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विधवाओं के चेहरों पर आई मुस्कान, जब मिला उन्हें एफिल टावर के सामने फोटो खिंचवाने का सम्मान

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Published on: 23 Nov 2016 4:43 AM GMT
विधवाओं के चेहरों पर आई मुस्कान, जब मिला उन्हें एफिल टावर के सामने फोटो खिंचवाने का सम्मान
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वृंदावन: वृंदावन और वाराणसी की जिन विधवाओं ने कभी अपने उस घर को दोबारा लौटकर देखने का सपना तक नहीं संजोया, उन्हें अगर फैशन की राजधानी पेरिस घूमने का निमंत्रण मिले, तो इसे शायद चमत्कार ही कहेंगे। लेकिन ऐसा चमत्कार हुआ है सुलभ इंटरनेशनल की तरफ से संचालित विधवा आश्रमों की दो विधवाओं के साथ। वृंदावन में रह रहीं 93 साल की मानू घोष और वाराणसी में वक्त गुजार रहीं 70 साल की गौरवानी शील यूरोप के प्रतिष्ठित फोटोग्राफ प्रदर्शनी से पिछले दिनों बुलावा मिला। अपने उम्र के तकरीबन आखिरी पड़ाव पर पहुंची ये दोनों विधवा महिलाएं फ्रांस के शहर मानिटर एन डेर की विश्व प्रसिद्ध फोटो प्रदर्शनी में शामिल होकर भारत लौट आई हैं।

आगे की स्लाइड में जानिए कैसे बनी इन दोनों महिलाओं की यह ट्रिप यादगार

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अपनी इस यात्रा के दौरान उन्होंने दुनियाभर के सैलानियों के आकर्षण का केंद्र रहे पेरिस के एफिल टॉवर के सामने फोटो भी खिंचवाया। जो उनकी जिंदगी की धरोहर बन गया है। सप्ताहभर की इस यात्रा के दौरान इन महिलाओंं ने फ्रांस के दूसरे शहरों को भी देखा। फ्रांस की सफाई और सुंदरता देख ये महिलाएं मोहित हो गईं।

इस प्रदर्शनी के दौरान एक परिचर्चा में सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक डॉक्टर बिंदेश्वर पाठक ने हिस्सा भी लिया। इस दौरान डॉक्टर पाठक ने कहा कि उन्हें इस बात का गर्व है कि वे वृंदावन और वाराणसी की हजारों विधवाओं का यहां प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

आगे की स्लाइड में जानिए सुलभ इंटरनेशनल संस्था के बारे में

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अगस्त 2012 से सुप्रीम कोर्ट की पहल पर वाराणसी, वृंदावन और केदारनाथ की हजारों विधवाओं की देखभाल कर रहा सुलभ इंटरनेशनल ने विधवाओं को सामाजिक मुख्यधारा में शामिल करने और उनके हालात सुधारने के लिए कई बड़े कार्यक्रम चलाए हैं। सुलभ की पहल पर रंगों से दूर रहने वाली विधवाएं अब हर साल खुलकर होली और दीवाली भी मनाती हैं। हर साल सुलभ की ही पहल पर विधवाओंं को पश्चिम बंगाल की मशहूर दुर्गापूजा का भी भ्रमण कराया जाता है। इस साल के उज्जैन महाकुंभ में भी विधवाओं ने सुलभ के सहयोग से पवित्र स्नान किया।

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