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WOMEN'S DAY SPECIAL : तोड़ कर समाज की बेड़ियां, बदला जिन्होंने लोगों का नजरिया, उनके जज्बे को सलाम !
लखनऊ : एक दौर था ,जब महिलाएं और लडकियां समाज की बंदिश में अपना पूरा जीवन गुजारती थी। परिवार और समाज के दबाव में उनको अपनी पूरी जिंदगी चार दीवारी में काटनी पड़ती थी। महिलाओं को ना काम करने की आजादी थी नाही बाहरी दुनिया देखने की। उनको बस बच्चे पैदा करने और घर-बार संभालने के योग्य समझा जाता था।
शालिनी तिवारी
लखनऊ : एक दौर था, जब महिलाएं और लडकियां समाज की बंदिश में अपना पूरा जीवन गुजारती थी। परिवार और समाज के दबाव में उनको अपनी पूरी जिंदगी चार दीवारी में काटनी पड़ती थी। महिलाओं को ना काम करने की आजादी थी और ना ही बाहरी दुनिया देखने की। उनको बस बच्चे पैदा करने और घर-बार संभालने के योग्य समझा जाता था।
मगर अब दुनिया उलट-पुलट सी गई है मानो। अब हमारे देश की महिलाओं ने इन सारी बंदिशों और बेड़ियों को तोड़कर एक ऐसा मुकाम हासिल किया है जिससे वो ना सिर्फ भारत में बल्कि दुनियाभर में जानी और सराही जाती हैं।
पहले कोई भी नहीं चाहता था कि उनके घर में बेटी पैदा हो, मगर आज वही बेटियां लाखो युवाओं के लिए मिसाल पेश कर रही हैं और उनकी आइडल वुमन बनती जा रही हैं। महिला दिवस पर newstrack.com ने राजधानी की कुछ ऐसी ही युवा पीढ़ियों से बात कर के ये जाना कि वो कौन हैं जिससे उनको हौंसला और कुछ करने का जज्बा मिलता है।
आगे की स्लाइड में पढ़ें पूरी खबर...
ज्योति प्रभा(नील्मथा, कैंट एरिया)
लखनऊ कैंट में रहने वाली 21 साल की ज्योति ने बताया कि उनकी प्रेरणा माधुरी दीक्षित है। इसका कारण ये नहीं है कि वो एक बॉलीवुड एक्ट्रेस हैं जो दुनियाभर में मशहूर है। जिस तरह माधुरी ने अपने करियर के साथ साथ अपने परिवार को संभाला है,वो खूबी ज्योति को बहुत पसंद आई। जॉब हो या घरेलू काम ,वो हर तरह से खुद को मजबूत रखती हैं और खुद को हर परिस्तिथि में ढालने की क्षमता रखती हैं। उनकी यही बात ज्योति को भी जिंदगी में बढ़ते रहने का हौसला देती है।
शिखा तिवारी (पीजीआई )
20 वर्षीय शिखा को बैडमिंटन खेलने का बहुत शौक है। उन्होंने बताया कि पी.वी सिन्धु हमेशा से ही उनकी फेवरेट रही हैं। वो काफी समय से उनको फॉलो करती आ रही हैं। शिखा ने बताया कि सिंधु अपने हेक्टिक शेड्यूल में भी खुद को फिट एंड स्मार्ट रखती हैं। उनकी ये बात निशा को बहुत पसंद है।
कोमल यादव (तेली बाग )
तेली बाग निवासी कोमल यादव के मुताबिक हर लड़की को साक्षी मलिक जैसी बनने का प्रयास करना चाहिए। इसका मतलब ये नहीं की हर कोई कुश्ती करे। मगर एक छोटे से गांव से आगे बढ़कर अपने सपने को जीने का जो जज्बा साक्षी मालिक में है वो हर लड़की में होना चाहिए। जिससे आगे चलकर वो कुछ ऐसा कर सके कि ना सिर्फ उनके परिवार को बल्कि देशभर को उनपर नाज हो।
अंजलि सिंह (तोपखाना बाजार )
लखनऊ कैंट की तोपखाना बाजार निवासी अंजलि सिंह के लिए सबसी बड़ी इंस्पिरेशन पकिस्तान की रहने वाली मलाला यूसुफजई है जिनको बच्चों के अधिकारों की कार्यकर्ता होने के लिए जाना जाता है। जिस तरह उन्होंने 13 साल की उम्र में तहरीक-ए तालिबान शासन के अत्याचारों के बारे में लिखने की हिम्मत की वो काबिल-ए-तारीफ है। जिस उम्र में आम लडकियां बस अपने बारे में सोचती हैं उस उम्र में देशभर के बच्चों के अधिकार के बारे में सोचा।
शालू (मॉडल सिटी )
15 वर्षीय शालू ने बताया की कल्पना चावला उनके लिए एक बहुत बड़ी इंस्पिरेशन है। वो अंतरिक्ष में जाने वाली पहली भारतीय महिला थी। शालू की माने तो ऐसा जज़्बा और हिम्मत अगर हर लड़की में हो तो कोई भी लड़कियों को बोझ या अपने से छोटा नहीं समझेगा।
प्रतिभा पाठक (लखनऊ कैंट )
21 वर्षीय प्रतिभा काफी चंचल और फैशनेबल मिजाज की हैं। उनको अगर किसी से इंस्पिरेशन मिलती है तो वो है प्रियंका चोपड़ा। प्रतिभा की माने तो प्रियंका और उनमे एक पॉइंट मिलता है की दोनों आर्मी पब्लिक स्कूल में पढ़ी हैं। प्रियंका की तरह वो भी एक बॉलीवुड स्टार बनना चाहती हैं मगर अभी वो इस चीज के लिए खुद को तैयार नहीं कर पाई हैं। प्रतिभा ने बताया कि जिस तरह प्रियंका ने इतना बड़ा सफर तय किया है वो काफी सराहनीय है। आज वो एक इंटरनेशनल फेस बन गई हैं। प्रतिभा को उनसे काफी प्रेरणा मिलती है।
निशा नगरकोटी (ब्लू माइंड सिटी )
निशा पेशे से एक एयर होस्टेस हैं। उनकी आइडल वुमन नीरजा भनोट हैं। नीरजा एक फ्लाइट अटेंडेंट थी। जिन्होंने पैसेंजर्स की ज़िन्दगी बचाने के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी थी। निशा को उनकी बहादुरी और हिम्मत से काफी प्रेरणा मिलती है और निडर होकर ड्यूटी करने का हौसला भी मिलता है।
दिव्या यादव (बुद्धेश्वर विहार )
दिव्या यादव 18 साल की हैं और 12वीं की स्टूडेंट हैं। मंज़िल सैनी उनके लिए सबसे बड़ी इंस्पिरेशन है। लेडी सिंघम कही जाने वाली आईपीएस ऑफिसर मंजिल सैनी अपने काम को लेकर काफी सख्त रहती हैं। ये वही हैं जिन्होंने बना किसी डर या खौफ के सपा मंत्री को नियमों का उल्लंघन करने पर बीच सड़क पर हड़काया था। इनसब के बावजूद उनका एक सॉफ्ट फेस भी है जो वो दुनियावालों के सामने बहुत कम ही लाती हैं। दिव्या भी मंजिल सैनी के तरह लड़कियों के लिए बहादुरी की मिसाल पेश करना चाहती है।