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अगर इस तरीके से पिएंगे दूध, तो कम होंगी ब्लड प्रेशर, फैट जैसी बीमारियां

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Published on: 11 Oct 2017 4:01 PM IST
अगर इस तरीके से पिएंगे दूध, तो कम होंगी ब्लड प्रेशर, फैट जैसी बीमारियां
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लखनऊ: यदि आप लगातार बढ़ रहे वजन से परेशान है तो टोंड मिल्क का इस्तेमाल कर सकते हैं। ये मिल्क फैट मिल्क से कई गुना ज्यादा अच्छा है और रोगों से निजात दिलाने में सहायक होता है। यदि आप दूध के शौकीन हैं तो ये आपके लिए अच्छी खबर है।

टोंड-फुल क्रीम मिल्क में अंतर

अगर आपको वजन घटाना है तो फैट वाला दूध पीना छोड़िए क्योंकि आपके पास टोंड मिल्क का अच्छा विकल्प है। मोटापा का कारण है नियमित दिनचर्या और खान-पान में परिवर्तन है। जंक और फास्ट फूड भी सेहत पर बुरा प्रभाव डालते हैं। फास्ट फूड ही बच्चों में बढ़ रहे मोटापे का कारण है, क्योंकि वे इसको ज्यादा खाते है।

डॉक्टर्स का कहना है कि लोग शुरू से ही खानपान पर ध्यान दें, हेल्दी डाइट लें तो किसी को मोटापा हो नहीं सकता है। जानते हैं कि कैसे टोंड मिल्क से कैसे मोटापा घटाता है? फिजीशियन डॉ. कलीम अहमद का कहना है कि फुल क्रीम मिल्क से बेहतर टोंड मिल्क है, जो मोटापे को कम करता है। अगर आप नियमित रूप से इस दूध का सेवन करते हैं तो आपको मोटापे के साथ हृदय रोग भी नहीं होगा।

पोषक तत्वों से भरपूर

टोंड मिल्क में फुल क्रीम मिल्क की तरह बाकी सभी पोषक तत्व होते हैं, बस फैट नहीं होता। इसमें कैल्शियम होता है, जो हड्डियों, दांत और मांसपेशियों के लिए अच्छा है। मौजूद प्रोटीन पाचन क्षमता को सही रखता है। इस दूध में पोटैशियम भी होता है, जो ब्लड प्रेशर लेवल को सामान्य बनाए रखता है। इसे रोज सुबह पीना चाहिए, जिससे दोपहर तक आपका पेट भरा रहे।

लो कैलोरी

एक कप टोंड मिल्क में लगभग 150 कैलोरी होती है, वहीं दूसरी ओर फुल क्रीम वाले मिल्क के एक कप में 285 कैलोरी होती है। फुल क्रीम मिल्क में अतिरिक्त फैट होता है जो कि कॉलेस्ट्रॉल के लेवल को बढ़ता है। फैट हेल्थ के लिए हानिकारक होता है क्योंकि ये धमनियों को ब्लॉक कर दिल की बीमारी और स्ट्रोक को बढ़ा सकता है। टोंड मिल्क में नाम मात्र फैट होता है इसलिए यह वेट लॉस प्लान के लिए ठीक है और दिल की बीमारी भी नहीं होती है।

कौन, कितना ले टोंड मिल्क

3 से 12 साल के बच्चों को दिनभर में 3 ग्लास टोंड मिल्क दे सकते हैं। वहीं बड़ों को दिनभर में आधा लीटर दूध पीना चाहिए। बूढ़े लोगों को उम्र के साथ-साथ कैल्शियम की अधिक मात्रा की जरूरत होती है, इसलिए उन्हें 750 ग्राम पीने की जरूरत होती है।



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