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लाठीचार्ज के बाद बोली प्रियंका, बेटी की चिता जलाने से रोकने वाले किस धर्म को मानते हैं

कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी और राहुल गांधी को यूपी पुलिस ने पहले नोएडा बॉर्डर पर रोका और बाद में हाथरस की ओर पैदल जाने के दौरान उनके साथ धक्का-मुक्की की गई कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया गया।

Newstrack
Published on: 1 Oct 2020 11:51 AM GMT
लाठीचार्ज के बाद बोली प्रियंका, बेटी की चिता जलाने से रोकने वाले किस धर्म को मानते हैं
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लाठीचार्ज के बाद बोली प्रियंका, बेटी की चिता जलाने से रोकने वाले किस धर्म को मानते हैं (social media)

लखनऊ: हाथरस गैंगरेप पीड़िता से मिलने के लिए दिल्ली से हाथरस जाने के दौरान ग्रेटर नोएडा में पुलिस के लाठीचार्ज के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि उन्हें अपने साथ होने वाले जोर -जुल्म की परवाह नहीं है। वह केवल यह पूछना चाहती हैं कि आखिर हिंदू धर्म में कहां ऐसा है कि किसी पिता को अपनी बेटी की चिता जलाने से रोका जाए, जो लोग ऐसा कर रहे हैं वह बताएं कि उनका धर्म क्या है?

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प्रियंका गांधी ने कहा कि देखिए हम पर लाठीचार्ज वगैरह सब ठीक है

कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी और राहुल गांधी को यूपी पुलिस ने पहले नोएडा बॉर्डर पर रोका और बाद में हाथरस की ओर पैदल जाने के दौरान उनके साथ धक्का-मुक्की की गई कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया गया। इस दौरान मीडिया के लोगों के पूछने पर प्रियंका गांधी ने कहा कि देखिए हम पर लाठीचार्ज वगैरह सब ठीक है। हमारे खिलाफ जो भी कार्रवाई करें, करने दें लेकिन इनका व्यवहार जो पीड़िता के परिवार के प्रति रहा है, वह शर्मनाक है।

ऐसा अन्याय हमने देखा नहीं। जो लोग हिंदू धर्म के रखवाले अपने आप को कहते हैं, जो सरकार हर छोटी चीज पर धर्म का नाम लेती है । उस सरकार ने एक पिता को अपनी बेटी की चिता को जलाने नहीं दिया। यह अन्याय है, यह व्यवहार है उनका उत्तर प्रदेश के वासियों के साथ ।

मैं इस बात से पूरी तरह सहमत हूं कि हाथरस की बेटी की दो बार मौत हुई

उन्होंने कहा कि मैं इस बात से पूरी तरह सहमत हूं कि हाथरस की बेटी की दो बार मौत हुई। एक बार उसे दरिंदों ने मौत दी दूसरी बार उत्तर प्रदेश सरकार ने। जब उसे ना तो अच्छा इलाज दिया गया और ना मौत होने के बाद सम्मान से अंतिम संस्कार का अधिकार दिया गया। पीड़ित परिवार के लोग सरकार से गुहार लगाते रहे कि उन्हें अपनी बेटी का अंतिम संस्कार रीति-रिवाज के अनुसार करने दिया जाए लेकिन अहंकार में डूबी सरकार जबरदस्ती परिवार वालों की गैरमौजूदगी में बेटी का शव फेंक दिया।

उन्होंने कहा किजब ऐसा हादसा होता है तो सरकार की जिम्मेदारी होती है कि परिवार को, पीड़िता को पूरी तरह से सहायता दे। उन्हें सपोर्ट करें उन्हें न्याय दिलवाऐं लेकिन उसके साथ हुआ इसका उल्टा। योगी सरकार ने उसके साथ इसके विपरीत किया है. उसे ना सम्मान से जीने दिया गया और ना सम्मान से अंतिम संस्कार का मौका दिया गया।



उन्होंने सोशल मीडिया पर भी ट्वीट कर कहा कि

हाथरस जाने से हमें रोका। राहुल जी के साथ हम सब पैदल निकले तो बारबार हमें रोका गया, बर्बर ढंग से लाठियाँ चलाईं। कई कार्यकर्ता घायल हैं। मगर हमारा इरादा पक्का है। एक अहंकारी सरकार की लाठियाँ हमें रोक नहीं सकतीं। काश यही लाठियाँ, यही पुलिस हाथरस की दलित बेटी की रक्षा में खड़ी होती।

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दूसरी और राहुल गांधी ने पूरे मामले में योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि दुख की घड़ी में अपनों को अकेला नहीं छोड़ा जाता है। यूपी में जंगलराज का यह आलम है कि शोक में डूबे एक परिवार से मिलना भी सरकार को डरा देता है। इतना मत डरो मुख्यमंत्री महोदय।

अखिलेश तिवारी

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