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ये है मेरा इंडिया : जब तक सूरज चाँद रहेगा, शहरों का बदलता नाम रहेगा
लखनऊ : लोकसभा चुनाव सिर पर सवार है। ऐसे में यूपी के अंदर नाम बदलो अभियान सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में तेजी से चल रहा है। सीएम साहेब ने दीपोत्सव के बहाने फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या करने का एलान कर दिया है। इससे पहले इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज कर योगी सरकार ने एकमुश्त हिंदू वोटरों का जुगाड़ कर लिया है। लेकिन ऐसा नहीं है कि योगी ही वोटर्स को रिझाने के लिए नेम गेम खेल रहे हैं। उनके पहले के भी सीएम ऐसा करते रहे हैं। सिर्फ यूपी ही नहीं देशभर में नेम गेम चलता रहा है।
बात शुरू करें इससे पहले जान लीजिए कि फैजाबाद की स्थापना अवध के पहले नबाव सादत अली खां ने 1730 में की थी।
अब शुरू करते हैं नेम गेम की कहानी
अगस्त में मुगलसराय जंक्शन का नाम बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन कर दिया था। योगी सरकार की मांग पर रेलवे ने जंक्शन का नाम बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन कर दिया था।
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हरियाणा सरकार ने यमुनानगर जिले के मुस्तफाबाद का नाम बदलकर सरस्वती नगर रख दिया। इससे पहले गुड़गांव का नाम गुरुग्राम कर दिया गया था। गुड़गांव में एक मेट्रो स्टेशन का नाम भी द्रोणाचार्य के नाम पर है। मेवात का नाम नूंह किया गया।
अप्रैल 2017 में हरियाणा सरकार ने बल्लभगढ़ का नाम बलरामगढ़ कर दिया था। सितंबर 2016 में दिल्ली नगर पालिका परिषद ने रेस कोर्स रोड का नाम ‘लोक कल्याण मार्ग’ कर दिया।
मायावती ने किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी का नाम बदलकर छत्रपति शाहूजी महाराज रख दिया था. अखिलेश यादव ने 2012 में पुराना नाम बहाल कर दिया।
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वर्ष 2012 में अखिलेश ने महामाया नगर का नाम हाथरस, कांशीराम नगर का नाम कासगंज, रमाबाई नगर का नाम कानपुर देहात और प्रबुद्ध नगर का नाम शामली कर दिया। छत्रपति शाहूजी महाराज नगर का नाम बदलकर अमेठी किया। पंचशील नगर का नाम हापुड़ और ज्योतिबा फूले नगर का नाम अमरोहा किया गया।
कांग्रेस शासनकाल में कनॉट प्लेस का नाम बदला गया। 12 जनवरी, 1996 को कनॉट प्लेस का नाम बदलकर राजीव चौक कर दिया गया। कनॉट सर्कस का नाम भी बदल दिया गया। कनॉट सर्कस का नाम इंदिरा गांधी चौक किया गया।
1956 में बनारस को बदलकर 'वाराणसी' कर दिया गया।
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मध्य प्रदेश के इंदौर शहर का नाम मराठा शासनकाल के दौरान 'इंधूर' रखा गया था। लेकिन ब्रिटिश शासन काल में इसे बदलकर 'इंदौर' कर दिया गया। गोवा की राजधानी पणजी का नाम पहले 'पंजिम' हुआ करता था।
2001 में पश्चिम बंगाल की राजधानी कलकत्ता का नाम बदलकर कोलकाता किया गया था।
गुजरात के बड़ौदा का नाम साल 1974 में बदल कर बड़ोदरा किया गया।
पुणे को पहले पूना कहा जाता था लेकिन 1977 में इसके नाम बदला गया।
अगस्त 1996 में मद्रास का नाम बदल कर चेन्नई कर दिया गया था।
एर्नाकुलम का नाम वर्ष 1996 में बदला गया। अब इसे कोच्चि कहा जाता है।
1991 में केरल की राजधानी त्रिवेंद्रम का नाम बदलकर तिरुवनंतपुरम कर दिया गया था।