Rape Case Report: देश में 1825 दिनों में डेढ़ लाख महिलाओं से रेप, रोज गायब हो रही हैं 246 लड़कियां, जानिए UP का हाल

Rape Case In UP Report: एनसीआरबी रिपोर्ट में कई चैकाने वाले मामले सामने आए हैं। देश में कठोर कानून होने के बावजूद भी रोजाना 246 लड़कियां और 1027 महिलाएं गायब हो रही हैं। राजस्थान में 2021 के दौरान सबसे अधिक 6337 रेप के मामले दर्ज हुए थे।

Ashish Pandey
Published on: 30 July 2023 11:53 AM GMT (Updated on: 30 July 2023 5:42 PM GMT)
Rape Case Report: देश में 1825 दिनों में डेढ़ लाख महिलाओं से रेप, रोज गायब हो रही हैं 246 लड़कियां, जानिए UP का हाल
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देश में 1825 दिनों में डेढ़ लाख महिलाओं से बलात्कार: Photo- Social Media

Rape Case In UP Report: भारत में महिलाएं और बच्चियां घर या बाहर कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं। आए दिन महिलाओं के साथ बलात्कार, हत्या, उनके गायब होने की खबरें आती रहती हैं। राज्य सरकार हो या केंद्र सरकार महिलाओं की और बच्चियों की सुरक्षा का जितना भी दावा करें, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। देश में कठोर कानून होने के बावजूद हर दिन 246 लड़कियां और 1027 महिलाएं गायब हो रही हैं तो वहीं भारत में पांच वर्ष यानी 1825 दिनों में डेढ़ लाख महिलाओं से बलात्कार हुआ है। यानी रोजाना 87 महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनाएं हुईं।

राजस्थान में 2021 के दौरान देश में सबसे अधिक 6337 दुष्कर्म के मामले दर्ज हुए थे। मध्यप्रदेश में 2947, यूपी में 2845 और महाराष्ट्र में 2496 मामले दर्ज हुए थे। वहीं मध्यप्रदेश में एक साल के दौरान 13034 लड़कियां और 55704 महिलाओं के गायब होने का मामला दर्ज किया गया तो वहीं महाराष्ट्र में 3937 लड़कियां और 56498 महिलाएं गायब हो गईं। अगर पूरे देशभर की बात करें, तो 2021 में 90113 लड़कियां गायब हुई थीं, जबकि महिलाओं की संख्या 375058 रही है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो ‘एनसीआरबी‘ की रिपोर्ट तो यही कह रही है। एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार देश में रोजाना 246 लड़कियां और 1027 महिलाएं गायब हो रही हैं। वहीं प्रतिदिन 87 महिलाओं के साथ दुष्कर्म हो रहा है।

मणिपुर की घटना के बाद प्राधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों से महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराध के प्रति कठोर कदम उठाने की अपील की और कहा, घटना चाहे राजस्थान की हो, छत्तीसगढ़ की या फिर मणिपुर की हो, कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

राजस्थान में दुष्कर्म के 6337 मामले

एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार देश में सबसे अधिक राजस्थान में 2021 के दौरान 6337 दुष्कर्म के मामले दर्ज हुए थे। रेप का यह आंकड़ा, किसी भी राज्य में सर्वाधिक रहा है। वहीं मध्यप्रदेश में 2947, यूपी में 2845, महाराष्ट्र में 2496 और छत्तीसगढ़ में दुष्कर्म के 1093 मामले दर्ज किए गए। भारत में पांच वर्ष यानी 1825 दिनों में डेढ़ लाख महिलाओं से दुष्कर्म हुआ है। यानी रोजाना 87 महिलाओं की इज्जत लूटी जा रही है।

पांच साल में कौन सा राज्य रेप के केसों में टॉप पर रहा

रिपोर्ट 2021 के मुताबिक, बलात्कार की घटना वाले टॉप 10 राज्यों में छत्तीसगढ़ शामिल नहीं है। 2020 की रिपोर्ट में भी छत्तीसगढ़, टॉप 10 स्टेट में शामिल नहीं है। हालांकि राजस्थान, 2021 और 2020 में दुष्कर्म की घटनाओं में टॉप पर रहा है। 2019 के दौरान भी राजस्थान में ही बलात्कार के सर्वाधिक 5997 मामले सामने आए थे। 2018 में राजस्थान, टॉप पर नहीं था। उस समय मध्यप्रदेश, बलात्कार के 5433 मामलों के साथ सबसे टॉप पर था। राजस्थान का नंबर दूसरा था। 2017 में भी मध्यप्रदेश रेप के मामलों में टॉप पर रहा। दूसरा नंबर उत्तर प्रदेश का था। तीसरे स्थान पर राजस्थान था। 2021 में देश में रेप के कुल 31677 मामले सामने आए थे। 2020 में बलात्कार की 28046 घटनाएं हुई थीं।

अगर पीड़ितों की संख्या देखें तो वह आंकड़ा 28153 रहा है। 2019 में रेप के 32033 मामले मिले थे। इनमें पीड़ित महिलाओं की संख्या 32260 रही है। 2018 में रेप के कुल 33356 मामले सामने आए थे। पीड़ितों की संख्या 33977 रही है। 2017 के दौरान बलात्कार के 32559 मामले दर्ज हुए थे। इन मामलों में पीड़ितों की संख्या 33658 रही है। विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पांच साल के दौरान 159048 से अधिक दुष्कर्म के मामले सामने आए हैं।

मृत्यु दंड सहित कठोर दंडात्मक प्रावधान हैं

एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, 2019 के दौरान देश में कुल 82084 लड़कियां गायब हुई थीं, जबकि महिलाओं की संख्या 342168 थी। 2020 में 79233 लड़कियां गायब हुई तो वहीं लापता महिलाओं की संख्या 344422 रही है। इसी तरह 2021 में 90113 लड़कियां गायब हुई थीं, जबकि 375058 महिलाएं लापता हो गईं।

2021 में 246 लड़कियां और 1027 महिलाओं के लापता होने के मामले दर्ज किए गए थे। गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी ने संसद में बताया, यौन अपराधों के प्रभावकारी निवारण के लिए दंड विधि (संशोधन) अधिनियम, 2013 अधिनियमित किया गया था। इसके अतिरिक्त, 12 वर्ष से कम आयु की बालिकाओं के बलात्कार के लिए मृत्यु दंड सहित और अधिक कठोर दंडात्मक प्रावधान निर्धारित करने के मकसद से दंड विधि (संशोधन) अधिनियम, 2018 अधिनियमित किया गया था।

सरकार के दावे फेल कर रहे हैं ये आंकड़े-

एनसीआरबी की रिपोर्ट को देखें तो महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा को लेकर किए जा रहे सरकार के दावे केवल हवा हावई ही साबित हो रहे हैं। जिस तरह से महिलाओं और मासूमों के साथ घटनाएं हो रही हैं वह हमारे कानून व्यवस्था का पोल खोलता नजर आ रहा है।

Ashish Pandey

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