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इस बार राजपथ पर दिखी अवध की शान, जानिए किस थीम पर थी UP की झांकी

Newstrack
Published on: 24 Jan 2016 6:18 PM IST
इस बार राजपथ पर दिखी अवध की शान, जानिए किस थीम पर थी UP की झांकी
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लखनऊ. इस बार इंडिया गेट पर 26 जनवरी की परेड में यूं तो कई झांकियां शामिल हुईं, लेकिन उत्तर प्रदेश की झांकी जरा इस बार खास रही। फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद मुख्य अतिथि बने। उन्होंने नवाबी नगर की शान कही जाने वाली जरदोजी कला को काफी करीब से देखा।

25 कलाकारों ने किया तैयार

झांकी के कोऑर्डिनेटर अशोक बनर्जी ने बताया कि करीब 25 कारीगर कई दिनों से इस झांकी को बनाने में जुटे हुए थे। इस काम के लिए उन्होंने कोलकाता की एक पब्लिसिटी कंपनी को भी हायर किया था।

थ्री-डायमेंशनल थी ये झांकी

बनर्जी ने बताया कि ये थ्री-डायमेंशनल झांकी थी, जिसने राजपथ पर मौजूद दर्शकों को काफी आकर्षित किया। इस मॉडल को पहले रक्षा मंत्रालय की एक्सपर्ट कमेटी के सामने पेश किया गया था, जिसे उन्होंने देखने के पास पास किया था।

दुनिया ने भी जानी जरदोजी कला

अशोक बनर्जी के मुताबिक, देश के साथ-साथ विदेशों में भी जरदोजी कला को प्रचलित करने के मकसद से ये थीम चुनी गई थी। झांकी के जरिए इस पेशे से जुड़े हजारों लोगों के काम और मेहनत को दुनिया के सामने पेश किया गया।

किस तरह की है झांकी

झांकी में एक सिरे पर जहां रूमी गेट बनाया गया था, वहीं एक सिरे पर एक कारीगर कपड़े में जरदोजी करता नजर आया। महिलाएं बीच में जरदोजी की काम वाली साड़ियों में नज़र आईं।

जरदोजी कला का एक नमूना। जरदोजी कला का एक नमूना।

क्या है जरदोजी कला

कपड़ों को विभिन्न कीमती सामग्री से सजाने की परंपरागत कला को जरदोजी कहा जाता है। जरदोजी में कपड़े पर सोने और चांदी से कढ़ाई की जाती है। इस कला को सबसे महंगी कढ़ाई की शैलियों में से एक माना जाता है। शुरुआत में ये कढ़ाई असली चांदी के धागों और सोने की पत्तियों से की जाती थी। बदलते समय में सोने-चांदी की बढ़ती कीमतों के कारण कारीगरों ने तांबे के तारों पर सोने या चांदी की परत और रेशमी धागे का इस्तेमाल शुरू किया है।

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