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अब लाइफ हुई और आसान, 'फिंगर वाइब्रेशन' से सिक्योरिटी सिस्टम को करेंगे लॉक व अनलॉक

suman
Published on: 1 Nov 2017 5:54 AM GMT
अब लाइफ हुई और आसान, फिंगर वाइब्रेशन से सिक्योरिटी सिस्टम को करेंगे लॉक व अनलॉक
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रटगर्स :अमेरिका की रटगर्स यूनिवर्सिटी के छात्र एक ऐसा सिक्यॉरिटी सिस्टम डिवेलप कर रहे हैं जो हमारे 'फिंगर वाइब्रेशन' के ज़रिए पहचान करेंगे और आपके घर, कार और उपकरणों को अनलॉक कर देंगे। ऐसा सिस्टम आजकल की जिंदगी को और आसान बना देगा।

वाईब्राइट('VibWrite' )नाम के इस सिस्टम के ज़रिए यूज़र्स की पहचान किसी भी सॉलिड सरफेस पर उसके फिंगर से होगी। अमेरीका की रटगर्स यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स की एक टीम की डिवेलप किए गए इस सिस्टम में पासकोड के साथ टच सेंसिंग टेक्नोलॉजी का यूज़ किया गया है जो वाइब्रेशन सिग्नल का इस्तेमाल करता है।

रटगर्स यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर यिंगयेंग चेन ने कहा कि हर आदमी की फिंगर बोन स्ट्रक्चर यूनिक होता है और उनके फिंगर सरफेस पर अलग-अलग प्रेशर अप्लाई करते हैं, इसलिए सेंसर इसमें फर्क कर यूज़र की पहचान कर लेगा। उन्होंने कहा कि फिंगर प्रिंटिंग और आइरिस की पहचान करने वाले स्मार्ट ऐक्सेस सिस्टम काफी सुरक्षित होते हैं लेकिन यह सामान्य सिस्टम से 10 गुना तक ज्यादा महंगे होते हैं।हमारा सिस्टम सस्ता है और आप इसे हर जगह इस्तेमाल कर सकते हैं।

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हाल में किए गए 2 ट्रायल में 'वाइब्राइट' ने 95% यूज़र को वेरिफाई किया है। हालांकि अभी इस सिस्टम में काफी सुधार की जरूरत है क्योंकि यूजर्स को इस सिस्टम को पास करने में कुछ प्रयास करने पड़ते हैं। इस सिस्टम में सुधार के लिए टीम इसके हार्डवेयर और ऑथेंटिकेशन में सुधार कर रही है।

वैज्ञानिकों ने कम लागत वाली एक नई सुरक्षा प्रणाली विकसित की है। यह प्रणाली उंगलियों के कंपन के आधार पर व्यक्ति को सटीक ढंग से पहचान कर उन्हें स्मार्ट घरों, कारों और उपकरणों तक पहुंच दे सकती है।

स्मार्ट एक्सिस प्रणाली को वाइबराइट कहा जाता है। जब उंगलियां किसी ठोस सतह को छूती है तो यह प्रणाली यूजर को सत्यापन की इजाजत देती है।

इसे अमेरिका की रूटगर्स यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने विकसित किया है। यह प्रणाली पासकोड, व्यवहार और शारीरिक गुणों को मिलाकर बनाई गई है। यह कंपन संकेतों पर आधारित है।

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बायोमेट्रिक प्रणाली से अलग होगा यह

यह परंपरागत पासवर्ड आधारित प्रणालियों से अलग है। यह बायोमेट्रिक आधारित प्रणालियों से भी अलग है जिनमें टच स्क्रीन, फिंगरप्रिंट रीडर या अन्य महंगे हार्डवेयर शामिल है जिन्हें लेकर सुरक्षा संबंधी चिंता बनी रहती है।

यूनिवसिटी के प्रोफेसर यिंगयिंग चेन ने कहा, ‘हर किसी की उंगली की हड्डी का ढांचा अनोखा होता है, हर किसी की उंगली सतह पर अलग-अलग दबाव बनाती है। सेंसर शारीरिक और व्यवहार संबंधी अंतर को पहचान कर सटीक व्यक्ति की पहचान कर सकते हैं।

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