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सीएमओ व एमएस हटेः करोड़ों के घपले का मामला, रिश्तेदार को पहुंचाया था लाभ
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रीतम कुमार मिश्र भ्रष्टाचार को लेकर निशाने पर आ गये हैं ।
बलिया: मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रीतम कुमार मिश्र भ्रष्टाचार को लेकर निशाने पर आ गये हैं । इनपर शासनादेश की धज्जियां उड़ाते हुए कोविड 19 से बचाव के दौरान बगैर टेंडर व विज्ञापन के एक सरकारी चिकित्सक के नजदीकी रिश्तेदार के होटल को अधिक दर पर खानपान आपूर्ति की भुगतान का आरोप तो है ही, ब्लाक कार्यक्रम प्रबंधक को शासनादेश की अनदेखी कर अधिक मानदेय भुगतान का आरोप है ।
भ्रष्टाचार को लेकर जिला प्रशासन को साक्ष्य सहित लिखित शिकायत दिया गया है। उधर कोविड 19 के संक्रमण के दौरान हो रही छीछालेदर के बाद राज्य मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत की है । मुख्यमंत्री ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी व महिला चिकित्सा अधीक्षक को हटाने का निर्देश दिया है।
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बलिया में कामकाज संभालने के समय से ही अपनी बेजा कार्यशैली को लेकर चर्चित मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रीतम कुमार मिश्र के विरुद्ध भ्रष्टाचार व अनियमितता को लेकर जिला प्रशासन से गम्भीर शिकायत की गई है । बलिया शहर के सतनी सराय के निर्मल पांडेय ने गत 14 जुलाई को जिलाधिकारी को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रीतम कुमार मिश्र, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुधीर तिवारी तथा पटल सहायक आर के सैनी के विरुद्ध लिखित शिकायत की है तथा शिकायत के साथ भ्रष्टाचार व अनियमितता का साक्ष्य के साथ ही अपना एफिडेविट भी दिया गया है । शिकायत कर्ता पांडेय ने शिकायत की शुरुआत प्रदेश शासन द्वारा दवा उपलब्ध कराने के लिए दिये गये करोड़ों रुपये की धनराशि में हुई लूट खसोट से की गई है ।
तत्कालीन उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ जी पी चौधरी के गत 28 मई के शिकायती पत्र का हवाला देते हुए 4 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि की लूटखसोट की शिकायत की गई है । शिकायती पत्र के अनुसार कर्मचारियों के मानदेय भुगतान में भी करोड़ों रुपए का बंदरबांट कर लिया गया है । इस शिकायत के प्रमाण में जानकारी दी गई है कि तत्कालीन मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एस पी राय ने वित्तीय वर्ष 2018 - 19 में ब्लाक कार्यक्रम प्रबंधक की नियुक्ति रुपये 24255 महीने के मानदेय भुगतान पर की गई थी । नियुक्ति में उल्लिखित अनुबंध के अधीन एक वर्ष की संतोषजनक सेवा पर 5 फीसदी का ही लाभ इनको देय था तथा रुपये 25468 से अधिक मानदेय भुगतान नही हो सकता था , लेकिन सांठगांठ कर रुपये 32064 का मानदेय भुगतान प्रति माह कर दिया गया । इसके लिए जिला स्वास्थ्य समिति से स्वीकृति भी नही ली गई । यही नही बलिया शहर कोतवाली में माह 2018 में अब्दुल मन्नान खां , मिथिलेश गिरि व आशुतोष सिंह पर मुकदमा दर्ज होने के बाद भी सरकारी दिशा निर्देश की अनदेखी कर इनको लाभ दे दिया गया ।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी पर कोविड 19 से बचाव कार्य के दौरान चिकित्सा इकाइयों में तैनात चिकित्सक व पैरा मेडिकल स्टाफ के खानपान आपूर्ति में घपलेबाजी का भी आरोप लगाया गया है । शिकायत के अनुसार मिशन निदेशक , एन एच एम के गत 5 अप्रैल 2020 को निर्गत दिशा निर्देश की धज्जियां उड़ाते हुए महिला चिकित्सालय में बाल रोग विशेषज्ञ डॉ सिद्धार्थ मणि दूबे के निकट सम्बन्धी के व्यवसायिक होटल से खानपान की आपूर्ति कराई गई तथा शासन से अनुमन्य पांच सौ रुपये की बजाय 625 रुपये प्रति व्यक्ति के दर पर भुगतान कर दिया गया । इसके लिए टेंडर आमंत्रित न करने व समाचार पत्र में सूचना प्रकाशित न कराने की भी शिकायत की गई है ।
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इस बीच मुख्य चिकित्सा अधिकारी व महिला चिकित्सालय की अधीक्षक द्वारा कोविड 19 से बचाव के दौरान की जा रही लापरवाही का मसला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दरबार में पहुंच गया है । संसदीय कार्य राज्य मंत्री आनन्द स्वरूप शुक्ल ने इनके कारगुजारी की शिकायत मुख्यमंत्री से की है । राज्य मंत्री श्री शुक्ल ने आज ट्वीट कर जानकारी दी है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रीतम कुमार मिश्र व महिला चिकित्सालय की अधीक्षक डॉ माधुरी सिंह को तत्काल हटाने का निर्देश दिया है । महिला चिकित्सालय की अधीक्षक डॉ माधुरी सिंह पिछले दिनों मंडलायुक्त की समीक्षा बैठक में भी गायब थी । मंडलायुक्त ने इसको लेकर नाराजगी जताई थी तथा इनके विरुद्ध कार्रवाई का भरोसा दिलाया था ।
अनूप कुमार हेमकर -बलिया
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