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हादसे दर हादसे : नहीं बदले हालात, यहां पढ़ें रेल हादसों का काला इतिहास
बिहार के वैशाली जिले में रविवार तड़के बड़ा रेल हादसा हो गया। जोगबनी से दिल्ली के आनंद विहार जा रही सीमांचल एक्सप्रेस सहदेई बुजुर्ग के पास पटरी से उतर गई। हादसे में अब तक आठ लोगों के मरने की सूचना मिल चुकी है। कई यात्री घायल बताए जा रहे हैं। इस रेल हादसे ने पूर्व में हुए अन्य रेल दुर्घटनाओं की यादें फिर से ताजा कर दी है।
पटना: बिहार के वैशाली जिले में रविवार तड़के बड़ा रेल हादसा हो गया। जोगबनी से दिल्ली के आनंद विहार जा रही सीमांचल एक्सप्रेस सहदेई बुजुर्ग के पास पटरी से उतर गई। हादसे में अब तक आठ लोगों के मरने की सूचना मिल चुकी है। कई यात्री घायल बताए जा रहे हैं। इस रेल हादसे ने पूर्व में हुए अन्य रेल दुर्घटनाओं की यादें फिर से ताजा कर दी है। केवल बिहार ही नहीं बल्कि यूपी में भी इस तरह के रेल हादसे सामने आ चुके है। तो आइये जानते है कब -कब और कहां-कहां ये रेल हादसे हो चुके है।
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ट्रेन हादसे
-21 जून 1969 को मुहम्मदाबाद में मगारी नदी के पास ट्रेन दुर्घटना में 70 लोगों की मृत्यु हो गई थी और 130 घायल हुए थे।
-27 जनवरी 1982 को आगरा में घने कोहरे के कारण एक मालगाड़ी और एक पैसेंजर ट्रेन की आमने सामने टक्कर में 50 लोग मरे थे और इतने ही घायल हुए थे।
-13 जून 1985 को आगरा में ही ट्रेन हादसा हुआ जिसमें 38 लोगों की मौत हो गई।
-16 अप्रैल 1989 को कर्नाटक एक्सप्रेस ललितपुर के पास पटरी से उतर गई जिसमें 75 लोग मारे गए।
-29 जनवरी 1993 को अयोध्या में विवादित ढांचा गिराए जाने के बाद लखनऊ भोपाल एक्सप्रेस के एस थ्री टीयर के एक कोच और स्लीपर के तीन कोच में झांसी के पास आग लगा दी गई थी लेकिन इसमें कोई हताहत नहीं हुआ था।
-20 अगस्त 1995 को फिरोजाबाद में एक गाय को टक्कर मारने के बाद रुकी पैसेंजर ट्रेन से एक दूसरी ट्रेन टकरा गई थी। इस हादसे में 10 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।
-18 अप्रैल 1996 को गोरखपुर गोंडा पैसेंजर ट्रेन डोमिनगढ़ स्टेशन के पास एक मालगाड़ी से टकरा गई थी जिसमें 60 लोग मरे थे।
-25 मई 1996 को वाराणसी में एक ट्रेन के ट्रैक्टर से टकराने के हादसे में 25 लोग मारे गए थे। मृतक सभी ट्रैक्टर पर सवार थे।
-18 अप्रैल 1997 को गोरखपुर में हुए ट्रेन हादसे में 60 लोग मारे गए थे।
-16 जुलाई 1999 को दिल्ली जा रही ग्रैंड ट्रंक एक्सप्रेस मथुरा के वृन्दावन में सामने से आ रही मालगाडी से टकरा गई जिसमें 17 लोगों की मौत हो गई और 200 लोग घायल हुए थे।
-13 मई 2002 को जौनपुर के पास पटरी काटने के बाद कई डिब्बे पब्री से उतर गए थे ।
-4 जून 2002 को कासगंज के पास एक बस ट्रेन से टकरा गई थी जिससे बस में सवार कई लोग मारे गए थे।
-7 अगस्त 2007 को जोधपुर हावड़ा एक्सप्रेस कानपुर के जूही पुल के पास पटरी से उतर गई थी जिसमें 32 यात्री घायल हुए थे।
-20 अक्तूबर 2009 को मथुरा में एक पैसेंजर ट्रेन दूसरी ट्रेन से टकरा गई थी।
-2 जून 2010 को इटावा के पास मगध लिछिव्वी एकसप्रेस पटरी से उतर गई थी।
-2 जनवरी 2010 को गोरखधाम प्रयागराज पैसेंजर कानपुर के पनकी के पास दुर्घटनाग्रस्त हुई थी। 2 जून 2010 को सरयू एक्सप्रेस प्रतापगढ़ के पास एक ट्रैक्टर से टकराई जिसमें दो लोग हताहत हुए थे।
-16 जनवरी 2010 को आगरा के टुंडला के पास कालिंदी श्रम शक्ति एक्सप्रेस पटरी से उतर गई थी जिसमें कोई हताहत नहीं हुआ था लेकिन कुछ लोग घायल हुए थे ।
-7 जुलाई 2011 को कासगंज में एक बस छपरा मथुरा एक्सप्रेस ने टकरा गई जिसमें 69 लोग मारे गए। मृतक सभी बस पर सवार थे।
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