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223 गोरखा रंगरूट भारतीय सेना में शामिल
सैन्य प्रशिक्षण के दौरान सराहनीय कार्य करने वाले जवानों को पुरस्कृत किया गया। कसम परेड की प्रथम सलामी ट्रेनिंग बटालियन कमांडेंट ब्रिगेडियर हुकुम सिंह बैंसला (सेना मेडल) ने मंच से ली।
लखनऊ: 42 सप्ताह के कठिन प्रशिक्षण के बाद शनिवार को 223 गोरखा रंगरूट जवान भारतीय सेना का अभिन्न हिस्सा बन गए। वाराणसी के कैंटोनमेंट क्षेत्र स्थित 39 गोरखा ट्रेनिंग सेन्टर (जीटीसी) के परेड ग्राउंड में आयोजित पासिंग आउट परेड में गोरखा जवानों को परम्परागत खुखरी भेंट कर देश की रक्षा के लिए शपथ दिलाई गई। दण्ड पाल अधिकारी ने पवित्र गीता के मूल मंत्र कर्म के साथ देश की रक्षा और भारतीय संविधान के अनुरूप कार्य करने की शपथ जवानों को दिलाई।
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सैन्य प्रशिक्षण के दौरान सराहनीय कार्य करने वाले जवानों को पुरस्कृत किया गया। कसम परेड की प्रथम सलामी ट्रेनिंग बटालियन कमांडेंट ब्रिगेडियर हुकुम सिंह बैंसला (सेना मेडल) ने मंच से ली। इसके बाद शानदार परेड का निरीक्षण भी किया।
इस दौरान अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा कि गौरवशाली भारतीय सेना में शामिल होने के लिए आपको बधाई। कर्म के पथ पर चलते हुए कुछ ऐसा करने की चाह रखना जो सदैव आपकी याद दिलाए। एक सैनिक के रूप में आपको अपने लक्ष्य पर ध्यान देते हुए अनुशासन, शारीरिक क्षमता के साथ साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी आगे बढ़ना है।
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शपथ ग्रहण के बाद ब्रिगेडियर ने शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की। कठिन प्रशिक्षण के दौरान सराहनीय कार्य के लिए रंगरूट राजकुमार कार्की को बेस्ट इन टैक्टिस, सरोज थापा को बेस्ट इन बीपीईटी, संजीव गुरंग को बेस्ट इन फायरिंग, प्रदीप पुलामी को बेस्ट इन ड्रिल, बेनेट फाइटिंग, बुद्धि बहादुर थापा को लेफ्टिनेंट कपाड़िया ट्राफी, मिलन गुरंग को जनरल ए के लहरी मेडल, निरोज गुरंग को ऑल राउंडर बेस्ट गौरव तलवार दे कर मुख्य अतिथि ने सम्मानित किया। इस अवसर पर अपने सपूतों को देश सेवा के लिए समर्पित करने वाले नेपाल और भारत के 223 अभिभावकों को गौरव पदक देकर सम्मानित किया गया।