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जयपुर: पूर्वोत्तर भारत के राज्यों के नाम बारिश के लिए जाते हैं क्योंकि इन्हीं क्षेत्रों में सबसे ज्यादा बारिश होती हैं और इस वजह से यहां के प्राकृतिक नज़ारे किसी भी देखने वाले के दिल में समा जाते हैं। आइज़ोल की जो मिज़ोरम की राजधानी है। आइज़ोल को अपनी खड़ी पर्वत श्रेणियों, पहाडि़यों और घाटियों के मनोहर दृश्यों के लिए जाना जाता हैं।
दुर्ग रूपी शहर, आइज़ोल में कई पर्यटन स्थल हैं। चूंकि, आइज़ोल पर्यटन अभी अपनी प्रारंभिक अवस्था में हो सकता है, लेकिन फिर भी इसके आसपास के इलाकों में अनेक पर्यटन स्थल हैं जो रोमांचक और हैरान कर देने वाले हैं। शहर के पश्चिम में घाटी से नीचे की ओर बहने वाली हरी भरी तलौंग नदी देखे बिना आइज़ोल की यात्रा अधूरी है। तलौंग नदी शहर की पश्चिमी सीमा पर है और तुरियल नदी-घाटी पूर्व में ऐसा ही भव्य चित्र बनाती है।तामदिल झील पर नाव की सवारी एक प्रमुख आकर्षण है जो कि शहर से बहुत दूर नहीं है। अगर आपको मछली पकड़ने का शौक है तो साइहा में छिमतुईपुई नदी एक बेहतरीन जगह है। 750 फीट की ऊँचाई से गिरने वाला मिज़ोरम का सबसे ऊँचा वनतवांग झरना देखे बिना आइज़ोल की यात्रा अधूरी रहती है। फौंगपुई मिज़ोरम की सबसे ऊँची चोटी है जो आर्किड, रोडोडेंड्रोन और पहाड़ी बकरियों व तितलियों के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है।आइज़ोल न केवल राज्य की राजधानी है बल्कि यह राज्य के सांस्कृतिक केंद्र के रूप में भी कार्य करता है। मिज़ोरम राज्य संगहालय, सोलोमन मंदिर तथा आइज़ोल की जुड़वा झील-रंगदिल झील आदि कुछ ऐसे पर्यटन स्थल हैं जो आइज़ोल पर्यटन को दिलचस्प बनाते हैं। आइज़ोल के पास एक लोकप्रिय स्थान है, रीक, जो राज्य की राजधानी के पास एक छोटा सा सांस्कृतिक गाँव है। इस गाँव में पर्यटकों को मिज़ो की विशिष्ट झोपडि़याँ देखने को मिलेंगी जबकि इस गाँव के किनारे प्राकृतिक जंगलों और पथरीली चट्टानों से सुसज्जित हैं।
नियमित उड़ानों से आइज़ोल कोलकाता और गुवाहाटी से जुड़ा है जो देश के बाकी हिस्सों से जुड़े हुए हैं। निकटतम रेलवे स्टेशन सिलचार(शहर से लगभग 184 कि.मी. दूर) में है जबकि राष्ट्रीय राजमार्ग 54 राज्य की राजधानी को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ता है।