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घोटाले में अव्वल योगी सरकार, कांग्रेस को भी छोड़ा पीछे, AAP नेता का दावा
उन्होंने कहां कि यूपी सरकार की मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन ने 300 से 400 गुना ज्यादा कीमत पर चिकित्सीय उपकरणों की खरीद कर घोटाला और भ्रष्टाचार किया।
लखनऊ : आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद तथा यूपी प्रभारी संजय सिंह ने ऑक्सीमीटर व थर्मामीटर में घोटालें की जांच के लिए एसआईटी के गठन को गुमराह करने वाली जांच बताते हुए कहा कि घोटालों के मामलें में तो योगी सरकार ने कांग्रेस को भी पीछे छोड़ दिया। उन्होंने कहां कि यूपी सरकार की मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन ने 300 से 400 गुना ज्यादा कीमत पर चिकित्सीय उपकरणों की खरीद कर घोटाला और भ्रष्टाचार किया।
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सवालों के घेरे में एसआईटी पर सवाल
आप राज्यसभा सांसद ने कहा कि वह इस पूरे मामलें को संसद में उठायेंगे। आप नेता ने कहा कि एसआईटी सिर्फ आंख में धूल झोंकने और भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने की कार्रवाई है। निष्पक्ष जांच केवल सीबीआई या हाईकोर्ट के सिटिंग जज की अध्यक्षता में बनी एसआईटी से ही हो सकती है।गोमती नगर में आम आदमी पार्टी के नए प्रदेश कार्यालय के उद्घाटन के अवसर पर शुक्रवार को प्रेसवार्ता में संजय सिंह ने योगी सरकार द्वारा गठित एसआईटी पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार का कहना है कि अब चिंता मत कीजिए,जांच शुरू हो गई है। दो जिलों के साथ कई अन्य जिलों का हवाला लिख दिया है। उन्होंने सवाल उठाया कि एसआईटी में बैठने वाले 03 आईएएस अधिकारी कैसे इतने सारे जिलों की जांच कर पाएंगे? यूपी में 1,10000 गांव, 59,000 पंचायत, नगर निगमों के, नगर पंचायतों के और नगर पालिकाओं के 12,000 वार्ड है। योगी सरकार के तीन अधिकारी इतने बड़े प्रदेश 10 दिन में कैसे जांच कर लेंगे?
घोटालों का प्रदेश
आप सांसद ने कहा कि राज्य के 65 जिलों में घोटाला हुआ है। ऑक्सीमीटर की खरीद में घोटाला, थर्मामीटर की खरीद में घोटाला, एनालाइजर की खरीद में घोटाला, पीपीई किट खरीद में घोटाला, टूथपेस्ट खरीद में घोटाला,ब्रश खरीदने में घोटाला। यानी यह सरकार घोटालों की सरकार बन गई है और योगी सरकार ने कांग्रेस को भी घोटालों और भ्रष्टाचार में पीछे छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि यह बात वह इसलिए कह रहे है क्योंकि अब यह कहा जा रहा है कि यह घोटाला मात्र ग्राम पंचायत स्तरों तक हुआ है और कुछ जिलों का ही घोटाला है। मगर ऐसा नहीं है यह 65 जिलों का घोटाला है। उन 65 जिलों से ज्यादा जिलों में भी यह घोटाला हो सकता है। इसमें सिर्फ ग्राम पंचायत स्तर के अधिकारी ही नहीं, जिला स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक के अधिकारी शामिल है। इसमें उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ऊपर से नीचे तक भ्रष्टाचार में डूबी हुई है।
सोशल मीडिया से
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भ्रष्टाचार से अधिकारी अनभिज्ञ
उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन के पास यूपी में चिकित्सीय उपकरणों की आपूर्ति का जिम्मा है। यह एक सरकारी संस्था है, जिसके माध्यम से चिकित्सीय उपकरणों की आपूर्ति की जाती है। इसने ऑनलाइन 800 रुपये में मिलने वाले ऑक्सीमीटर को 1305 रुपए में खरीदा है और जो थर्मामीटर ऑनलाइन 1800 रुपए में मिलता है, वह थर्मामीटर 5200 रुपए में खरीदा खरीदा है। उन्होंने कहा कि ये गलत है कि इस भ्रष्टाचार के बारे में सरकार के अधिकारियों को पता नहीं था, यूपी सरकार को पता नहीं था। सप्लाई कारपोरेशन में मुख्यमंत्री के खास अफसर बैठे हैं। इन्हीं अफसरों ने सप्लाई में 300-400 गुना भ्रष्टाचार किया है। उन्होंने बिजनौर का हवाला देते हुए बताया कि यहां 1800 रुपये में मिलने वाला थर्मामीटर 3000 रुपये में खरीदा गया और जो ऑक्सीमीटर 800 रुपये में आता है ,उसे 3300 रुपये में खरीदा गया। बाकी सामानों को मिलाकर प्रति किट 20,000 रुपये का भुगतान किया गया।
योगी सरकार सर्वशक्तिमान
कार्यालय के संबंध में हुए सवाल पर उन्होंने कहा कि पहले वाले कार्यालय में मैंने दो-तीन प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें योगी सरकार के जातिवादी चेहरे को उजागर किया और इनके क्रियाकलाप को उजागर किया। इसके बाद उन्होंने हमारा कार्यालय बंद करा दिया। आज दूसरा कार्यालय खोल लिया है और यहां से आगे का कार्यक्रम संचालित करेंगे। योगी सरकार सर्वशक्तिमान हैं, उनकी मर्जी हो तो इसको भी बंद करा सकते हैं। आम आदमी पार्टी जनता के मुद्दों को उठाने के लिए समर्पित है।
रिपोर्टर-मनीष श्रीवास्तव