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देश के 21 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों नहीं है महिला जेल
महिला कैदियों के रखने के लिए देश के 21 राज्यों में अलग से जेल की कोई व्यवस्था नहीं है। इसका खुलासा नेशनल क्राइम रेकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट में किया गया है।
मनीष श्रीवास्तव
लखनऊ: महिला कैदियों के रखने के लिए देश के 21 राज्यों में अलग से जेल की कोई व्यवस्था नहीं है। इसका खुलासा नेशनल क्राइम रेकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट में किया गया है।
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एनसीआरबी की 31 दिसम्बर 2018 तक की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि देश के कुल 29 राज्य एवं सात केंद्र शासित राज्यों में से मात्र 15 राज्यों में महिलाओं के लिए अलग जेल है। जम्मू, कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित राज्य 31 दिसम्बर 2018 के बाद बने थे इसलिए इस रिपोर्ट में यह शामिल नहीं है। पूरे देश में कुल चार लाख 66 हजार 84 कैदियों में से 31 दिसम्बर 2018 तक 19 हजार 242 महिला कैदी, महिला जेलों में बंद हैं। देश के जिन राज्यों की महिला जेलों में महिला कैदियों को रखने की व्यवस्था है उनकी क्षमता 5 हजार 593 कैदियों के रहने लायक है, जिसमे तीन हजार 243 महिला कैदी निरूद्ध है। महिला जेलों के अलावा अन्य जेलों में 21 हजार 668 महिला कैदियों को रखने की क्षमता के सापेक्ष 15 हजार 999 महिला कैदी निरूद्ध है।
रिपोर्ट के अनुसार तमिलनाडु में पांच महिला जेल हैं जिसमें 2018 महिला कैदियों को रखा जा सकता है। केरल में तीन जिसमें 232 कैदी, बिहार में दो जेल जिसमें 152 कैदी, राजस्थान में दो जिसमें 450 कैदी, दिल्ली में दो जिसकी क्षमता 648 कैदियों की है, आंध्रप्रदेश में एक जिसमें कुल 160 कैदी, गुजरात में एक जेल 210 कैदियों की क्षमता, कर्नाटक में एक जेल जिसकी क्षमता 100, महाराष्ट्र में एक जेल 262 कैदियों की क्षमता, उड़ीसा में एक महिला जेल 55 कैदियों की क्षमता के साथ, पंजाब में एक जेल 320 कैदी, तेलंगाना में एक जेल 250 कैदी, उत्तर प्रदेश में एक जेल 420 कैदी, पश्चिम बंगाल में एक जेल 226 कैदी और 90 कैदियों की क्षमता साथ मिजोरम में एक जेल है, बाकी के 21 राज्य व केंद्र शासित राज्यों में महिलाओं के लिए अलग से कोई जेल की व्यवस्था नहीं है।
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एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा चार हजार 53 महिला कैदी उत्तर प्रदेश में है। जबकि 1620 महिला कैदियों के साथ महाराष्ट्र दूसरे व 1509 महिला कैदियों के साथ मध्य प्रदेश तीसरे स्थान पर है। इसी तरह महिला कैदियों को जेलों में निरूद्ध रखने के लिहाज से उत्तराखंड में सबसे ज्यादा 164.9 प्रतिशत महिला कैदी है। जबकि छत्तीसगढ़ में 146.6 प्रतिशत तथा महाराष्ट्र में 128.1 प्रतिशत महिला कैदी है।