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400 साल से इस राजपरिवार को बेटे की आस, क्या इस बार पूरी होगी इच्छा

Newstrack
Published on: 28 Jun 2016 3:40 AM GMT
400 साल से इस राजपरिवार को बेटे की आस, क्या इस बार पूरी होगी इच्छा
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मैसूरः कर्नाटक के मशहूर वाडियार परिवार के राजा की सोमवार को डूंगरपुर की राजकुमारी तृषिका कुमारी से शादी हुई और इसके साथ ही एक सवाल भी लोगों में चर्चा का विषय बन गया कि क्या इस बार परिवार को बेटे का सुख मिलेगा। दरअसल, वाडियार राजपरिवार में बीते 400 साल से बेटा पैदा नहीं हुआ है। यहां तक कि मौजूदा राजा यदुवीर यानी कृष्णदात्ता चामराज वाडियार भी राजमाता प्रमोदा देवी के दत्तक पुत्र हैं।

क्यों नहीं होता राजपरिवार में बेटा?

-कहते हैं कि साल 1612 में विजयनगर साम्राज्य के पतन के बाद वाडियार राजा ने उसकी संपत्ति लूटी थी।

-तत्कालीन महारानी अलमेलम्मा एकांतवास में थीं, उनके पास काफी सोना और हीरे-जवाहरात थे।

-वाडियार राजा ने अलमेलम्मा के पास दूत भेजकर सारी संपत्ति मांगी।

-महारानी ने मना किया तो वाडियार राजा ने जबरन संपत्ति पर कब्जा करना चाहा।

-इस पर अलमेलम्मा ने श्राप दिया कि जिस तरह मेरा घर उजाड़ा, राजा-रानी की गोद भी हमेशा सूनी रहे। फिर उन्होंने कावेरी नदी में छलांग लगाकर जान दे दी।

-कहते हैं कि इसी श्राप की वजह से वाडियार राजघराने में तबसे कोई बेटा नहीं हुआ।

पिछले महाराजा के भी संतान नहीं थी

-महाराजा रहे श्रीकांतदत्त नरसिंहराज वाडियार और रानी प्रमोदा देवी के भी संतान नहीं हुई।

-प्रमोदा देवी ने पति की बड़ी बहन के बेटे यदुवीर को गोद लेकर राजपरिवार का वारिस बनाया।

-यदुवीर इस परिवार के 27वें महाराजा हैं।

-महाराजा बनने के बाद उन्हें कृष्णदत्त चामराज वाडियार के नाम से जाना जाता है।

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