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क्यों होते हैं हाथ-पैर सुन्न, कहीं स्लिप डिस्क, मल्टीपल स्क्लेरोसिस तो नहीं!
जयपुर: भागदौड़ भरी जिंदगी में किसी को भी चाहे वो कोई भी काम हो, किसी को भी आराम नहीं मिल पाता। सभी अपने करियर बनाने के पीछे भागते रहते हैं। सबसे ज्यादा परेशानी तब होती है, जब लोग बैठकर काम करते हैं। इसमें कई तरह की बीमारियां होने का खतरा रहता है। जब हम कई घंटों तक बैठे रहते हैं और अचानक खड़े होते हैं तो हमारे हाथ-पैर सुन्न जाते हैं यानि इसमें झनझनाहट पैदा हो जाती है, ऐसा क्यों होता है कभी सोचा है?
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अगर बहुत देर बैठ जाए तो हाथ-पैर सुन्न हो जाते हैं जैसे कि हमारा हाथ या पैर काम ही ना कर रहा हो और साथ ही उनमें झन्नाहट महसूस होने लगती है। जब भी बहुत घंटों कर काम करते रहते हैं तो ऐसा होता है और अगर हम ज्यादा देर तक कहीं हाथ टिका कर बैठ जाते हैं तो हमारी बाहों के साथ भी ऐसा ही होता है जबकि जब हम बांह के बल पर सो जाते हैं तो उठने के बाद हाथ और बाहें सो जाने की शिकायत होती है, लेकिन जब हम थोड़ा हिलते-डुलते हैं और हाथ पैरों में थोड़ी हरकत करते हैं तो ये वापस ठीक हो जाते हैं।
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ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हाथ पैरों का बहुत समय तक एक ख़ास पोजीशन में बैठे रहने से कुछ नसों पर दबाव पड़ता है और ऐसे में उन अंगों को जैसे हाथ और पैर में पूरी मात्रा में ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती और ऐसे में अंग शिथिल हो जाते हैं और जब इसका सन्देश मस्तिष्क तक पहुंचता है तो मस्तिष्क उन अंगों में झनझनाहट पैदा करता है और हमें हाथ पैरों को हरकत में लाने और चहलकदमी करने को मजबूर करता है। ऐसे तो हाथ पैर का सुन होना आम बात है लेकिन अगर हाथ पैरों में ऐसा बार-बार होता है तो इसे डॉक्टर को दिखाना चाहिए। इसकी जांच करें, क्योंकि कई बार ऐसा स्लिप डिस्क, मल्टीपल स्क्लेरोसिस या डायबिटीज के कारण भी होता है।