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सिंहस्थ कुंभः10 वर्षों से किया है हठयोग, खड़े होकर पूरी करते हैं नींद
ASHUTOSH TRIPATHI
उज्जैन: सिंहस्थ महाकुंभ का हिस्सा बनने के लिए देशभर के साधु-संत महाकाल की नगरी पहुंच गए हैं। इन साधुओं में से एक वंशगिरि बाबा भी हैं, जो 2006 से न बैठे हैं और न ही लेटे हैं। यहां तक कि वो अपनी नींद भी खड़े रहकर ही पूरी करते हैं।
घर वालों की नहीं मानी बात
-उत्तर प्रदेश में जन्में अटल अखाड़े के साधु वंशगिरि बाबा बचपन से ही आध्यात्म प्रेमी थे।
-इसके चलते उन्होंने 1994 में सन्यासी जीवन अपना लिया।
-घर में सभी ने उनके इस फैसले का विरोध किया,लेकिन उन्होंने किसी एक की न सुनी।
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-सन्यासी जीवन जीते हुए उन्होंने कठोर साधना की।
-हठयोग को अपनाते हुए 2006 से हमेशा खड़े रहने की साधना शुरू कर दी।
-पहले वो एक सप्ताह तक ही खड़े रह पाते थे।
-धीरे-धीरे अपनी इच्छाशक्ति को मजबूत करते हुए वह समय की अवधि बढ़ाते गए।
-2007 से उन्होंने पूरी तरह से बैठना और लेटना बंद कर दिया।
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सोते समय भी रहते हैं खड़े
पिछले 10 साल से चले आ रहे अपने इस हठयोग का पालन करते हुए वंशगिरी बाबा सोते भी खड़े होकर ही हैं। दिक्कत होने पर वो झूले का सहारा लेते हैं जो पास में बंधा है। इस पर शरीर का भार डालकर वो नींद पूरी कर लेते हैं। नींद लेने के साथ ही खड़ेश्वर बाबा अपनी नित्य क्रियाएं भी खड़े रहकर ही करते हैं।
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साधु खुद के लिए कुछ नहीं करता
बाबा वंशगिरी से बात करने पर उन्होंने कहा कि बाबा खुद के लिए कुछ भी नहीं करता। वह तो हर काम देश की शांति के लिए करता है। उसका किया हर काम देश के उत्थान और शांति के लिए होता है।
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