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69000 Teachers Recruitment Scam: पिछड़ा दलित संयुक्त मोर्चा का एलान, मूल चयन सूची नहीं बनाई तो करेंगे धरना प्रदर्शन

69000 Teachers Recruitment Scam: 69000 सहायक शिक्षक भर्ती की 1 जून 2020 को जारी की गई लिस्ट को यदि अभ्यर्थियों के गुणांक, कैटिगरी, सबकैटिगरी तथा तथा जन्मतिथि आदि को दर्शाते हुए हाईकोर्ट सिंगल बेंच लखनऊ के 13 मार्च 2023 को दिए गए आदेश के अनुसार मूल चयन सूची के रूप में लिस्ट को नहीं बनाया तो आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी लखनऊ मे धरना प्रदर्शन किए जाने पर विवश होंगे।

Anant Shukla
Published on: 11 Jun 2023 5:41 PM IST (Updated on: 11 Jun 2023 5:51 PM IST)
69000 Teachers Recruitment Scam: पिछड़ा दलित संयुक्त मोर्चा का एलान, मूल चयन सूची नहीं बनाई तो करेंगे धरना प्रदर्शन
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69000 Teachers Recruitment Scam (Photo-Social Media)

69000 Teachers Recruitment Scam: 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में 19000 सीटों पर हुए आरक्षण घोटाले को लेकर आज एक बैठक पिछड़ा दलित संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कश्यप के कृष्णा नगर लखनऊ स्थित आवास पर सम्पन्न हुई। मीटिंग में निर्णय लिया गया कि यदि लखनऊ हाई कोर्ट सिंगल बेंच के 13 मार्च 2023 को दिए गए सरकार को 3 माह में लिस्ट को दोबारा बनाने के आदेश के तहत यदि सरकार ने जल्दबाजी में आकर कोई गलत निर्णय लिया। 69000 सहायक शिक्षक भर्ती की 1 जून 2020 को जारी की गई लिस्ट को यदि अभ्यर्थियों के गुणांक, कैटिगरी, सबकैटिगरी तथा तथा जन्मतिथि आदि को दर्शाते हुए हाईकोर्ट सिंगल बेंच लखनऊ के 13 मार्च 2023 को दिए गए आदेश के अनुसार मूल चयन सूची के रूप में लिस्ट को नहीं बनाया तो आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी लखनऊ मे धरना प्रदर्शन किए जाने पर विवश होंगे। बहुत जल्द दिल्ली जंतर मंतर पर भी आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थी धरना प्रदर्शन करेंगे l

हाई कोर्ट के आदेश के तीन महीने बाद भी नहीं हुई कोई कार्रवाई

पिछड़ा दलित संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कश्यप एवं प्रदेश संरक्षक भास्कर सिंह का कहना है कि लखनऊ हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने 13 मार्च 2023 को दिए गए आदेश में उत्तर प्रदेश सरकार को इस 69000 सहायक शिक्षक भर्ती की 1 जून 2020 को जिला आवंटन सूची के रूप में प्रकाशित लिस्ट को दोबारा से 3 माह के अंदर मूल चयन सूची के रूप में बनाने के निर्देश दिए हैं। इस मूल चयन सूची में अभ्यर्थियों के गुणांक , कैटिगरी , सब कैटिगरी तथा जन्मतिथि आदि का उल्लेख अवश्य होना चाहिए। मूल चयन सूची के रूप में बनाई गई लिस्ट में उत्तर प्रदेश सरकार उस लिस्ट का रिव्यू करें और उसमें देखें कि आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को संविधान द्वारा प्रदत्त आरक्षण ओबीसी वर्ग को 27% एवं एससी वर्ग को 21% तथा एसटी वर्ग को 2% दिया गया है या नहीं। आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 तथा आरक्षण नियमावली 1994 के तहत ठीक तरह से ओवरलैपिंग कराई गई है या नहीं। लखनऊ हाईकोर्ट के आदेश को दिए गए 3 महीने का समय बीत गया लेकिन अभी तक सरकार ने लिस्ट पर कोई भी कार्य नहीं किया है। जब इस संबंध में अधिकारियों से कई बार आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों ने मुलाकात की तथा लिस्ट बनाने के संबंध में पूछा तो अधिकारियों ने स्पष्ट तौर पर कहा कि हमें कुछ नहीं पता किस में क्या हो रहा है l

शिक्षक भर्ती घोटाले पर सरकार नहीं दे रही ध्यान

पिछड़ा दलित संयुक्त मोर्चा के प्रदेश मीडिया प्रभारी राजेश चौधरी ने कहा कि जहां एक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हर भर्ती परीक्षा को पारदर्शिता के साथ होना बता देते हैं। वहीं आज तक उन्होंने कभी भी 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में 19000 सीटों पर हुए आरक्षण घोटाले को लेकर किसी भी अधिकारी पर कोई कार्यवाही नहीं की। जबकि यह मामला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संज्ञान में भी है। आखिर मुख्यमंत्री 69000 सहायक शिक्षक भर्ती पर क्यों नहीं बोलते। यह भी अपने आप में एक बहुत बड़ा सवाल है l आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों ने कई बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लखनऊ जनता दरबार में एवं गोरखपुर जनता दरबार में इस भर्ती में 19000 सीटों पर हुए आरक्षण घोटाले को लेकर कई बार अवगत कराया है। साथ ही साथ बीजेपी के तमाम नेताओं एवं विभाग के बेसिक शिक्षा मंत्री को भी अवगत कराया है लेकिन आज तक इस भर्ती में लिप्त दोषी अधिकारियों पर ना तो कार्रवाई हुई और ना ही उनकी संपत्ति की जांच कर उन पर बुलडोजर चलाने का कार्य किया गया l

पूरा मामला

आरक्षण पीड़ित ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों को इस भर्ती में 27% की जगह मात्र 3.80% तथा एससी वर्ग को 21% की जगह मात्र 16.2% ही आरक्षण दिया है दिया गया है, जो पूरी तरह से गलत है। इस प्रकार इस भर्ती में बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 तथा आरक्षण नियमावली 1994 का घोर उल्लंघन हुआ है। इस भर्ती में हुए आरक्षण घोटाले को लेकर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने भी 29 अप्रैल 2021 को जारी अपनी रिपोर्ट में भी स्वीकार किया है l

दोषी अधिकारियों का प्रमोशन किया तो ठीक नहीं होगा

पिछड़ा दलित संयुक्त मोर्चा के प्रदेश सचिव पुष्पेंद्र सिंह जेलर ने कहा कि यदि इस भर्ती में आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों को लखनऊ हाई कोर्ट की डबल बेंच से जब तक राहत नहीं दी जाती है इस बीच यदि बेसिक शिक्षा विभाग के किसी भी अधिकारी का प्रमोशन किया जाता है तो यह ठीक नहीं होगा। और ऐसी स्थिति में फिर आरक्षण अभ्यर्थी इसके खिलाफ हाई कोर्ट में अपील करेंगे तथा मांग करेंगे कि जब तक लखनऊ डबल बेंच से इस भर्ती में 19000 सीटों पर आरक्षण का घोटाला सिद्ध नहीं हो जाता तब तक बेसिक शिक्षा विभाग के किसी भी बड़े अधिकारी का प्रमोशन ना किया जाए l

बैठक में ये रहे मौजूद

बैठक में भास्कर सिंह, सुशील कश्यप, राजेश चौधरी, पुष्पेंद्र सिंह जेलर, रवि निषाद, रामविलास यादव, नितिन पाल, यदुवेंद्र सिंह , बीपी डिसूजा आदि मौजूद रहे l



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Anant Shukla

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