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ये हैं भारत के वो TOP-5 गांव, जो अपनी कला के लिए हैं प्रसिद्ध
लखनऊ: हमारा भारत देश कई तरह के रीति-रिवाजों का देश हैं। ये देश तरह- तरह की भाषाओं, कलाओं और संस्कृति के लिए दुनियाभर में जाना जाता है। इस देश की खासियत ये है कि यहां पर हर धर्म के लोग रहते हैं जिनके अपने-अपने रीति-रिवाज मनाने के अलग ही अंदाज हैं। साथ ही इस देश कि सभी जगह अपनीं अपनी कला के लिए विख्यात हैं। तो आज हम आपको भारत के उन शहरोँ के बारे में बताएंगे जो की अपनी कला के लिए प्रसिद्ध हैं। आप भी एक बार जरुर जाइये और देखियें इन जगहों की कलात्मक खूबसूरती को।
रघुराज पुर
जैसा की आप जानते हैं कि भारत को तरह- तरह की कला के लिए जाना जाता हैं। रघुराज पुर नाम का यह गांव उडीसा में स्थित है जो 2000 में इसे हैरिटेज गांव की लिस्ट में शामिल किया गया है। यहां के लोग ट्रबाइल पेंटिंग के बहुत शौकिन हैं और पेपर मैच ट्वॉय,वुडन ट्वॉय बनाकर अपनी जिंदगी गुजार रहे हैं। इस गांव के बारे में कहा जाता है कि यहां का हर शख्स कलाकार है। यहां पर लोग घूमने के लिए भी आते हैं।
तिलौनिया
भारत देश में ग़रीबी होने के वजह से कई ऐसे गावं हैं जहां बिजली की कोई सुविधा ही नही हैं वहीं राजस्थान के अजमेर शहर में स्थित यह पहला गांव है। जहां बिजली कि समस्या होने के कारण हर घर में सोलर सिस्टम हैं इस गावं को सोलर गावं के नाम से जाना जाता हैं। यहां पर हर घर की छत पर सोलर सिस्टम चमकता हुआ दिखाई देता है। इस गांव का हर शख्स सोलर सिस्टम को इंस्टाल करना जानता है।
मट्टूर
जैसा कि आप जानते हैं हमारें देश में पुरानें ज़माने में लोग एक दूसरें से संस्कृत भाषा में बात करते थे। लेकिन बदलते हुए ज़माने को देखतें हुए लोग हिंदी भाषा को अपनी राष्ट्रभाषा स्वीकार कर लिया। लेकिन आज भी ऐसा गावं हैं जहां लोगो ने इस सभ्यता को बनाये रखा हैं। बता दें, बैगलुरू का मट्टूर गांव जहां आज भी भारत की महान संभ्यता को संभाले हुए है। गांव का हर शख्स संस्कृत भाषा बोलता है। इसी कारण इस गांव को संस्कृत गांव भी कहा जाता है। यहां पर संस्कृत सीखाने के लिए बच्चों को पाठशाला में 5 साल का प्रशिक्षण दिया जाता है।
पनामिक गांव
हमारें देश में कई ऐसी जगह है जो कि प्रसिद्ध नदियों और झरनों के लिए भी जाने जाते हैं और नए- नए अजुबें भी देखनें को मिलते हैं। वहीं बता दें, सियाचिन ग्लेशियर के पास बसा पनामिक गांव यहां बहती गर्म पानी की धारा के कारण मशहूर है। उस पानी में डुबकी लगाने के लिए दूर-दूर से लोग यहां आते हैं। इस गांव में घूमने का बैस्ट समय जून से सितंबर के बीच है।
कोटा स्टोन
राजस्थान के कई शहर ऐसे हैं जो कि अपनी कलाओं के लिए भी जाना जाता हैं। बता दें, राजस्थान के दक्षिणी छोर पर बसा कोटा गावं अपने कोटा स्टोन के लिए सबसे ज्यादा जाना जाता है। इसे मकानों के फर्श के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह खालिस सोने में उत्कीर्ण हस्तशिल्प के लिए भी लोकप्रिय है। यहां की कोटा-डोरिया की साडिय़ां काफी मशहूर हैं, जो कपड़े के महीन ताने-बाने से बनी होती हैं। कोटा के नजदीक बूंदी में सड़कों पर मिनिएचर पेंटिंग बिकती हुई मिल जाएंगी। अगर आप घूमनें के शौक़ीन हैं तो इन जगहों पर जरुर जाये और देखें ये अद्भुत नज़ारे।