिल करते जाएं। ऐसे में ये आईडिया उन्हें बेस्ट लगा क्योंकि आजकल हर किसी के पास स्मार्टफोन है और लोग इन्टरनेट भी यूज करते हैं। ऐसे में वह सफ़र करते हुए या फ्री टाइम में भी अपने ही प्लेस पर 'गली के शेफ' के बारे में जानकारी पा सकते हैं।

वह बताते हैं कि उनका सपना है कि वह पूरे देश के हर कोने में जाकर 'गली के शेफ' से लोगों को रूबरू करवाएं। इसकी शुरुआत वह नवाबों के शहर लखनऊ से करेंगे। इसके बाद वह कोलकाता की ओर रुख करेंगे। उसके बाद पूरे देश के 'गली के शेफ' तलाशने का कारवां चलाते रहेंगे।

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