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#LahukaLagaan: अरुण जेटली आपको नहीं करेंगे सलाम, अगर औरतों के पीरियड्स पर लगाते हैं लगान
लखनऊ: बुधवार सुबह से ही लहू का लगान # कर रहा है। जीएसटी(GST) में सैनिटरी नैपकीन पर लगने वाले टैक्स के विरोध में आवाज बुलंद होती जा रही है। बॉलीवुड एक्ट्रेसेस ने इसका जमकर विरोध किया है। बुधवार सुबह से ही ट्विटर पर #लहूकालगान ट्रेंड कर रहा है। बॉलीवुड के अलावा कई दूसरे फील्ड्स की सेलेब्रिटीज ने भी वित्त मंत्री अरूण जेटली से इस टैक्स को खत्म करने की मांग की है। बॉलीवुड की कई एक्ट्रेस सरकार से अपील कर रही हैं कि हमारे देश में आज भी बहुत कम महिलाएं कीमत ज्यादा होने की वजह से सैनिटरी नैपकीन इस्तेमाल नहीं कर पाती। ऐसे में इसे जीएसटी टैक्स के दायरे में लाकर इसे लोगों की पहुंच से बाहर न किया जाए।
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हमारे देश में आज भी जागरुक्ता के अभाव में महिलाएं पैड नहीं इस्तेमाल करती है। यहां केवल 5 में से 1 औरत ही पैड अफोर्ड करती है। इसके पीछे की वजह है इनके दाम और इनके प्रति औरतों में जागरूकता का ना होना है। कॉन्डम या गर्भ निरोध के लिए सरकार ने तगड़ा कैंपेन चलाकर लोगों को जागरूक किया। इसी तरह HIV और पोलियो के खिलाफ भी सफल कैंपेन चलाए गए है तो फिर सवाल उठता है कि पैड के साथ ऐसा दुर्व्यवहार क्यों।
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शी सेज़ (she says) ग्रुप ने लहू का लगान (#LahuKaLagaan )नाम का एक कैंपेन लॉन्च किया है जो सेनेटरी नैपकिन पर लगे टैक्स को हटवाने के लिए है। कैंपेन सोशल मीडिया बहुत ट्रेंड कर रहा है और सेलब्रेटीज के साथ लड़कियां लगातार अरुण जेटली को टैग कर अपील कर रही हैं कि ये टैक्स ख़त्म कर दिया जाए। इसके पीछे दी जाने वाली वजहे भी जायज है।
हम अपने शरीर से निकलने वाली किसी भी चीज के लिए तो टैक्स नहीं भरते। फिर हमें पीरियड जैसी बेसिक चीज के लिए टैक्स क्यों भरना पड़ता है, सेनेटरी नैपकिन खरीदने पर।
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एक्ट्रेसेस का सपोर्ट
बॉलीवुड की एक्ट्रेसेस ने देश के फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली को टैग कर उनसे सैनिटरी नैपकीन को टैक्स से बाहर रखने की अपील की है। कवन दवे ने ट्वीट किया, 'सैनिटरी नैपकीन पर तो हम पहले ही स्वच्छ भारत सेस के तौर पर टैक्स दे रहे हैं? तो आप लहू के लगान पर डबल चार्ज लेंगे।'
जबकि राधिका ने ट्वीट किया, 'सैनिटरी पैड्स पर से टैक्स हटाइए। आप यह सब इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि पुरुषों को इसकी जरूरत नहीं होती।'
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तो वहीं बैडमिंटन प्लेयर ज्वाला गुट्टा ने इस मामले में हैरानी जताते हुए ट्वीट किया, 'मिस्टर अरुण जेटली यह बेहद आश्चर्यजनक है। मुझे कभी भी नहीं पता था कि सैनिटरी नैपकीन का इस्तेमाल करना लग्जरी है। मैं हैरान हूं। इसलिए मैं आपसे रिकवेस्ट करती हूं कि सैनिटरी नैपकीन पर टैक्स ना लगाया जाए, ताकि यह हमारे देश की महिलाओं के लिए उपलब्ध हो सके। #लहूकालगान को ना कहिए।'
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अदिति राव हैदरी ने ट्वीट किया, 'अरुण जेटलीजी, सैनिटरी नैपकीन हमारी जरूरत है, लग्जरी नहीं। कृपया इन्हें जीएसटी से बाहर कर दीजिए, ताकि और ज्यादा महिलाएं इनका इस्तेमाल कर सकें।'
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फिल्म अनारकली ऑफ आरा में बेहद बोल्ड रोल करने वाली स्वरा भास्कर ने भी इस तरह के टैक्स का विरोध किया है। इस बारे में स्वरा ने कहा, 'मैं अदिति राव हैदरी से पूरी तरह सहमत हूं। सरकार को सैनिटरी नैपकीन पर किसी तरह का टैक्स नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि यह हमारी जरूरत है, किसी तरह की विलासिता नहीं।'
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बॉलीवुड एक्ट्रेस लीजा रे ने फाइनेंस मिनिस्टर से सैनिटरी नैपकीन पर टैक्स नहीं लगाने की अपील की। उन्होंने लिखा, 'अरुण जेटली क्या आप जानते हैं कि हमारे देश में 88 फीसदी महिलाएं अब भी सैनिटरी नैपकीन की बजाय कपड़े के टुकड़े, राख, लकड़ी की छीलन और फूस इस्तेमाल करती हैं। इन पर भी टैक्स लगा दीजिए?'
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वहीं राइटर अद्वैता काला ने ट्विटर पर लिखा, 'मासिक धर्म शुरू होने पर 23 फीसदी लड़कियां स्कूल छोड़ देती हैं। आपको सैनिटरी नैपकीन को इतना सस्ता करना चाहिए कि सभी उसका इस्तेमाल कर सकें।' उधर पद्मजा जोशी ने ट्वीट किया, 'हम लोगों का मानना है कि पीरियड्स के दौरान कपड़े का इस्तेमाल करना गलत है? लेकिन महिलाएं घास-फूस या उससे भी खराब चीजें इस्तेमाल करने के लिए मजबूर हैं।
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कृपया सैनिटरी नैपकीन को सस्ता कीजिए।'दरअसल, हमारे समाज में आज भी पीरियड्स को टैबू के रूप में देखा जाता है। सोसायटी में इस मुद्दे पर जागरूकता लाने के मकसद से ही टि्वंकल खन्ना और अक्षय कुमार पैडमैन नाम की फिल्म बना रहे हैं जिसके डायरेक्टर आर बाल्की होंगे। यह कोयंबटूर के रहने वाले अरुणाचलम मुरुगनाथम की कहानी है, जिन्होंने महिलाओं के लिए लो-कॉस्ट सैनिटरी नैपकिन बनाने वाली मशीन इजाद की थी।
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बिग बॉस की कंटेस्टेंट प्रिया मलिक अक्सर अपने बयान और बोल्ड सीन को लेकर सुर्खियो में रहती है। अब उन्होंने सरकार से सेनिटरी को टैक्स फ्री करने की अपील की है। प्रिया मलिक ने वित्त मंत्री अरूण जेटली को एक के बाद एक कई ट्वीट करके लिखा कि सैनिटरी पैड्स को टैक्स फ्री किया जाये। इसके साथ ही लिखा कि ‘शुक्र है लहू के लगान का, आज भी भारत में 88 फीसदी औरतें अपने अच्छे दिनो के दौरान कपड़े, प्लास्टिक, सूखी पत्तियां और रेत का इस्तेमाल करती है।
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प्रिया ने अपने अगले ट्वीट में लिखा कि ‘ हाय अरूण जेटली ऐसा क्यों है कि बीड़ियां टैक्स फ्री हैं लेकिन सैनिटरी पैड्स पर लहू का लगान देना पड़ता है? सच कह रही हूं जिगर मा बड़ी आग है। इसके बाद प्रिया ने आगे लिखा,‘ अगर सिंदूर, बिंदी और अल्ता टैक्स फ्री है तो सैनिटरी पैड्स क्यों नहीं? श्रृंगार का अधिकार है लेकिन लहू के लगान के साथ? आपको बता दें कि इससे पहले फिल्म "बार बार देखो" की रिलीज को लेकर विवाद उठा था। उसके समर्थन में प्रिया ब्रा लेस होकर सामने आई थी।