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इंडोनेशिया का ये समाज क्यों रहता है मरे हुए लोगों के साथ?
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सौजन्य डेली मेल
इंडोनेशिया: प्रकृति का नियम है कि मरने के बाद इंसान को या तो जलाया जाता है या दफना दिया जाता है। परिजन उसका अंतिम संस्कार करते हैं, लेकिन क्या आपने कभी किसी को मरे हुए लोगों के साथ रहते देखा है।
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सौ.डेली मेल
मरने के बाद नहीं छोड़ते साथ
इंडोनेशिया में एक समाज है जो कि मौत के बाद भी उस इंसान को अपने साथ रखता हैं। इतना ही नहीं उसके साथ जिंदा इंसानों की तरह ट्रीट करता है और खाना खिलाते हैं।दरअसल यहां के टोराजा संप्रदाय के लोग मौत के बाद भी जिंदगी मानते हैं। उनके लिए मरे हुए लोग भी जिंदा ही है। वे मरे हुए लोगों को कब्र से निकालकर उनको खाना खिलाते हैं और उनके साथ समय बिताते हैं।
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सौ. डेली मेल
मौत के बाद जिंदगी
उनका मानना है कि मौत के बाद जिंदगी का अगला चरण शुरू होता है। इस परंपरा को यहां की लगभग आधी मिलियन आबादी मानती है। इस संप्रदाय में मरे हुए लोगों की अंतिम क्रिया भी अलग तरह से होती है।
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सौ. डेली मेल
अंतिम संस्कार में भैंस की बली
अंतिम क्रिया में बाहर से घूमने आए लोगों को फोटो लेने दी जाती है और उन्हें चाय-नाश्ता कराया जाता है। इसमें मृत व्यक्ति को श्रद्धांजलि देने के लिए सम्मान के तौर पर भैंस की बली दी जाती है।
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सौ. डेली मेल
पैतृक दुर्ग में रखते है मृत बॉडी
बली के बाद मृत शरीर को घर ले जाया जाता है। इसके बाद उसे अनाज घर और बाद में शमशान ले जाते हैं। वहां पर अंतिम क्रिया की जाती है। जिसमें मृत को पैतृक दुर्ग में खाने के सामान और सिगरेट के साथ रखते हैं। इसके बाद मृत शरीर को कई सालों तक सुरक्षित रखने के लिए मृतक के शरीर को फॉर्मल्डहाइड और पानी के घोल से सुरक्षित रखते हैं।
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