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Basant Panchami 2025: वसंत पंचमी पर महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ की दो कविताएं
Basant Panchami 2025: वसंत पंचमी के अवसर पर प्रस्तुत है महाकवि निराला की कविताएं।
Basant Panchami 2025: महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ की जयंती यूं तो 21 फरवरी को होती है लेकिन उनका जन्म वसंत पंचमी के दिन हुआ था। वसंत पंचमी पर प्रस्तुत हैं उनकी दो कविताएं-
1- सखि, वसंत आया-
सखि, वसंत आया।
भरा हर्ष वन के मन,
नवोत्कर्ष छाया।
किसलय-वसना नव-वय-लतिका
मिली मधुर प्रिय-उर तरु-पतिका,
मधुप-वृंद बंदी—
पिक-स्वर नभ सरसाया।
लता-मुकुल-हार-गंध-भार भर
बही पवन बंद मंद मंदतर,
जागी नयनों में वन—
यौवन की माया।
आवृत सरसी-उर-सरसिज उठे,
केशर के केश कली के छुटे,
स्वर्ण-शस्य-अंचल
पृथ्वी का लहराया।
2- रुखी री यह डाल, वसन वासन्ती लेगी-
रुखी री यह डाल, वसन वासन्ती लेगी
देख खड़ी करती तप अपलक,
हीरक-सी समीर माला जप
शैल-सुता अपर्ण - अशना,
पल्लव -वसना बनेगी-
वसन वासन्ती लेगी
हार गले पहना फूलों का,
ऋतुपति सकल सुकृत-कूलों का,
स्नेह, सरस भर देगा उर-सर,
स्मर हर को वरेगी
वसन वासन्ती लेगी,
मधु-व्रत में रत वधू मधुर फल
देगी जग की स्वाद-तोष-दल ,
गरलामृत शिव आशुतोष-बल
विश्व सकल नेगी,
वसन वासन्ती लेगी.