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झांसी: आनंदीबेन पटेल ने कहा- नई शिक्षा नीति से नए आयाम स्थापित होंगे
यूपी राज्यपाल व कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने कहा कि हमारी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में भाषा, सभ्यता, संस्कृति, सामाजिक मूल्यों को समुचित महत्व मिला है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का विजन भारतीय विश्वविद्यालयों के लिए नए आयाम स्थापित करने का अवसर है।
झाँसी: यूपी राज्यपाल व कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने कहा कि हमारी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में भाषा, सभ्यता, संस्कृति, सामाजिक मूल्यों को समुचित महत्व मिला है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का विजन भारतीय विश्वविद्यालयों के लिए नए आयाम स्थापित करने का अवसर है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति का स्वरूप भारतीय है। यह पूरी तरह से भारत की भारतीय शिक्षा नीति है। नीति के सफल अमल से भारतीय ज्ञान के साथ-साथ भारतीय आवश्यकताओं के अनुसार विद्यार्थियों में स्किल विकसित होगा, जो बहुमुखी प्रतिभा संपन्न युवाशक्ति का निर्माण करेगा। यह बात कुलाधिपति ने बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झाँसी 25 वें दीक्षांत समारोह के अवसर पर कही है।
समाज के आखिरी छोर पर खड़े छात्र-छात्राओं तक पहुंचे उत्कृष्ट ज्ञान
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति बिना दबाव, अभाव और प्रभाव के सीखने के लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित शिक्षा व्यवस्था के निर्माण का प्रयास है। भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप अपनी रूचि और प्रवृत्ति के अनुसार पढ़ाई करने और बिना किसी दबाव के अपनी क्षमता के अनुसार कोर्स और डिग्री ले सकें। जरुरी है कि समाज के आखिरी छोर पर खड़े छात्र-छात्राओं की सर्वश्रेष्ठ और उत्कृष्ट ज्ञान तक पहुंच हो। इसके लिए आवश्यक है कि इक्विटी, कंटेंट और गुणवत्ता सुधार के कार्यों पर विचार किया जाए।
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हो रही आत्मनिर्भर और सशक्त भारत की बात...
देश के अन्दर आत्मनिर्भर और सशक्त भारत की बात हो रही है। ऐसे समय में जरुरी है कि डिजिटल गतिविधियों को अधिक से अधिक प्रसारित करने के लिए तकनीक को उपयोगकर्ता के लिए सरल और सुविधा सम्पन्न बनाया जाये। स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान खोजने के साथ ही जरूरत इस बात की है कि ऐसी जीवनशैली के मॉडल्स के बारे में भी सोचा जाए, जो आसानी से सुलभ हों। उसमें गरीबों, सबसे कमजोर लोगों के साथ ही साथ हमारे पर्यावरण की देखरेख को प्रमुखता हो। कुलाधिपति ने कहा कि मैं आज युवा स्नातकों से आग्रह करना चाहती हूँ कि वे जागें और उठ कर एक उच्चत्तर चेतना, एक नए समाज, एक नए भारत और एक नई दुनिया के लक्ष्य की ओर बढ़ें।
मुख्य अतिथि प्रोफेसर अविनाश चंद्र पांडे ने कही ये बात
वहीं, मुख्य अतिथि प्रोफेसर अविनाश चंद्र पांडे ने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 के दृष्टिकोण से समग्र शिक्षा प्रदान करने की क्षमता है। उन्होंने भारत के उच्च शिक्षा संस्थानों की प्रशंसा करते हुए कहा कि दुनिया में सबसे प्रतिभाएं भारत के उच्च शिक्षा संस्थानों द्वारा ही दी गई है, जिसमें माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, मास्टर कार्ड, और भारतीय उच्चतर शिक्षा प्रणाली के उत्पाद हैं। उन्होंने उपाधि प्राप्त छात्र-छात्राओं से कहा आप ही लोग हैं जो भारत को तेजी से विकास की राह पर ले जाने वाले हैं।भारत तेजी से बढ़ रहा है क्योंकि कई अच्छे लोग यहां काम कर रहे हैं हमारे पास तेजी से बढ़ने की क्षमता है आपको व्यवस्था को बेहतर बनाने का प्रयास करना चाहिए।
बुन्देलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति जेवी वैशंपायन ने कहा कि बुंदेलखंड विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश की अग्रणी विश्वविद्यालयों में परिगणित किया जाता है, 7 जनपदों में फैली 350 से अधिक संबद्ध महाविद्यालयों के माध्यम से बुंदेलखंड अंचल में ज्ञान के प्रकाश को वितरित करने में महती भूमिका का निर्वाह कर रहा है।
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बुंदेलखंड विश्वविद्यालय अपने दूर-दूर तक विस्तारित महाविद्यालयों के द्वारा आर्टस, साइंस, मैनेजमेंट, फॉरेंसिक साइंस, फार्मेसी, बायोमेडिकल आदि परंपरागत तथा नवीनतम युग की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए ज्ञान के नए क्षेत्रों के उद्घाटक विषयों का सुंदर सम्मिश्रण अपने विद्यार्थियों तक पहुंचाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह कर रहा है। उन्होंने बताया कि भविष्य में अनेक का योजनाएं बनाई है जिसमें राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के माध्यम से विश्वविद्यालय में मिट्टी की जांच हेतु एक सॉयाल टेस्टिंग लैब की स्थापना करना शामिल है साथ ही एक मास मीडिया लैब का निर्माण भी किया जाना है।
छात्र-छात्राओं को अलंकरण से सुशोभित किया गया
दीक्षांत समारोह में उपस्थित मुख्य अतिथि सहित कुलपति बुंदेलखंड विश्वविद्यालय प्रोफेसर जे वी वैशंपायन एवं विशिष्ट अतिथि मंडलायुक्त सुभाष चंद शर्मा ने संयुक्त रूप से छात्र-छात्राओं को अलंकरण से सुशोभित किया। इस दौरान एमएससी कृषि की छात्रा दीपमाला जैन को 88.8 फीसदी अंक पाकर कुलाधिपति स्वर्ण पदक सहित पाच पदकों से नवाजा गया, इसके अलावा 44 छात्र-छात्राओं को विभिन्न पदों से सुशोभित किया गया तथा 34 छात्र-छात्राओं को विन्यासी पदक प्रदान किए गए, कार्यक्रम में प्राइमरी स्कूल कोछाभांवर के बच्चों को पाठ्य सामग्री का वितरण किया गया।
इस मौके पर उन्होंने स्वयं सहायता समूह, एफपीओ के कार्यों की सराहना करते हुए प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह व शाल पहनाकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में राज्यमंत्री मन्नु लाल कोरी, विधायक मऊरानीपुर बिहारी लाल आर्य, आईजी एसएस बघेल, जिलाधिकारी आंद्रा वामसी, मुख्य विकास अधिकारी शैलेष कुमार, नगर आयुक्त अवनीश चंद्र राय सहित विभिन्न संकाय की अधिष्ठाता के रूप में प्रोफेसर, अभिभावक व अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
रिपोर्ट: बीके कुशवाहा