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INTOLERANCE के बाद अब दलितों की पिटाई पर अवॉर्ड वापसी का दौर शुरू
अहमदबादः इनटॉलरेंस का मुद्दा उठने के दौरान लेखकों और कई अन्य कलाकारों ने सम्मान और पुरस्कार लौटाना शुरू किया था। अब गुजरात के उना में दलितों की पिटाई के मामले में भी ऐसी ही शुरुआत हो गई है। गुजरात के दलित लेखक अमृतलाल मकवाना ने ऐलान किया है कि वह राज्य सरकार से मिला पुरस्कार लौटाएंगे। मकवाना का आरोप है कि सरकार को दलितों से कोई सहानुभूति नहीं है।
मकवाना ने क्या कहा?
-बुधवार को अपना पुरस्कार और 25 हजार की राशि अहमदाबाद के डीएम को लौटाएंगे।
-सुरेंद्रनगर के रहने वाले मकवाना ने कहा कि गुजरात में ऐसी घटनाएं आए दिन हो रही हैं।
-उन्होंने आरोप लगाया कि गुजरात सरकार दलितों को न्याय देने के लिए कोशिश नहीं कर रही।
मकवाना को क्या पुरस्कार मिला था?
-अमृतलाल मकवाना को साल 2012-13 के लिए दासी जीवन श्रेष्ठ दलित साहित्य कृति अवॉर्ड मिला था।
-इस पुरस्कार के लिए उन्हें 25 हजार रुपए, एक सर्टिफिकेट और शॉल दिया गया था।
-अमृतलाल मकवाना कांग्रेस से भी जुड़े रहे हैं।
उना में क्या हुआ था?
-बीती 11 जुलाई को गाड़ी से बांधकर 4 दलित युवकों की पिटाई की गई थी।
-दलित युवक मरी हुई गाय की खाल उतारकर ले जा रहे थे।
-गौ संरक्षकों ने गाय की हत्या का आरोप लगाकर दलितों को पीटा था।
-घटना का वीडियो वायरल होने के बाद से इसके खिलाफ आवाज उठाई जा रही है।
फाइल फोटोः इन्हीं चार दलित युवकों की गुजरात के उना में पिटाई की गई थी