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आगरा: 28 साल बाद शताब्दी एक्सप्रेस रोकने वाले नेता बरी, जानिए पूरा मामला
तत्कालीन केंद्रीय पर्यटन मंत्री माधव राव सिंधिया ग्वालियर से दिल्ली जा रहे थे। आगरा कैंट रेलवे स्टेशन पर भाजपा नेताओं ने उनका विरोध किया था। इस पर जीआरपी कैंट थाने में बलवा व रेलवे एक्ट आदि धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था।
आगरा: आगरा कैंट रेलवे स्टेशन पर शताब्दी एक्सप्रेस रोकने के मामले में 28 साल बाद शनिवार को फैसला आ गया। सांसद राजकुमार चाहर, विधायक योगेंद्र उपाध्याय समेत अन्य आरोपियों को बरी कर दिया। इन नेताओं पर तत्कालीन केंद्रीय पर्यटन मंत्री का विरोध करने का आरोप था।
दरअसल यह मामला दो जनवरी 1993 का है। तत्कालीन केंद्रीय पर्यटन मंत्री माधव राव सिंधिया ग्वालियर से दिल्ली जा रहे थे। आगरा कैंट रेलवे स्टेशन पर भाजपा नेताओं ने उनका विरोध किया था।
इसके बाद जीआरपी कैंट थाने में बलवा व रेलवे एक्ट आदि धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था जिसमें वर्तमान भाजपा सांसद राजकुमार चाहर, वर्तमान विधायक योगेंद्र उपाध्याय, पूर्व विधायक डाक्टर रामबाबू हरित, अधिवक्ता दुर्ग विजय सिंह भैया, सुशील शर्मा, योगेंद्र परिहार, शैलेंद्र गुलाटी, मुकेश गुप्ता आदि को नामजद किया गया था।
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इस मामले में विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। शनिवार को इसमें फैसला आना था। इसलिए सांसद और विधायक समेत अन्य सभी आरोपी अदालत में पेश हुए। आरोपियों की मौजूदगी में विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए उमाकांत जिंदल ने संदेह का लाभ देते हुए सभी को बरी कर दिया।
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अदालत के फैसले के इंतजार में बड़ी संख्या में भाजपा नेता और कार्यकर्ता अदालत के बाहर मौजूद थे। फैसला आने के बाद सभी में खुशी की लहर दौड़ गई। मुकद्दमा की पैरवी हेमेंद्र शर्मा एडवोकेट, मिर्ज़ा कय्यूम वेग एडवोकेट, अनिल शर्मा ने की।
रिपोर्ट: प्रवीण शर्मा
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