35 फीसदी छोटी इकाइयां होने जा रहीं बंद, सर्वे में हुआ बड़ा खुलासा

सर्वे के मुताबिक 3 प्रतिशत एमएसएमई, 6 प्रतिशत कार्पोरेट और 11 प्रतिशत स्वरोजगार करने वाले लोगों ने मौजूदा संकट से अप्रभावित रहने की बात कहीं।

Rahul Joy
Published on: 2 Jun 2020 11:49 AM GMT
35 फीसदी छोटी इकाइयां होने जा रहीं बंद, सर्वे में हुआ बड़ा खुलासा
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लखनऊ। कोरोना वायरस के कारण देश भर में लागू लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था को खासा नुकसान पहुंचा रखा है। इस दौरान अखिल भारतीय निर्माता संगठन (एमआईएमओ) के एक सर्वे में सामने आया है, कि देश की करीब 35 प्रतिशत सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (एमएसएमई) बंद होने की कगार पर है तथा स्वरोजगार में लगे 37 प्रतिशत लोगों ने सुधार की उम्मीद छोड़ कर अपना व्यापार समेटना शुरू कर दिया है।

लोगों के बरोजगार होने की आशंका

इससे बडी संख्या में लोगों के बरोजगार होने की आशंका है। मौजूदा समय में देश के 6 करोड़ से ज्यादा एमएसएमई सेे करीब 11 करोड़ लोगों का रोजगार चलता है। राष्ट्रीय जीडीपी में एमएसएमई की हिस्सेदारी 30 प्रतिशत, निर्माण में 45 प्रतिशत तथा निर्यात में 40 प्रतिशत है।

कर्मचारियों से प्रतिक्रिया ली

यह सर्वेक्षण देश के विभिन्न संघों और उद्योग समूहों के 46 हजार 525 एमएसएमई और स्वरोजगार करने वाले लोगो, कार्पोरेट सीईओ और कर्मचारियों से प्रतिक्रिया ली गई है। सर्वेक्षण में सामने आया कि एमएसएमई को इस स्थिति से उबरने में 3 से 6 महीने लग जायेंगे। इसमे 32 प्रतिशत का मानना है कि मौजूदा हालात पर काबू करने में करीब 6 महीने का समय लग जायेगा। जबकि 12 प्रतिशत आगामी 3 महीने में ही हालात सुधरने की बात कह रहे है।

संकट से बाहर आने की संभावना बताई

सर्वे में ज्यादातर कार्पोरेट सीईओ ने अधिक सकारात्मक जवाब दिया और तीन महीने में संकट से बाहर आने की संभावना बताई। सर्वे के मुताबिक 3 प्रतिशत एमएसएमई, 6 प्रतिशत कार्पोरेट और 11 प्रतिशत स्वरोजगार करने वाले लोगों ने मौजूदा संकट से अप्रभावित रहने की बात कहीं। हालांकि ये सभी आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति से जुड़े रहे और लॉकडाउन में उनके उत्पादों की मांग रही।

एमआईएमओ के पूर्व अध्यक्ष केई रघुनाथन ने बीते सोमवार को कहा कि देश की आजादी के बाद यह पहला मौका है जब इस सेक्टर को इतना भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। काम में कमी और भविष्य में ऑर्डर मिलने को लेकर अनिश्चितता एमएसएमई की सबसे बड़ी चुनौतियों में शामिल हैं।

व्यापार रहा ठप

आपको बता दे कि देश में बीते 25 मार्च से 21 अप्रैल तक पूरी तरह से लॉकडाउन था। इस दौरान देश में व्यापार पूरी तरह से ठप था। 21 अप्रैल को सरकार ने लॉकडाउन के दौरान चरणों में कारोबारी गतिविधियों को खोलना शुरू किया और बीती पहली जून से इसमे भारी छूट दी।

50 हजार करोड़ रुपये का ऐलान

लॉकडाउन के दौरान संकट में फंसे एमएसएमई की मदद करने के लिए केंद्र सरकार ने कंपनियों के फायदे के लिए एमएसएमई की परिभाषा में बदलाव किया तथा आर्थिक पैकेज में तीन लाख करोड़ रुपये का कोलेट्रल फ्री लोन देने की बात कही है। इसके अलावा सरकार ने 50 हजार करोड़ रुपये के फंड ऑफ फंड का भी ऐलान किया है। इससे छोटे बिजनेस में इक्विटी निवेश किया जा सकेगा।

रिपोर्टर- मनीष श्रीवास्तव, लखनऊ

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