TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

यूपी में टकराव की राह पर जनसेवक बनाम नौकरशाह

By
Published on: 2 Nov 2017 9:14 AM IST
यूपी में टकराव की राह पर जनसेवक बनाम नौकरशाह
X

लखनऊ: यूपी में नौकरशाहों और सत्ताधारी दल के राजनेताओं के बीच इन दिनों पंगे की ख़बरें आम हैं। योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर और डीएम ग़ाज़ीपुर से शुरू हुआ विवाद का दौर बदस्तूर जारी है। जिलाधिकारी बाराबंकी को भ्रष्ट अफसर क़रार देते हुए सांसद की चिठ्ठी से लेकर, विधायक मयंकेश्वर शरण सिंह का एसपी अमेठी से विवाद, प्रतीक भूषण का गोंडा पुलिस पर वसूली का आरोप लगाते हुए फेसबुक पर वीडियो अपलोड करने की बात लोग भूले भी नहीं थे कि केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने जिलाधिकारी इलाहाबाद और एसएसपी इलाहाबाद को हटवाने का दावा कर अफसरों और राजनेताओं के बीच लड़ाई की नई शुरुआत कर दी है।

उत्तर प्रदेश में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और अफसरों के बीच शीत युद्ध ज़िलों ज़िलों में सड़क पर आ जा रहा है। सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार में वज़ीर ओम प्रकाश राजभर की तत्कालीन जिलाधिकारी ग़ाज़ीपुर संजय कुमार खत्री से विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ा कि मंत्री व सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने डीएम के खिलाफ धरना देने का एलान कर दिया। विवाद बढ़ता और सरकार की किरकिरी होती देख ओम प्रकाश राजभर की सीएम से मुलाक़ात कराई गई, तब जाकर मामला शांत हुआ।

इस के बाद सरकार ने डीएम ग़ाज़ीपुर संजय कुमार खत्री को हटा कर के बालाजी को ग़ाज़ीपुर का नया डीएम बना दिया। अब कुछ इसी तरह का विवाद इन दिनों जिलाधिकारी बाराबंकी अखिलेश तिवारी और सांसद प्रियंका सिंह रावत के बीच चल रहा है। प्रियंका रावत ने बाक़ायदा चिठ्ठी लिख कर डीएम पर भ्रष्टाचार फैलाने का आरोप लगाते हुए डीएम को हटाने की मांग रख दी है। प्रियंका रावत कहती हैं कि जिलाधिकारी 24 घंटे सिर्फ पैसा कमाने का तरीक़ा ईजाद करने में लगे रहते हैं। जिस की वजह से ज़िले की क़ानून व्यवस्था ख़राब हो गई है।

आईएएस अफसरों से पंगे के बीच विधायक मयंकेश्वर शरण सिंह का एसपी अमेठी पूनम से विवाद की खबरे आम हो गई। विधायक एसपी की कार्यशैली से नाराज़ थे। विवाद इतना बढ़ गया कि मयंकेश्वर शरण सिंह ने इस्तीफा तक देने की धमकी दे दी। इस विवाद का पटाक्षेप तब हुआ, जब सरकार ने एसपी अमेठी पूनम को हटा दिया। गोंडा से भाजपा विधायक प्रतीक भूषण ने गोंडा पुलिस का अवैध खनन के लिए रिश्वत लेने का वीडियो फेसबुक पर अपलोड कर दिया। जिस के बाद यूपी सरकार ने 4 थानेदारों को निलंबित कर दिया।

इस पूरे घटनाक्रम के पीछे भी विधायक प्रतीक भूषण और एसपी गोण्डा उमेश कुमार सिंह से विवाद बताया जा रहा है। सूत्रों की माने तो पुलिस अधीक्षक भ्रष्टाचार निवारण संगठन बालेन्दु भूषण सिंह गोण्डा के पुलिस कप्तान की कुर्सी हासिल करना चाहते हैं। इस के लिए बालेन्दु भूषण ने अपने आकाओं के यहां चक्कर भी लगाए लेकिन सफलता नहीं मिली।

अब ताज़ा विवाद केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने खड़ा कर दिया है। अनुप्रिया पटेल ने इलाहाबाद में दावा किया है कि जिलाधिकारी इलाहाबाद संजय कुमार और एसएसपी इलाहाबाद आनंद कुलकर्णी को उन की शिकायत पर हटाया गया है। अनुप्रिया पटेल के इस बयान के बाद विपक्षी सरकार पर हमलावर हैं।

सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी कहते हैं कि सत्ताधारी दल के लोग अफसरों को काम नहीं करने दे रहे हैं, जिस की वजह से न सिर्फ वसूली बढ़ी है बल्कि क़ानून व्यवस्था खराब हुई है और विकास ठप्प हो गया है। कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष इमरान मसूद कहते हैं कि अफसरों और भाजपा से जुड़े लोगों के बीच विवाद की वजह से विकास रुक गया है और क़ानून व्यवस्था बेहद खराब हो गई है।



\

Next Story