×

विदेशी वायरस के बाद दूसरे देश के कीट भी कर रहे हमला, हुआ भारी नुकसान

मनुष्यों में विदेशी नोवेल कोरोना वायरस का प्रकोप ठंडा भी नहीं पड़ा है कि मक्का की फसल में दूसरे देश के कीट फॉल आर्मी वर्म ने भी हमला बोल दिया है। समय पर नहीं रोका गया तो यह करीब 40 फीसदी तक नुकसान कर देगा।

Vidushi Mishra
Published on: 13 April 2020 1:03 PM GMT
विदेशी वायरस के बाद दूसरे देश के कीट भी कर रहे हमला, हुआ भारी नुकसान
X
विदेशी वायरस के बाद दूसरे देश के कीट भी कर रहे हमला, हुआ भारी नुकसान

अजय मिश्रा

कन्नौज| मनुष्यों में विदेशी नोवेल कोरोना वायरस का प्रकोप ठंडा भी नहीं पड़ा है कि मक्का की फसल में दूसरे देश के कीट फॉल आर्मी वर्म ने भी हमला बोल दिया है। समय पर नहीं रोका गया तो यह करीब 40 फीसदी तक नुकसान कर देगा। वैज्ञानिकों का कहना है कि जिले में करीब 10-15 फीसदी तक फसल को नुकसान पहुंचा दिया है। लॉकडाउन और कीट से फसल के दोहरे नुकसान अन्नदाता परेशान हो गए हैं।

ये भी पढ़ें... ये है Lockdown-2: पहले से अलग होंगे नियम, पीएम करेंगें ऐलान

25-40 फीसदी तक फसल को नुकसान

यूपी के कन्नौज जिले के ब्लॉक जलालाबाद क्षेत्र स्थित कृषि विज्ञान केंद्र अनौगी में तैनात फसल सुरक्षा वैज्ञानिक डॉ. जगदीश किशोर ने बताया कि फॉल आर्मी वर्म एक बहुभोजी और अंतरराष्ट्रीय कीट है। यह मक्का, ज्वार, बाजरा, धान, गेहूं व गन्ना को अधिक नुकसान पहुंचाता है।

वरिष्ठ वैज्ञानिक व केवीके अध्यक्ष डॉ. वीके कनौजिया ने बताया कि सूबे में मक्का का रकवा अन्य जिलों की अपेक्षा कन्नौज व फर्रुखाबाद में ज्यादा है, इसलिए विदेशी कीट यहां अधिक दिखता है।

सही समय पर फसल को न बचाया गया तो 25-40 फीसदी तक फसल को नुकसान पहुंचाता है। कृषि मौसम वैज्ञानिक अमरेन्द्र यादव ने बताया कि ट्रैप एक कीड़ों को आकर्षित करने वाला डिब्बे की तरह होता है।

ये भी पढ़ें...जरा संभलकर: थूक भरकर फेंकी जा रही थैलियां, फैलाया जा रहा कोरोना

इसमें खुशबू वाली टेबलेट रहती हैं, जिसकी महक से उसमें कीड़ा पहुंचता है। उसके बाद वह बाहर नहीं निकल पाता है। बिना केमिकल के कीड़ों को खत्म करने का अच्छी विधि ट्रैप है। उन्होंने बताया कि निजी कृषि दुकानों के अलावा कृषि विभाग से भी ट्रैप मिल जाता है।

कन्नौज में 38 हजार हेक्टेयर में मक्का का रकवा

जनपद में इस बार 38 हजार हेक्टेयर रकवे में मक्का की फसल की गई। अब तक 10-15 फीसदी फसल नुकसान होने का अनुमान है। उन्होंने बताया कि अधिकारी लॉकडाउन व अन्य सरकारी कार्यों में व्यस्त होने की वजह से फील्ड पर पहुंच नहीं पा रहे। किसान भी अफसरों को नहीं मिल पा रहे हैं, इसलिए मोबाइल व मैसेज से ही जानकारी दे रहे हैं।

आखिर क्या है विदेशी कीट फॉल आर्मी वर्म

फॉल आर्मी वर्म कीट (तितली) मुख्य रूप से चांदनी रात में अंडे देती है। मादा कीट ज्यादातर पत्तियों के निचले सतह पर समूह में अंडे देती है। इसके अंडे क्रीमी से हरे व भूरा रंग के होते है।

मादा कीट अपने जीवन काल में 1000 से अधिक अंडे देती है। इसका लार्वा भूरा, धूसर रंग का होता है। कीट के शरीर पर अलग से ट्यूब बेलनाकार कवर दिखाई देती है। इसकी पीठ के नीचे तीन पतली धारिया और सिर पर सफेद उल्टा अंग्रेजी का वाई दिखता है।

ये भी पढ़ें...लॉकडाउन में ट्रीपल मर्डर: खूनी वारदात से दहले लोग, तबाह हुआ परिवार

फसलों को बचाने के लिए किसान यह करें

फेरोमेन ट्रैप आंकलन के लिए एक एकड़ में पांच से 10 ट्रैप तथा कंट्रोल के लिए 15-20 ट्रैप लगना चाहिए। 15-20 दिन के अंतराल में इसके कैप्सूल को बदल देना चाहिए। खेत में टी आकार की लकड़ी को लगा दें, जो कि छह-सात फीट लंबाई की हो।

इस पर कीट खाने वाली चिड़िया बैठ सके और कीट खा सके। पांच मिली नीम ऑयल प्रति लीटर पानी को घोल में मिला कर दोपहर तीन-चार बजे छिड़काव करें।

ट्राइजोफॉस या मोनोक्रोटोफास (रसायन) दो मिली दवा प्रति लीटर पानी के साथ मिला कर छिडकाव करने से फसल को राहत मिलेगा। अथवा इन्डोक्साकार्ब एक मिली प्रति लीटर पानी के साथ घोल बनाकर छिडकाव करें।

ये भी पढ़ें...यूक्रेन में फंसे 600 भारतीय मेडिकल छात्रों को एयरलिफ्ट कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका

Vidushi Mishra

Vidushi Mishra

Next Story