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10 साल की उम्र में चढ़ी कंचनजंघा पर, अब हिंडन बचाने उतरी मनस्संज्ञिनी
बागपत: दिल में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो उम्र कोई मायने नहीं रखती। ऐसा ही एक प्रयास किया है बागपत के बड़ौत की 10 साल की बच्ची ने। ये बच्ची हिंडन नदी को प्रदूषण मुक्त करने की अलख जगाएगी। इसके लिए वो गांव-गांव जाएगी और बच्चों के बीच पंचायतें भी करेगी।
इस बच्ची का नाम मनस्संज्ञिनी है। इसे 'हिंडन बचाओ अभियान' के तहत ब्रांड एंबेसडर बनाया गया है।
मनस्संज्ञिनी 5 मई को दिल्ली के जंतर-मंतर पर सैकड़ों बच्चों को साथ लेकर राष्ट्रपति, पीएम और सीएम से उनके इस कार्य में मदद की अपील करेंगी।
मनस्संज्ञिनी ने जो ठाना वही किया
-मात्र 10 साल की उम्र में इतनी बड़ी जिम्मेदारी देने के पीछे एक खास वजह भी है।
-मनस्संज्ञिनी इससे पहले 16 हजार 300 फिट उंचे कंचनजंघा बेस कैंप पर तिरंगा भी फहरा चुकी है।
-इसके बाद इस लड़की का अगला मकसद है हिंडन को प्रदूषण मुक्त करना।
सेमिनार में थी सबसे कम उम्र की प्रतिनिधि
-राजस्थान के अलवर में 7 अप्रैल से 14 अप्रैल तक चली 'इकोलाॅजिकल एंड सोशल जस्टिस लीडरशिप' पर अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार हुई थी।
-इस सेमिनार में शामिल होने वाली ये इतनी कम उम्र एक मात्र प्रतिनिधि थी।
-इस सेमिनार में देश-विदेश से कई प्रतिनिधि आए थे।
-'हिंडन बचाओ अभियान' चला रहे जलपुरुष राजेंद्र सिंह और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ मिस्टर बास्चियन ने मनस्संज्ञिनी के हौसले को देखते हुए उसे इस अभियान का ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया गया।
-मनस्संज्ञिनी अब बड़ौत पहुंच गई हैं और अपने अभियान की तैयारी शुरू कर दी है।
शुरू किया 'चीनी कम, चीनी बंद' अभियान
मनस्संज्ञिनी कहती है, कि अब उन्होंने 'चीनी कम, चीनी बंद' अभियान शुरू किया है। वह गांव-गांव जाकर अपनी उम्र के बच्चों समेत बड़े लोगों को समझाती हैं कि यदि हम चीनी का इस्तेमाल कम कर दें तो इंडस्ट्री खुद कम हो जाएगी। इंडस्ट्रीज से निकला दूषित जल वाटर लेवल और जमीन की ऊपरी और निचली सतह को गंदा कर रहा है, जिससे बीमारियां बढ़ रही हैं।
राजनीतिक घराने से है संबंध
-मनस्संज्ञिनी पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री सोमपाल शास्त्री की पोती हैं।
-मनस्संज्ञिनी की एक छोटी बहन सूर्यसंज्ञिनी और एक बड़ा भाई वास्संज्ञान है।
-पिता संदीप चैधरी और मां मनीषा उसे मिली इस नई जिम्मेदारी से काफी खुश हैं।
मई से करेंगी अभियान की शुरुआत
-मनस्संज्ञिनी मई से अपने इस अभियान की युद्धस्तर पर शुरुआत करेंगी।
-वो गांव-गांव में बाल पंचायतें कर लोगों को जल से जुड़ी जानकारियां देंगी।