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NO TOBACCO DAY: कहीं हर कश के साथ तो नहीं पी रहे अपनों की जिंदगी!

Newstrack
Published on: 30 May 2016 10:48 AM IST
NO TOBACCO DAY: कहीं हर कश के साथ तो नहीं पी रहे अपनों की जिंदगी!
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लखनऊ: जानते हुए भी कि स्मोकिंग जीवन के लिए नुकसानदेह है, लोग धड़ल्ले से इसका सेवन करते हैं। किसी भी चेतावनी पर आंख मूंद लेते हैं। मगर इस तरह आप न सिर्फ खुद को, बल्कि अपनों का जीवन भी हर कस के साथ खतरे में डाल रहे हैं। कई रिसर्चों में ये बात सामने आई है कि एक्टिव या पैसिव स्मोकिंग से इन्फर्टिलिटी का भी जबरदस्त खतरा होता है। इसी के प्रति जागरूकता लाने के लिए वर्ल्ड नो टोबैको डे हर साल मनाया जाता है। इससे पड़ने वाले कुप्रभाव पर डालते है नजर....

आगे की स्लाइड्स में पढ़िए, धूम्रपान के नुकसान...

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बांझपन का खतरा

इस संबंध में लोहिया हॉस्पिटल में कार्यरत डॉक्टर ए. के अग्रवाल ने कहा कि हाल के सालों में बांझपन के मामले बहुत बढ़े हैं। बांझपन के कई कारण होते हैं। जीवनशैली में बदलाव को इसका प्रमुख कारण माना जा रहा है, जिसमें एक प्रमुख कारण धूम्रपान भी है। ये कैसे प्रभावित करता है इसे समझने के लिए महिला के गर्भधारण के बारे में जानकारी जरूरी है। 27 साल से कम उम्र की सेहतमंद युवा महिला के लिए गर्भधारण की संभावना माह-दर-माह केवल 50:50 ही होती है।

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गर्भ पर पड़ता है बुरा प्रभाव

30साल की आयु में ये संभावना कम हो जाती है और गर्भधारण की केवल 20% संभावना ही बची रह जाती है। साल में गर्भधारण की संभावना केवल 5% रह जाती हैं। लगभग 20% महिलाएं 35 साल की आयु तक गर्भधारण का इंतजार करती हैं और 15 से 44 वर्ष की आयु के बीच लगभग 10% महिलाओं को इनफर्टिलिटी की शिकायत होती है। इसलिए गर्भधारण की संभावना बढ़ानेवाले तत्वों पर ध्यान दिया जाना जरूरी है। धूम्रपान करने से गर्भावस्था के दौरान गर्भ पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।

हर कोई होता है प्रभावित

ईएसआई हॉस्पिटल की डॉ. चंद्रलेखा ने बताया कि यहां इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि न सिर्फ धूम्रपान करनेवाली, बल्कि सेकेंड हैंड स्मोकर यानी धूम्रपान के लगातार संपर्क में आनेवाली महिलाओं को भी नुकसान पहुंचता है।

हाल के कई वैज्ञानिक शोध में भी इस बात की पुष्टि की गई है कि धूम्रपान करने से अंडकोषों को नुकसान पहुंचता है। इसके साथ ही अंडों की गुणवत्ता को भी नुकसान पहुंचता है और समय से पहले मेनोपॉज ला सकता है।

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जब धूम्रपान करनेवाली महिलाओं का आइवीएफ किया जाता है, तो उनमें फॉलिकिल्स और बचे हुए अंडों की कम संख्या पाई जाती है। अमेरिकन सोसाइटी फॉर रिप्रोडक्टिव मेडिसिन के अनुसार जो महिलाएं धूम्रपान करती हैं, उन्हें गर्भधारण करने के लिए धूम्रपान न करनेवाली महिलाओं के मुकाबले दोगुने आइवीएफ के प्रयास करने पड़ते हैं।

धूम्रपान हर तरह से खतरनाक

ब्रिटिश मेडिकल एसोसिएशन द्वारा प्रकाशित अध्ययन में बताया गया है कि धूम्रपान करनेवालों में गर्भधारण की दर में 40% की कमी आ जाती है। सामान्यत: महिला 40 साल तक गर्भधारण कर सकती है, लेकिन अब ये और घट सकती है।

गर्भधारण हो भी जाए, तो कम वजन के शिशु को जन्म देने का खतरा बना रहता है। इसके कारण शिशु का जन्म समय से पहले भी हो सकता है। शिशु का मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है।

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