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गांधीजी के बंदरों का नाम: जानें कहां से आए थे ये, जानकारी आपको कर देगी हैरान
क्या आप जानते हैं कि आखिर ये तीन बन्दर कहाँ से आये थे, गांधीजी से कैसे जुड़े और इन तीनों बंदरों का नाम क्या है, तो आइए हम आपको बताते हैं इसके बारे में...
नई दिल्ली: राष्ट्रपति महात्मा गांधी को तो आज दुनिया में ऐसा कोई नहीं है जो नहीं जानता हो। गांधीजी सत्य और अहिंसा के पुजारी थे। गांधी जी को जानने वाले उनके बंदरों के बारे में भी जानते होंगे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर ये तीन बन्दर कहाँ से आये थे, गांधीजी से कैसे जुड़े और इन तीनों बंदरों का नाम क्या है, तो आइए हम आपको बताते हैं इसके बारे में...
दुनिया भर से लोग गांधीजी से मिलने आते थे ऐसे ही एक बार चीन का एक प्रतिनिधिमंडल गांधीजी से मिलने आया था। गांधीजी से मिलने के बाद चीन के इस प्रतिनिधिमंडल ने गांधीजी को एक भेंट दी थी जिसमें तीन बंदरों वाली मूर्ति थी।
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साथ में ये भी कहा था कि भले ही इस तीन बंदरों की इस मूर्ति की कीमत बच्चों के खिलौने के बराबर हो लेकिन ये हमारे देश यानी चीन में काफी मशहूर है। इस बात को सुन गांधीजी सप्रेम उनकी भेंट को स्वीकार कर लिया था। तभी से ये बन्दर गांधीजी से जुड़ गए आगे चलकर एक सिद्धांत के रूप में विख्यात हुए।
क्या था बंदरों का नाम
बताया जाता है कि गांधीजी के तीन बन्दर के नाम भी है जिनमे पहले बन्दर नाम मिजारू बन्दर है जो अपने आँखों में हाथ रख कर दर्शाता है कि कभी भी बुरा मत देखों, दूसरे बन्दर का नाम मिकाजारू है जो अपने कानों में हाथ रख कर दर्शाता है कि कभी बुरा मत सुनों। तीसरे बन्दर का नाम मजारू है जो अपने मुंह में हाथ रख कर दर्शाता है कि कभी बुरा मत बोलो।
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आपको बता दें कि यूनेस्को ने इन्हें अपनी वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में शामिल किया है। जापान में इन्हें काफी बुद्धिमान बन्दर माना जाता है जहाँ का शिंटो सम्प्रदाय इन्हें काफी भी सम्मान देता है।