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अगर आपका बच्चा भी है जोड़ों में इंफेक्शन का शिकार तो जरुर कराएं उसके गले का उपचार
टोरंटो: रिसर्च में ये बात साफ हो गई है कि बच्चों के गले में बैक्टीरिया की मौजूदगी हड्डी और जोड़ों के इंफेक्शन का संकेत देती है। इस बैक्टीरिया के कारण बच्चों के चलने-फिरने पर प्रभाव पड़ ही सकता है, साथ ही साथ मौत का खतरा भी रहता है। एक नई रिसर्च में शोधकर्ताओं ने पाया कि बच्चों के गले में पाए जाने वाला बैक्टीरिया किंगेला किंगे के कारण होने वाले हड्डियों और जोड़ों के इंफेक्शन होता है।
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इससे पहले माना जाता था कि अधिकतर इंफेक्शन स्टेफेलोकोकस, स्ट्रेप्टोकोकस और हेमोफीलस इंफ्लूएंजा टाइप बी बैक्टीरिया की वजह से होता है। तब इनका इलाज लंबे समय तक चलने वाले एंटीबायोटिक और या सर्जरी से किया जाता था। इधर कुछ साल में बेहद सेंसेटिव टेक्नीक के कारण इन इंफेक्शंस के लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया की सटीक पहचान संभव हो सकी। रिसर्च में छह माह से चार साल तक के 77 बच्चों पर रिसर्च की। इन्हें हड्डी या जोड़ों इंफेक्शन के संदेह के चलते भर्ती कराया गया था। इनमें से 65 बच्चों को पक्के तौर पर हड्डी या जोड़ों का इंफेक्शन था। उन्होंने पाया कि 4 साल से कम उम्र के जिन बच्चों में हड्डी या जोड़ों का इंफेक्शन पाया गया था, उनमें से अधिकतर बच्चे किंगेला किंगे बैक्टीरिया से संक्रमित थे।
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कनाडा के मोंट्रियल विश्वविद्यालय के जोसलेन ग्रेवल ने कहा कि सबसे अहम बात यह है कि जिन बच्चों को हड्डी या जोड़ों का इंफेक्शन था, उनके गले में ये बैक्टीरिया मौजूद थे।इससे बचने के लिेए बच्चों के टंग और टिथ की अच्छे से सफाई जरुरी है।