×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

शौचालय बना आशियाना: गरीब विधवा की दुख भरी कहानी, आवास के लिए लगाई गुहार

गरीब विधवा रामप्यारी कभी तिरपाल तो कभी खुले आसमान के नीचे गुजरबसर करती है मगर बरसात का सीजन होने के नाते प्रधानमंत्री द्वारा प्रदत्त शैचालय में अपना आशियाना बना कर बारिश से बचने का काम कर रही है ।

Newstrack
Published on: 28 Aug 2020 3:47 PM IST
शौचालय बना आशियाना: गरीब विधवा की दुख भरी कहानी, आवास के लिए लगाई गुहार
X
शौचालय बना आशियाना: गरीब विधवा की दुख भरी कहानी, आवास के लिए लगाई गुहार

बाराबंकी: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गरीबो के लिए प्रधानमंत्री आवास और हर घर शौचालय के निर्माण का बीड़ा उठा रखे है । जिसका लाभ गरीबो को मिल भी रहा है मगर कभी-कभी ऐसी तस्वीरें सामने आ जाती है जो मन को झकझोर कर रख देती है ऐसी ही एक तस्वीर सामने आई आई है बाराबंकी से जहाँ एक गरीब विधवा को प्रशासन की लापरवाही से आवास नही मिल पाया लेकिन प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना के तहत उसे शौचालय जरूर मिल गया तो डूबते को तिनके का सहारा मान कर यह दुखियारी महिला ने शौचालय को ही अपना आशियाना बना लिया । इसे आवास क्यों नही मिला इसका उत्तर ग्रामप्रधान से लेकर जिलाधिकारी के पास नही है।

ये भी पढ़ें:सस्ती हुई कारें: कम कीमत और बेहतर माइलेज के साथ लाएं घर, यहां जानें फीचर्स

शौचालय बना आशियाना: गरीब विधवा की दुख भरी कहानी, आवास के लिए लगाई गुहार

गरीब विधवा रामप्यारी कभी तिरपाल तो कभी खुले आसमान के नीचे गुजरबसर करती

दिल दुखा देनी वाली तस्वीर सामने आई है उत्तर प्रदेश के जनपद बाराबंकी के विकासखंड त्रिवेदीगंज इलाके के गाँव मनोधरपुर से । जहाँ की रहने वाली गरीब विधवा रामप्यारी कभी तिरपाल तो कभी खुले आसमान के नीचे गुजरबसर करती है मगर बरसात का सीजन होने के नाते प्रधानमंत्री द्वारा प्रदत्त शैचालय में अपना आशियाना बना कर बारिश से बचने का काम कर रही है ।

जनपद में अब तक 22 हज़ार से अधिक आवास दिए जा चुके है इनमें से कई नाम ऐसे है जो अपात्र होते हुए भी ग्रामप्रधान और ग्राम सचिव के कृपापात्र बनकर अपनी अपात्रता से इतर आवास प्राप्त कर चुके हैं । इतने आवास दिए जाने के बावजूद रामप्यारी को आवास न मिल पाना यह उनकी मंशा और मानसिकता पर सवाल खड़ा करता है जो पात्र व्यक्तियों का चयन करते हैं । एक छोटे से शौचालय में खाना बनाना , खाना और सोना कितना कठिन होगा इसकी कल्पना भी करना मुश्किल है ।

रामप्यारी बताती है कि उनका कच्चा मकान दस वर्ष पूर्व ही गिर गया था

रामप्यारी बताती है कि उनका कच्चा मकान दस वर्ष पूर्व ही गिर गया था और आर्थिक तंगी की वजह से घर का पुनर्निर्माण वह नही करा सकी । प्रधानमंत्री आवास के लिए जब वह सम्पर्क करती है तो उन्हें आस्वासन तो मिलता है मगर पात्रता सूची में नाम अंकित नही किया जाता । जब उनके पास रहने को छत है ही नही तो अपनी गृहस्थी का सामान वह बारिश से बचाव के लिए कहाँ रखें, अगर वह खाना बना कर बाहर रखें तो आवारा कुत्ते उसे कहा जाते है अतः इन सब समस्याओं के बचाव के लिए विवश होकर उनके सामान शौचालय में रखना पड़ता है ।

शौचालय बना आशियाना: गरीब विधवा की दुख भरी कहानी, आवास के लिए लगाई गुहार

ये भी पढ़ें:विश्वविद्यालयों में परीक्षा कराने का मामला: SC ने कहा- बिना Exam छात्र नहीं होंगे प्रमोट

इस मामले में जब स्थानीय ग्राम प्रधान से पूँछा गया तो उन्होंने बताया कि इनका नाम सूची में डलवाया गया है , यह पात्र भी है लेकिन इनको अभी तक आवास नही मिल पाया है । इनके सम्बन्ध में खण्ड विकास अधिकारी से भी कई बार मिल चुके है मगर अभी नई पात्रता सूची में नाम न आने के कारण इनको आवास नही मिल पाया है । प्रधानमंत्री आवास हेतु पहले की सूची में इनका नाम नही आया था तो दोबारा मुख्यमंत्री आवास की सूची में इनका नाम भेजा गया है जिसका सर्वे भी हो चुका है जैसे ही सूची प्राप्त होती है इन्हें आवास दिलवाने का काम किया जाएगा ।

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।



\
Newstrack

Newstrack

Next Story