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2100 किलो का घंटाः एटा से जाएगा राम मंदिर के लिए, 5 महीने में होगा तैयार

इस घंटे की खास बात यह है कि इसमें गुणवत्तापूर्ण मेटल का उपयोग किया गया है। बताया जा रहा है कि जब यह घंटा बजेगा तो इसकी आवाज 15 किलोमीटर दूर तक सुनाई पड़ेगी।

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Published on: 11 Aug 2020 5:49 AM GMT
2100 किलो का घंटाः एटा से जाएगा राम मंदिर के लिए, 5 महीने में होगा तैयार
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एटा: जिले का जलेसर क्षेत्र पूरी दुनिया में पीतल के घुंघरू व घंटे के लिए मशहूर है। पहले भी यहां बने घंटे देश के कोने कोने में भेजे गए हैं। अब अयोध्या में बनने वाले भव्य राम मंदिर के लिए भी एक 2100 सौ किलो का घंटा बनाया गया है। इस घंटे को हिंदू मुस्लिम कारीगरों ने मिलकर बनाया है। इस घंटे का निर्माण जलेसर क्षेत्र के एक व्यवसायी परिवार ने कराया है। इस घंटे की कुल कीमत करीब 20 लाख रुपए बताई जा रही है।

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2100 किलो का घंटा

दरअसल हिंदू आस्था के प्रमुख केंद्र भव्य राम मंदिर के निर्माण की बात से पूरे समाज में खुशी की लहर है। राम मंदिर को लेकर लोगों में अगाध आस्था है। इसी आस्था के तहत लोग अपने अपने तरीके से भगवान राम के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त कर रहे हैं। इसी कड़ी में जलेसर के मित्तल परिवार ने 2100 किलो का घंटा राम मंदिर में लगाने के लिए दान करने की बात कही है।

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15 किलोमीटर दूर तक सुनाई पड़ेगी आवाज

इस घंटे की खास बात यह है कि इसमें गुणवत्तापूर्ण मेटल का उपयोग किया गया है। बताया जा रहा है कि जब यह घंटा बजेगा तो इसकी आवाज 15 किलोमीटर दूर तक सुनाई पड़ेगी। इस पूरे घंटे को बनाने में करीब 20 लाख की लागत लगी है। इसके अलावा इस घंटे को बनाने में इकबाल तथा दाऊ दयाल नाम के कारीगरों ने अपना अहम योगदान दिया है। इकबाल ने पूरे घंटे का फरमा बनाया। तो दाऊ दयाल ने इसको तैयार किया है। करीब 6 फीट की ऊंचाई का यह घंटा लोगों में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है और जब से इस घंटे को अयोध्या भेजे जाने की बात लोगों के सामने आई है।

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तब से यह और खास हो गया है। घंटे का निर्माण कराने वाले प्रशांत मित्तल बताते हैं कि यह घंटा हमारे परिवार के द्वारा अयोध्या के राम मंदिर के लिए भेंट किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मंदिर निर्माण के बाद घंटा टांगने की व्यवस्था जैसे ही होती है। स्वयं घंटा ले जाकर वहां भेंट किया जाएगा। अयोध्या के भव्य राम मंदिर के लिए जलेसर में 2100 किलो के घंटे का होने में अभी 5 से 6 महीने का समय और लगेगा निर्माण लगभग पूरा हो गया है। लेकिन इसे पूरी तरीके से तैयार किया जा रहा है।

रिपोर्ट: मोहसिन रशीद

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