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ला नीना से टूटेगा 22 सालों का रिकॉर्ड, बेहतर मानसून लाएगा अच्छे दिन

Newstrack
Published on: 30 May 2016 10:15 AM GMT
ला नीना से टूटेगा 22 सालों का रिकॉर्ड, बेहतर मानसून लाएगा अच्छे दिन
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लखनऊ: इस साल देश में सामान्य से अच्छी बारिश होने का अनुमान है। मौसम विज्ञान विभाग इस साल 6 फीसदी अधिक बारिश होने का अनुमान लगाया जा रहा है। कहा जा रहा है कि देश में साल 1994 के बाद इस साल सबसे अधिक बारिश होने का अनुमान है।

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प्राइवेट एजेंसी स्काईमेट वेदर सर्विसेज के मुताबिक, जून से सितंबर में चलने वाले मानसून के दौरान 109 फीसदी बारिश होने की संभावना है। 1994 के बाद ये पहली बार है, जब कोई मौसम एजेंसी 109 फीसदी बारिश का अनुमान लगा रही हो। इसी के चलते अच्छी बारिश के कारण मक्का, धान और तिलहन की खेती बढ़ने की उम्मीद की जा रही है।

ये सब संभव होगा, 'ला-नीना' की वजह से। 'ला नीना' प्रशांत महासागर की एक प्राकृतिक धारा है, जो दुनिया भर के मौसम को प्रभावित करता है। ला नीना के प्रभाव से तापमान में कमी आती है। वहीं, भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, देश में सामान्य के मुकाबले 106 फीसदी बारिश होने का अनुमान है।

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2013 के बाद पहली बार मौसम विभाग ने देश में सामान्य से अधिक बारिश का अनुमान लगाया है। उम्मीद की जा रही है कि इस साल बेहतर मानसून रहने से आर्थिक विकास होने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही देश में पानी की समस्या से भी काफी हद तक निजात मिलेगी।

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टूटेगा दो सालों का रिकॉर्ड

पानी की दिक्कतों से जूझ रहे 10 से अधिक राज्यों के साथ ही देश भर के लिए ये अच्छी खबर है। इस साल मानसून बारिश के मामले में 2 सालों को रिकॉर्ड तोड़ सकता है। मौसम विभाग के अनुमानों के मुताबिक इस साल 104 से 110 फीसदी अधिक बारिश हो सकती है।

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जुलाई से शुरू होगा ला नीना का असर

राठौड़ ने बताया कि इस साल मानसून औसतन 106 फीसदी लंबे रेंज में सामान्य तौर पर बरसेगा। अल नीनो कमजोर हो रहा है और उसके मानसून के बीच में आने की संभावना है। वहीं ला नीना जुलाई से शुरू हो जाएगा। इससे खेती को लेकर बेहद अच्छी संभावनाएं बनती दिख रही हैं। इससे देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।

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पीने के पानी तक को तरस रहे लोग

महाराष्ट्र के विदर्भ और मराठावाड़ा, यूपी-एमपी के बुंदेलखंड, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, राजस्थान, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना समेत 9 राज्य सूखे की चपेट में हैं। कई राज्यों में सूखे से हालात इतने बदतर हो गए हैं कि लोग पीने के पानी तक को तरस गए हैं और वहां से पलायन करने को मजबूर हैं। सूखे को लेकर देश भर में सरकार, अदालत और सार्वजनिक क्षेत्रों में लगातार बहसें हो रही हैं।

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खरीफ फसलों के लिए सरकार ने दिए निर्देश

इससे पहले केंद्र सरकार ने राज्यों को निर्देश दिया कि वे जून से शुरू होने वाले खरीफ सत्र में फसल का रकबा और उत्पादन बढ़ाने की योजना तैयार करें।

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कृषि सचिव शोभना के पटनायक ने साल 2016-17 के लिए खरीफ अभियान को शुरू करने के लिए एक राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि अल नीनो( समुद्री सतह के तापमान में बदलाव की घटना )के प्रभाव में गिरावट आ रही है। ऐसी उम्मीद है कि इसके बाद 'ला नीना' की स्थिति आएगी और जिससे इस साल मानसून बेहतर हो सकता है।

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