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अयोध्या के संतों को सता रहा डर, कहा-योगीराज में ही पूरा कराए मंदिर निर्माण

राम जन्मभूमि कार्यशाला में तराशे गए पत्थरों से ही राम मंदिर का निर्माण होगा। आगामी 2 वर्षों के भीतर राम मंदिर के प्रथम तल का निर्माण कार्य पूरा कराने का प्रयास किया जाएगा, ताकि रामलला को उसमें जल्द विराजमान कर दिया जाए।

Aditya Mishra
Published on: 2 Jun 2020 10:08 AM GMT
अयोध्या के संतों को सता रहा डर, कहा-योगीराज में ही पूरा कराए मंदिर निर्माण
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अयोध्या: राम जन्मभूमि कार्यशाला में तराशे गए पत्थरों से ही राम मंदिर का निर्माण होगा। आगामी 2 वर्षों के भीतर राम मंदिर के प्रथम तल का निर्माण कार्य पूरा कराने का प्रयास किया जाएगा, ताकि रामलला को उसमें जल्द विराजमान कर दिया जाए।

इस बात पर भी सहमति बनी कि 1111 फुट पर जोर न देते हुए मंदिर का शिखर ऊंचा किया जाए और भव्यता बढ़ाई जाए। उक्त जानकारी रामविलास दास वेदांती और नृत्य गोपाल दास के उत्तराधिकारी कमल नयन दास ने दी।

कमल नयन ने बताया कि संतों की राय है कि यह सम्पूर्ण कार्य यूपी के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी की इसी सरकार के कार्यकाल के दौरान पूरा कर लिया जाए। संतों को आशंका है कि अगर ऐसा नहीं होता है तो अगर कोई दूसरी सरकार बनी तो वह राम मंदिर निर्माण को लेकर बाधा खड़ी कर सकती है।

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संगमरमर की मांग खारिज

रामविलास वेदांती ने कहा कि यह मेरा निवेदन है कि मैंने जो पत्र लिखा है उसका नृत्य गोपाल दास जी ने समर्थन किया है। रामविलास वेदांती ने बताया कि ट्रस्ट के अध्यक्ष ने कहा कि संगमरमर का पत्थर बनाने में बहुत समय लगेगा और हम चाहते हैं कि कम से कम 2 साल के अंदर मंदिर बन कर रामलला विराजमान हो जाएं।

नहीं तो पता नहीं कौन सरकार आए और मंदिर को न बनने दे। इसलिए ये सरकार रहते हुए मंदिर बन जाना चाहिए। 2024 तक मंदिर बनकर रामलला विराजमान हो जाने चाहिए। इसके बाद ऊपर का हिस्सा बनता रहेगा।

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कमलनयन दास ने कहा कि वेदांती जी महाराज ने राम जन्मभूमि के लिए पूरा जीवनपर्यंत आंदोलन किया है, बड़ा त्याग किया है और उनका प्रस्ताव भी बहुत उत्तम और स्वागत योग्य है।

वेदांती जी से यहां पर यही बात हुई कि महाराज जी मंदिर ऐसा होना चाहिए कि 2 वर्ष के अंदर भगवान रामलला अपने मंदिर में विराजमान हो जाएं। वेदांती जी भी इस बात से बहुत प्रसन्न थे और उनका यही कहना था की मंदिर ऐसा बने शिखर उसका बहुत ऊंचा हो। हमने कहा कि बहुत अच्छा है। ऐसा प्रस्ताव रखा जाएगा। इस पर वह भी प्रसन्न थे।

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Aditya Mishra

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